गलत रिटर्न बढ़ा सकता है टैक्स की सिरदर्दी

इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। पहले रिटर्न फाइल करना आसान था। आपको अपने चार्टर्ड एकाउंटेंट को सिर्फ फॉर्म 16 देना पड़ता था और वह आपकी तरफ से रिटर्न फाइल करता था। अब अगर आपकी एनुअल सैलरी 10 लाख या इससे ज्यादा है तो आपको रिटर्न ऑनलाइन दाखिल करना होगा।

इनबिल्ट मैकेनिज्म के चलते ऑनलाइन फाइलिंग में आपको सभी जानकारियां अनिवार्य रूप से देनी होंगी। इनमें रेजिडेंशियल स्टेटस, जेंडर, एंप्लॉयर का टैन आदि शामिल होंगे। जानकारी गलत होने या पूरी नहीं होने पर आईटीआर को गलत मान लिया जाएगा।


आम तौर पर होने वाली गलतियां
ज्यादातर टैक्सपेयर्स अपने रिटर्न में बैंक एफडी से इंटरेस्ट इनकम की जानकारी देना भूल जाते हैं। एचऐंडआर ब्लॉक इंडिया के डायरेक्टर वैभव सांकला ने कहा, 'यह सुनिश्चित करने के लिए कि टैक्स रिटर्न फॉर्म में उनकी इनकम, टीडीएस और टैक्स पेमेंट की जानकार वाले खाने भरे गए हैं, टैक्स पेयर्स को फॉर्म 26एएस में टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट को पढऩा चाहिए।' टैक्स पेयर्स डिडक्शंस/एग्जेम्पशंस का दावा करना भी भूल जाते हैं। फॉर्म 16 में इसका जिक्र नहीं होता। टैक्स पोर्टल माईआईटीरिटर्न डॉट कॉम के एमडी साकार एस यादव ने कहा, 'टैक्सपेयर्स अक्सर एंप्लॉयर को इनवेस्टमेंट डिक्लेरेशन सौंपने के बाद टैक्स सेविंग्स इंस्ट्रूमेंट में इनवेस्ट करते हैं। ऐसे मामलों में फॉर्म 16 में इस इनवेस्टमेंट का पूरा ब्योरा नहीं होगा।'

इन चीजों की जानकारी जरूर दें
सैलरीड क्लास के लिए
अर्न्स्ट ऐंड यंग के टैक्स पार्टनर और नैशनल लीडर (ह्यूमन कैपिटल मोबिलिटी सर्विसेज) सोनू अय्यर ने कहा, 'आपको अपनी रेंटल इनकम, कैपिटल गेंस और दूसरे स्रोतों (बैंक इंटरेस्ट इनकम आदि) से इनकम की जानकारी देनी चाहिए। इसके अलावा यदि आप भारत के नागरिक (रेसिडेंट ऑफ इंडिया) और विदेश में आपके असेट्स हैं तो इनकम टैक्स रिटर्न के सही कॉलम में इसकी जानकारी देना अनिवार्य है।'

सेल्फ एंप्लॉयड इंडिविजुअल
सेल्फ एंप्लॉयड इंडिविजुअल को सही इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म का चुनाव करना चाहिए। वे आईटीआर-4/4एस में से अपने लिए फॉर्म चुन सकते हैं। सेल्फ एंप्लॉयड इंडिविजुअल बिजनेस एक्सपेंसेज का पूरा फायदा उठा सकता है। सोनू अय्यर ने कहा, 'आप लैपटॉप, कंप्यूटर्स, फर्नीचर, यूपीएस और वीकल्स जैसे काम से जुड़े एसेट पर डेप्रीसिएशन भी क्लेम कर सकते हैं।'

सही आंकड़े दें
यह देखा गया है कि खुद टैक्स रिटर्न दाखिल करने वाले लोग टैक्स रिटर्न फॉर्म में टैक्सेबल सैलरी अमाउंट के बजाय ग्रॉस सैलरी अमाउंट भर देते हैं। इसके चलते टैक्स डिपार्टमेंट उन्हें डिमांड नोटिस भेज देता है। सैलरी के अलावा चैप्टर 6ए (कई तरह के इनवेस्टमेंट पर 80सी के तहत डिडक्शंस, हेल्थ इंश्यारेंस प्रीमियम पर सेक्शन 80डी, डोनेशंस पर सेक्शन जी आदि) के तहत डिडक्शन पर टैक्स रिटर्न के सेक्शन सही-सही भरना चाहिए। हाउसिंग लोन पर इंटरेस्ट ब्योरा सही-सही देना चाहिए।

आईटी रिटर्न में संशोधन
आईटीआर में किसी तरह की गलती का पता चलने पर आप रिवाइज्ड रिटर्न फाइल कर सकते हैं। हालांकि, यह तभी फाइल किया जा सकता है, जब ओरिजिनल रिटर्न तय समयसीमा के अंदर फाइल किया गया हो। सोनू अय्यर ने कहा, 'रिवाइज्ड रिटर्न फाइनैंशल ईयर क्लोज होने के 2 साल के अंदर या टैक्स अफसर द्वारा असेसमेंट पूरा होने से पहले, जो भी पहले हो, फाइल किया जा सकता है।' इसके अलावा यदि ओरिजिनल रिटर्न ऑनलाइन दाखिल किया गया है तो रिवाइज्ड रिटर्न भी ऑनलाइन दाखिल किया जाना चाहिए।

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