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Regarding APAR clarification

APAR भरने में आने वाली कठिनाइयों बारे स्पष्टीकरण व समाधान

APAR

मिडिल हेड शिक्षकों की समीक्षा करने में सक्षम है लेकिन उनकी रिपोर्टिग करने में असक्षम सरकारी स्कूलों के शिक्षकों में वार्षिक मूल्यांकन निष्पादन रिपोर्ट (एपीएआर) को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। शिक्षकों का कहना है कि जिन प्राइमरी स्कूलों में हेड मास्टर के पद रिक्त पड़े हैं, वहां कार्यरत शिक्षकों की रिपोर्टिग का जिम्मा समीक्षा अधिकारी या मिडिल हेड को सौंपा है। ऐसे में मिडिल हेड शिक्षकों की समीक्षा करने में सक्षम है लेकिन उनकी रिपोर्टिग करने में असक्षम है। इतना ही नहीं पद विशेष की एपीएआर के लिए नामित अधिकारी का एक ही पद नाम होता है न कि अलग-अलग। इसके अलावा स्कूल इंचार्ज, जो वरिष्ठ जेबीटी शिक्षक है उनकी रिपोर्ट को सामान्य जेबीटी के बराबर नहीं भरा जा सकता है। फिलहाल चार जुलाई को सभी स्कूलों में जेबीटी से लेकर पीजीटी की एपीआर भरी जानी है मगर शिक्षकों ने इसका बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। इस दौरान शिक्षक रिपोर्टिग अधिकारी को खाली एपीएआर सौंपकर विरोध जताएंगे। हैरत की बात यह कि आरटीइ नियम अनुसार शिक्षा विभाग नॉन टीचिंग डे की घोषणा नहीं कर सकता है। बावजूद इसके उच्च शिक्षा अधिकारियों ने नियमों की परवाह किए बिना चार जुलाई को नॉन टीचिंग डे घोषित कर दिया है। इस दिन सभी शिक्षक एपीएआर भरकर संबंधित रिपोर्टिग अधिकारी को सौपेंगे। शिक्षा अधिकारियों ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि स्कूल में पढ़ाई होगी या नहीं। विद्यार्थियों की छुट्टी है या उन्हें आना होगा, इत्यादि का लेकर शिक्षकों सहित विद्यार्थी दुविधा में है। शिक्षकों का आरोप है कि शिक्षा विभाग जान-बूझकर हेड टीचर्स की प्रमोशन नहीं कर रहा है। प्राइमरी स्कूलों में कार्यरत वरिष्ठ जेबीटी शिक्षकों को हेड टीचर के पद पर पदोन्नत न कर, उनके अधिकारों को छीनने का काम किया है। शिक्षा विभाग में मंथन शुरू शिक्षा विभाग ने ब्लॉक, जिला व मंडल स्तर पर कार्यशाला का आयोजन किया था। जिसमें एपीएआर के बारे में शिक्षकों को बताया गया था। एक-एक बिंदु पर विस्तार से चर्चा हुई थी। बावजूद इसके शिक्षकों में एपीएआर को लेकर न सिर्फ रोष है, बल्कि विरोध करना शुरू कर दिया है। शिक्षकों को एपीएआर के प्रति जागरूक करने में नाकाम शिक्षा अधिकारियों ने हर बार की तरह मंथन करना शुरू कर दिया है। समीक्षा अधिकारी करेंगे रिपोर्टिग जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी बलजीत सहरावत का कहना है कि प्राइमरी स्कूलों में हेड टीचर नहीं है। उनकी जगह मिडिल हेड समीक्षा अधिकारी ही रिपोर्टिग करेंगे। अगर मिडिल हेड नहीं है तो हेड मास्टर या प्राचार्य करेंगे। स्कूलों का दौरा करेंगे जिला शिक्षा अधिकारी मधुबाला मित्तल का कहना है कि एपीएआर को लेकर किसी प्रकार की शिकायत शिक्षकों ने उन्हें नहीं दी है। फिर भी स्कूलों का दौरा करेंगे। अगर कोई कमी मिली या फिर शिकायत आई तो तुरंत कार्यवाही करेंगे। इसे कहते हैं एपीएआर वार्षिक मूल्यांकन निष्पादन रिपोर्ट या एपीएआर किसी शिक्षक या अधिकारी की उन्नति के लिए उसके प्रदर्शन का आंकलन किया जाता है। इसका उद्देश्य किसी की कमियों को उजागर करने की बजाय उसे विकसित करना है। पहले इसे एसीआर कहते थे लेकिन इसमें बदलाव कर एपीएआर बना दिया।

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