हरियाणा से शुरू होगी व्यावसायिक शिक्षा

हरियाणा से शुरू होगी व्यावसायिक शिक्षा
चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने व्यावसायिक शिक्षा की प्रायोगिक परियोजना शुरू करने के लिए हरियाणा को चुना है। इस परियोजना के अंतर्गत बच्चों को सामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इससे न केवल उनकी दक्षता बढ़ेगी, बल्कि रोजगार पाने में भी उन्हें आसानी होगी। यह जानकारी प्रदेश की शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने दी है। राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क के बारे में सोमवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित राज्यों के शिक्षामंत्रियों की बैठक में गीता भुक्कल ने कहा कि विभिन्न राज्यों में व्यावसायिक शिक्षा के प्रायोगिक चरण में विभिन्न क्षेत्रों को अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कृषि, बागवानी, टेक्नोलॉजी और पशुपालन के क्षेत्रों में व्यावसायिक शिक्षा पर जोर दिया जा सकता है। इसी तरह मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में वहां की आवश्यकता के अनुसार व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र चुने जा सकते हैं। बैठक में हरियाणा के अलावा बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक और मिजोरम के शिक्षा मंत्रियों और कई राज्यों के शिक्षा सचिवों ने भाग लिया। गीता भुक्कल ने व्यावसायिक शिक्षा के विषय को अन्य विषयों के समकक्ष रखने का सुझाव देते हुए कहा कि व्यावसायिक शिक्षा पर होने वाले प्रशिक्षण खर्च को केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाना चाहिए। शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय व्यावसायिक मानदंडों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाए और इसके लिए सक्षम पाठयक्रम तैयार किया जाए। पाठयक्रम ऐसा होना चाहिए जिससे प्रशिक्षण में कोई कठिनाई न आए। गीता भुक्कल ने कहा कि हरियाणा में जिन सेवा क्षेत्रों मे कौशल विकास की आवश्यकता है, उनमें बैकिंग और वित्तीय सेवाएं, संगठित खुदरा बाजार, आतिथ्य और पर्यटन व सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यवसायों में कौशल प्रशिक्षण देना होगा, जिनकी आजकल मांग अधिक है। भुक्कल ने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा के विषय को नौवीं, दसवीं के स्तर पर लाया जाना चाहिए। ऐसा करने से पसंद के विषय चुनने में आसानी रहेगी व प्रशिक्षण भी बेहतर होगा।

जेबीटी नियुक्ति मामल : सरकार ने मांगा समय

जेबीटी नियुक्ति मामल : सरकार ने मांगा समय
चंडीगढ़, जागरण संवाददाता : हरियाणा के नवनियुक्त जेबीटी अध्यापकों को गृह जिले में नियुक्ति न देने के मामले में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल के लिए समय हरियाणा सरकार ने और समय देने की मांग की। इसे हाईकोर्ट ने स्वीकार करते हुए सरकार को जवाब के लिए समय दे दिया। इस संदर्भ में नवचयनित अध्यापकों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। फतेहाबाद, जींद, हिसार व भिवानी जिलों से चयनित व अन्य जिलों में नियुक्त नवनियुक्त जेबीटी अध्यापकों की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि सरकार ने अतिथि अध्यापकों को बनाए रखने के लिए उन्हें नियमों के विरूद्ध दूरस्थ जिलों में नियुक्ति दी है। याचिका में इस तथ्य का भी उल्लेख किया गया है कि भर्ती के समय जिला वार पद विज्ञापित किए थे और उम्मीदवारों से अपनी नियुक्ति की स्थिति में पंसद के जिले के विकल्प मांगे थे। चयन सूची जारी करते समय भी जिलावार मेरिट सूची भी जारी की गई। नियुक्ति के लिए काउंसलिंग के समय भी अध्यापकों से मनपंसद जिला विकल्प मांगा गया परंतु विभाग ने नियमों को ताक पर रखकर उन्हें अन्य जिलों में नियुक्ति दे दी। कई जिलों में तो विज्ञापित पदों की संख्या ज्यादा थी, परंतु वहां विज्ञापित पदों की मात्रा के अनुरूप नियुक्तियां नहीं दी गई। याचिका में यह तर्क भी पेश किया गया कि जेबीटी अध्यापकों का कैडर जिला स्तर का होता है और वरिष्ठता सूची भी जिला स्तर पर तैयार होती है। याचिका के अनुसार विभाग द्वारा बीएड डिग्री के आधार पर लगे अतिथि अध्यापकों को उनके पदों पर यथावत रखते हुए नियमित अध्यापकों को जिले से बाहर नियुक्ति देना नियमों के विरूद्ध है।

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स्कूलों में प्रतिदिन 25 मिनट योग अनिवार्य
चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : हरियाणा विद्यालय शिक्षा विभाग ने खेल गतिविधियों का कैलेंडर जारी कर दिया है। शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने यहां जारी बयान में बताया कि प्रदेश सरकार शिक्षा के साथ ही बच्चों में खेल भावना को प्रोत्साहित करने पर विशेष बल दे रही है। उन्होंने कहा कि विद्यालय शुरू होने के बाद 25 मिनट प्रतिदिन सामूहिक पीटी या योग अभ्यास प्रत्येक कक्षा के छात्र के लिए अनिवार्य होगा। इसके अलावा सभी छात्रों को कम से कम एक खेल में अवश्य भाग लेने तथा प्रत्येक विद्यालय को कम से कम दो खेल अपनाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों के लिए सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों में भाग लेने वाले छात्रों को 16 अंक तक अतिरिक्त देने का प्रावधान किया गया है। इसमें विद्यालय स्तर की सांस्कृतिक अथवा खेल गतिविधि के लिए 4 अंक, ब्लाक स्तरीय गतिविधि के लिए आठ अंक, जिला स्तरीय गतिविधि के लिए 12 अंक तथा राज्य स्तरीय गतिविधि के लिए 16 अंक दिए जाएंगे। खेल कैलेंडर के अनुसार कक्षा छठी से 12वीं तक के छात्रों की अंडर-14 एवं 17 आयु वर्ग की प्री सुब्रतो कप इंटर स्कूल फुटबाल प्रतियोगिता रेवाड़ी में 3 से 5 अगस्त तक होगी। इसी प्रकार लड़कों एवं लड़कियों की अंडर-17 तथा लड़कों की अंडर-15 आयु वर्ग की प्री-नेहरू इंटर स्कूल हॉकी प्रतियोगिता 3 से 5 अगस्त तक कुरुक्षेत्र के शाहबाद में, लड़कों एवं लड़कियों की अंडर-14,17 तथा 19 आयु वर्ग की तैराकी/डाइविंग तथा वाटरपोलो, लड़कों एवं लड़कियों की अंडर-17 एवं 19 तथा केवल लड़कियों की अंडर-14 आयु वर्ग की जुडो तथा लड़कों की अंडर-19 आयु वर्ग की हॉकी प्रतियोगिता 17 अगस्त से 20 अगस्त तक सिरसा में, लड़कों एवं लड़कियों की अंडर-14,17 व 19 आयु वर्ग की बैडमिंटन तथा टेबल टेनिस प्रतियोगिता 17 से 20 अगस्त तक पंचकूला में, लड़कों की अंडर-14,17 व 19 लड़कों की वालीबाल, बॉक्सिंग, लड़कों की अंडर-14 व 17 आयु वर्ग की हॉकी तथा लड़कों की अंडर-19 आयु वर्ग की क्रिकेट प्रतियोगिता 23 से 26 अगस्त तक भिवानी में आयोजित की जाएगी। लड़कों की अंडर-14 जूडो तथा कबड्डी प्रतियोगिता झज्जर में 23 से 26 अगस्त तक, लड़कों की अंडर-17 व 19 आयु वर्ग की कबड्डी, अंडर-14,17 व 19 आयु वर्ग की खो-खो तथा एथलेटिक्स प्रतियोगिता 29 अगस्त से 1 सितंबर को रोहतक में, लड़कों की अंडर-14,17 व 19 आयु वर्ग की कुश्ती तथा अंडर-16 आयु वर्ग की क्रिकेट प्रतियोगिता पहली से 4 अक्टूबर तक सोनीपत में, लड़कों की अंडर-17 व 19 आयु वर्ग की फुटबाल तथा अंडर-14,17 व 19 आयु वर्ग की बास्केटबाल प्रतियोगिता 7 से 10 अक्टूबर तक हिसार में, लड़कों एवं लड़कियों की अंडर-14,17 व 19 आयु वर्ग की जिम्नास्टिक, अंडर-19 आयु वर्ग की एयरोबेटिक्स 3 प्रतियोगिता, लड़कियों की अंडर-14,17 व 19 आयु वर्ग की रिदमिक प्रतियोगिता, लड़कों की अंडर-14 आयु वर्ग की फुटबाल तथा लड़कियों की अंडर-19 आयु वर्ग की क्रिकेट प्रतियोगिता अंबाला में 12 से 15 अक्टूबर तक आयोजित की जाएगी। लड़कियों की अंडर-14,17 व 19 आयु वर्ग की एथलेटिक्स, लड़कों एवं लड़कियों की अंडर-17 व 19 आयु वर्ग की साइक्लिंग, लड़कियों की अंडर-14,17 व 19 आयु वर्ग की कबड्डी प्रतियोगिता कुरुक्षेत्र में तथा लड़कियों की अंडर-14,17 व 19 आयु वर्ग की हॉकी प्रतियोगिता शाहबाद में 17 से 20 अक्टूबर तक होगी। लड़कियों की अंडर-14,17, व 19 आयु वर्ग की बास्केटबाल एवं वालीबाल तथा अंडर-19 आयु वर्ग की फुटबाल प्रतियोगिता 22 से 25 अक्टूबर तक करनाल में, लड़कियों की अंडर-14,17 व 19 आयु वर्ग की खो-खो एवं योगा प्रतियोगिता, अंडर-14 व 17 आयु वर्ग की फुटबाल प्रतियोगिता तथा लड़कों की अंडर-14 आयु वर्ग की क्रिकेट प्रतियोगिता 28 से 31 अक्टूबर तक यमुनानगर में और लड़कों तथा लड़कियों की अंडर-14,17 व 19 आयु वर्ग की हैंडबाल, लड़कियों की अंडर-19 आयु वर्ग की कुश्ती तथा लड़कों की अंडर-14,17 व 19 आयु वर्ग की योगा प्रतियोगिता नरवाना में 2 नवंबर से 5 नवंबर तक होगी।

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मुख्यमंत्री ने मंजूर की रेगुलराइजेशन पालिसी
हरियाणा में तीन हजार कच्चे कर्मियों को मिलेगा लाभ
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अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा की रेगुलराइजेशन पालिसी को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री ने मंजूर करके फाइल मुख्य सचिव उर्वशी गुलाटी को भेज दी है। अब तकनीकी प्रक्रिया के तहत वित्त विभाग से भी मंजूरी लेनी होती है इसलिए फाइल वित्त विभाग के पास भेजी गई है।
मुख्य सचिव ने रेगुलराइजेशन पालिसी बनाते समय सुप्रीम कोर्ट का बहुचर्चित उमा देवी का फैसला ध्यान में रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि 10 अप्रैल 2006 तक जिन कच्चे कर्मचारियों की सर्विस दस साल की हो गई है, उन्हें रेगुलर किया जा सकता है, लेकिन इसके बाद कोई भी बैकडोर एंट्री नहीं होगी। राज्य सरकार रेगुलर पोस्ट पर रेगुलर भरती करेगी। इस फैसले के बाद राज्य सरकार यह रेगुलराइजेशन पालिसी ला रही है। सीएम से मंजूरी मिलने के बाद वित्त विभाग में फाइल पहुंच गई है। वहां से मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार पर निर्भर करेगा कि तुरंत पालिसी जारी कर दी जाए या कैबिनेट बैठक में मंजूरी के बाद जारी की जाए। इस पालिसी के तहत एडहॉक, कांट्रैक्ट, वर्कचार्ज, डेलीवेजिज और पार्ट टाइम पर लगे करीब तीन हजार कर्मचारियों को पक्की नौकरी का तोहफा मिलेगा। सरकार का फैसला है कि जब ये कच्चे कर्मचारी पक्के हो जाएंगे, उसके बाद भविष्य में एडहॉक, डेलीवेजेज, वर्कचार्ज और पार्ट टाइम के तौर पर स्वीकृत पदों पर कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी।
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखकर दी गई मंजूरी
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गेस्ट टीचर्स को STET से गुजरना होगा-हाईकोर्ट

चंडीगढ़. शिक्षकों की भर्ती के लिए अब हरियाणा में सभी उम्मीदवारों को स्टेट टीचर एलीजिबिलटी टेस्ट (स्टेट) से गुजरना होगा। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को गेस्ट टीचरों की तरफ से दाखिल उस याचिका को खारिज कर दिया जिसके तहत उन्हें स्टेट परीक्षा से छूट दिए जाने की मांग की गई थी।
जस्टिस एमएम कुमार व जस्टिस एएन जिंदल की खंडपीठ ने इस संबंध में दाखिल दस याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि वह याचियों की इस दलील से सहमत नहीं हैं कि वर्ष 2002 से पढ़ा रहे गेस्ट टीचर्स को पहली बार आवेदन करने वाले शिक्षकों से अलग श्रेणी में रखा जाए।

खंडपीठ ने कहा कि जब गेस्ट टीचरों की नियुक्ति की गई थी तो उन्हें पहले ही जानकारी दे दी गई थी कि भविष्य में उन्हें नियमित करने की कोई संभावना नहीं है। ऐसे में ये नियुक्तियां एक निर्धारित समय के लिए हैं। अदालत ने याचियों की उस दलील पर भी आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने कहा कि पात्रता परीक्षा का स्तर ज्यादा होने के चलते शिक्षकों की उपयुक्तसंख्या में भर्ती नहीं हो पा रही है। हाईकोर्ट ने कहा कि नीतिगत योजना तैयार करना राज्य सरकार का काम है। परीक्षा को लेकर किए गए नीतिगत संशोधन सही हैं।

हरियाणा शिक्षा विभाग में कार्यरत गेस्ट टीचरों की तरफ से याचिका दायर कर हरियाणा सरकार द्वारा 24 जुलाई 2008 को जारी अधिसूचना में किए गए संशोधन को चुनौती दी गई है। इसके तहत शिक्षकों की भर्ती के लिए स्टेट परीक्षा को अनिवार्य किया गया है। याचिका में मांग की गई थी कि 13 अगस्त 2009 के विज्ञापन के तहत शिक्षकों की भर्ती में उनके जैसे गेस्ट टीचर्स को पात्रता परीक्षा से छूट दी जाए। अदालत ने याचियों की दलीलों से असहमति जताते हुए याचिका खारिज कर दी।

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guest अध्यापकों को झटका
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अध्यापक पात्रता परीक्षा पास न करने वाले अतिथि अध्यापकों को झटका देते हुए उनके द्वारा परीक्षा के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है।
अतिथि अध्यापक विजय कुमार व अन्य ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर राज्य सरकार द्वारा अध्यापकों की नियुक्ति के लिए राज्यस्तरीय अध्यापक पात्रता परीक्षा लेने के फैसले को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा था कि अध्यापकों की शैक्षिक योग्यता तय करना नेशनल काउंसिल टीचर एजूकेशन का काम है न की राज्य सरकार का। याचिकाकर्ता के अनुसार वे जेबीटी, बीए, बीएड, एमए, एमएड डिग्री प्राप्त कर चुके हैं जो स्कूल अध्यापक के लिए एनसीटीई द्वारा तय शैक्षिक योग्यता है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से मांग की थी कि सरकार ने अध्यापक पात्रता परीक्षा के लिए जो अधिसूचना जारी की है उस पर रोक लगाई जाए। सुनवाई के दौरान कोर्ट को यह भी बताया कि याचिकाकर्ता कई सालों से गेस्ट टीचर के रूप में काम कर रहे है और इस टेस्ट की वजह से वे नियमित नियुक्ति के पात्र नही रहेंगे।
इस मामले में पात्रता परीक्षा पास करनेवाले अध्यापक संघ के सदस्यों की तरफ से हाईकोर्ट में अर्जी देकर इस मामले में प्रतिवादी बनते हुए कोर्ट से अपना पक्ष रखने का अवसर देने का आग्रह किया गया था।
दोनो पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि इस मामले में याचिकाकर्ता गेस्ट अध्यापकों द्वारा जो तर्क दिए गए हैं वे प्रभावित करने वाले नही हैं और राज्य सरकार के पास यह अधिकार है कि वह शिक्षा में सुधार के लिए अध्यापकों की उच्च योग्यता तय कर सके।
हाईकोर्ट के शुक्रवार के फैसले से वे हजारों गेस्ट टीचर प्रभावित होंगे, जिन्होंने अध्यापक पात्रता परीक्षा पास नहीं की है।

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