देश में प्रति व्यक्ति आय 50 हजार के पार
नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था नई ऊंचाई छूने को अग्रसर है। देश में पिछले एक साल में प्रति व्यक्ति आय में 17.9 फीसदी का इजाफा हुआ है। केंद्र सरकार की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2010-11 में देश की प्रति व्यक्ति आय 54,835 रुपये वार्षिक पहुंच गई है। एक वर्ष पहले यह 46,492 रुपये थी।
केंद्रीय सांख्यिकी संस्थान के मुताबिक, मौजूदा बाजार दर के लिहाज से एक वर्ष में प्रति व्यक्ति आय में आठ हजार रुपये से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। प्रति व्यक्ति आय दरअसल देश की समग्र आबादी की आय का औसत है। राष्ट्रीय आय को कुल जनसंख्या से विभाजित किए जाने पर प्रति व्यक्ति आय की गणना की जाती है।
वैसे प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि की 2004-05 की कीमतों के आधार पर गणना करे तो यह करीब 6.5 फीसदी है। मुद्रा स्फीति वृद्धि के लिहाज से तुलना का यही सही तरीका है। राष्ट्रीय आय के मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2011 में प्रति व्यक्ति आय (आधार 2004-05 की कीमत) 35,917 रुपये रही जो कि पिछले वर्ष के 33,731 की तुलना में करीब दो हजार रुपये अधिक है।
एजेंसी
19.1त
की वृद्धि दर
रही भारतीय अर्थव्यवस्था में
2009-10
मौजूदा कीमत के लिहाज से भारतीय अर्थव्यवस्था
2010-11
प्रति व्यक्ति
2010-11
17.9त
आंकड़े करोड़ रुपये में
का इजाफा हुआ प्रति व्यक्ति आय में एक साल के भीतर
61,33,230
क
46,492
73,06,990
क
54,835
पांच लाख तक की आय वालों को नहीं भरना होगा रिटर्न
नई दिल्ली। पांच लाख रुपये वार्षिक तक की आमदनी वाले देशभर के करीब 85 लाख वेतनभोगियों को अब आयकर टैक्स रिटर्न भरने की जरूरत नहीं होगी।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के निवर्तमान चेयरमैन सुधीर चंद्रा ने बताया कि ऐसे वेतनभोगी जिनका वेतन पांच लाख वार्षिक तक है, को आयकर रिटर्न भरने की जरूरत नहीं है। हम इस संबंध में जून के पहले सप्ताह में अधिसूचना जारी करेंगे।
यह योजना मूल्यांकन वर्ष 2011-12 से लागू होगी। इसके मायने यह हैं कि योजना की दायरे में आने वाले वेतनभोगियों को वित्तीय वर्ष 2010-11 के लिए मूल्यांकन वर्ष 2011-12 में रिटन दाखिल करने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि चंद्रा ने कहा कि यदि टैक्स प्रदाता रिफंड का दावा करना चाहते हैं तो उन्हें रिटर्न फाइल करना होगा।
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