शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत शिक्षा विभाग द्वारा जिले भर में स्कूलों की पहचान की जाएगी। इसके लिए विभाग की तरफ से हरियाणा अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (हरसैक) की सहायता से मैपिंग कराई जाएगी। इससे स्कूल से स्कूल की दूरी को मापा जाएगा। यह परियोजना जून माह में पूरी कर ली जाएगी।
आरटीई में दिए गए प्रावधानों के अनुसार प्राथमिक स्कूलों के बीच एक किलोमीटर, माध्यमिक स्कूलों के बीच दो किलोमीटर और उच्च माध्यमिक स्कूलों के बीच अधिकतम तीन किलोमीटर की दूरी निर्धारित की गई है। हालांकि विभागीय सर्वेक्षण में इन स्कूलों की पहचान की जा चुकी है, लेकिन फिर भी कई ऐसी बस्तियां और शहरी क्षेत्र हैं जहां पर निर्धारित शर्तो के अनुसार स्कूल नहीं है।
इसलिए विभाग ने फैसला लिया है कि इन क्षेत्रों में स्कूलों के बीच की दूरी हरसैक की सहायता से मापी जाए ताकि मापदंडों के अनुरूप नए स्कूल खोले जा सकें। जिला शिक्षा अधिकारी मित्रसेन मल्होत्रा बताते हैं कि इसके लिए जिला स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इस माह के अंत तक सभी पड़ोसी स्कूलों की पहचान कर ली जाएगी। विभाग के इस अभियान में हरसैक की सहायता ली जा रही है।
शिक्षा का अधिकार
> पता चलेगा, स्कूलों के बीच की दूरी निर्धारित मानक के अनुसार है या नहीं
> मैपिंग के लिए हरियाणा अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र की ली जाएगी मदद
> प्राथमिक स्कूल एक किमी, माध्यमिक दो और उच्च माध्यमिक तीन किमी दूर होने चाहिए
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