कहीं आप भी तो नहीं हो रहे हैक

कहीं आप भी तो नहीं हो रहे हैक
हर रोज हो रहे हैं दस हजार ई-मेल हक
नई दिल्ली। कहीं आप तो नहीं हो रहे हैं हैक्ड। यदि आपको यह संदेश मिला है तो तुरंत सावधान हो जाइए! क्योंकि भारत में हर रोज लगभग दस हजार नेट यूजर्स हैकिंग का शिकार हो रहे हैं। भारत में इतनी बड़ी तादाद की सबसे बड़ी वजह यह है कि देश में नेट यूजर्स की संख्या भले ही तेजी से बढ़ रही हो, लेकिन लोगों को इंटरनेट सुरक्षा के बारे में बुनियादी जानकारी नहीं है। नेट यूजर्स को यह तक पता नहीं है कि अगर उनका ई-मेल अकाउंट हैक्ड हो जाए तो उनको सबसे पहले क्या करना चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय इंटरनेट सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि नेट यूजर्स बुनियादी जानकारी के अभाव के चलते हैकिंग के शिकार हो रहे हैं। साइमन टेक का कहना है कि हैकर लोगों का ई-मेल हैक्ड करके निजी और वित्तीय जानकारियां जुटाकर उन्हें चपत लगा रहे हैं। एजेंसियों का कहना है कि अगर आप ई-मेल अकाउंट खोल नहीं पा रहे है तो समझ लीजिए आपका अकाउंट हैक्ड हो गया है। ऐसे में आपको सबसे पहले अपना ई-मेल पासवर्ड बदलना चाहिए।
आईटी विशेषज्ञ सुधीर कुमार कहते है कि भारत में कई ऐसे नेट यूजर्स हैं, जिनको अपना पासवर्ड बदलने भी नहीं आता। उन्होंने कहा कि ई-मेल हैकिंग के जरिए ग्राहकों को लूटा जा रहा है, लेकिन अज्ञानता की वजह से इन मामलों में केस दर्ज नहीं कराए जाते हैं। नेट यूजर्स को यह भी नहीं पता कि भारतीय सूचना तकनीक कानून की धारा 66 के तहत अगर कोई व्यक्ति आपका ई-मेल अकाउंट या सोशल नेटवर्किंग साइट में प्रोफाइल हैक्ड करता है तो आप पुलिस थाने में जाकर एफआईआर दर्ज करवा सकते हैं। विशेषज्ञ कहते है कि अगर कोई व्यक्ति थाने जाता है तो भी कुछ खास असर नहीं होता, क्योंकि ज्यादातर हैकिंग देश से बाहर होती हैं और पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों के तालमेल की कमी के चलते इनको पकड़ना बहुत मुश्किल है। वहीं, देश की न्यायिक व्यवस्था भी इस तरह के मामलों से निपटने को अभी पूरी तरह तैयार नहीं है। इसके लिए विस्तृत ट्रेनिंग की जरूरत है। विशेषज्ञ कहते हैं कि भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जहां साइबर अपराध के मामले में अभी तक कोई अदालती निर्णय नहीं आया है।

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