केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) में शामिल होने के लिए दृष्टिहीन उम्मीदवारों को उच्च न्यायालय ने अन्य उम्मीदवारों की तुलना में तीस मिनट ज्यादा समय व एक लिपिक देने का आदेश दिया है। साथ ही 23 जून को जारी अधिसूचना के उस हिस्से की शर्ते पूरी करने से भी छूट दे दी है, जिसमें ऐसे उम्मीदवारों को परीक्षा से एक दिन पहले अपने केंद्र के अधीक्षक को सूचित करने को कहा गया था। साथ ही असिस्टेंट सर्जन के रैंक के अधिकारी से अक्षमता का प्रमाणपत्र लेकर आने को कहा था। हालांकि अदालत ने रविवार को होने वाली इस परीक्षा पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। न्यायमूर्ति मनमोहन सिंह व न्यायमूर्ति सुरेश कैत की खंडपीठ ने कहा है कि सीबीएसई अपने सभी केंद्रों के अधीक्षक को सूचित कर दे कि यह उम्मीदवार अपने अपाहिज होने के संबंध में जो सर्टिफिकेट लाए उसी के आधार पर इनको परीक्षा देने दी जाए। अगर परीक्षा केंद्रों पर लिपिक की कमी हो तो ऐसे दृष्टिहीन उम्मीदवार के साथ आने वाले लिपिक को परीक्षा देने दी जाए। इस बात की सूचना मीडिया में दी जाए कि अपाहिज उम्मीदवार परीक्षा के समय अपने अपाहिज होने का कोई सर्टिफिकेट साथ लेकर जरूर आएं। दृष्टिहीन लोगों के अधिकारों और हितों की रक्षा करने वाले स्वयं सेवी संगठन स्कोर फाउंडेशन ने यह याचिका दायर कर ऐसे उम्मीदवारों को ज्यादा समय देने के साथ ही अन्य सुविधा देने का दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की थी।
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