ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 8 जून। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने आज हरियाणा सरकार को निर्देश दिये हैं कि वह उन मास्टरों, लेक्चररों, हैडमास्टरों और प्रिंसिपलों को कन्फर्म करने की प्रक्रिया पूरी करे जिन्होंने दो साल का प्रोबेशन पीरियड पूरा कर लिया है।
रमेश मलिक और नरेन्द्र कुमार की याचिका पर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने ये निर्देश जारी किये। खंडपीठ ने यह निर्देश जनहित में दायर इन दोनों याचिकाओं पर देते हुए कहा कि उन टीचर्स, लेक्चरर्स, हैडमास्टरों व प्रिंसिपलों को पक्का किया जाये जिन्होंने अपना प्रोबेशन पीरियड काफी पहले पूरा कर लिया है। दोनों याचिकाकर्ताओं ने भी स्वयं को कन्फर्म किये जाने की मांग की थी और कहा था कि उनका भी वैसा ही मामला और आधार है जैसा कि वर्तमान में कई लोगों ने जनहित याचिकाएं डाल रखी हैं। खंडपीठ ने कहा कि हालांकि इन दोनों याचिकाकर्ताओं का अपना हित स्पष्टï तौर पर है क्योंकि वे खुद के लिए भी चिंतित हैं मगर इनका व्यक्तिगत हित इस तरह के निर्णयों के आड़े नहीं आना चाहिए। हरियाणा के स्कूली शिक्षा विभाग के निदेशक कार्यालय की ओर से सहायक निदेशक द्वारा दिये गये जवाब का उल्लेख करते हुए खंडपीठ ने कहा कि 10 फरवरी के एक आदेश के तहत 373 प्रिंसिपलों को कन्फर्म किया गया और 24 जनवरी के एक अन्य आदेश के तहत 511 हैडमास्टरों को भी कन्फर्म किया गया है। 21 अप्रैल, 2009 के एक आदेश में 6410 लेक्चररों को कन्फर्म करने के आर्डर जारी किये गये थे और मास्टरों व सी एंड वी टीचर्स को भी कन्फर्म करने के लिए विभाग शीघ्र ही आदेश जारी कर देगा। खंडपीठ ने राज्य के इस रुख को देखते हुए दोनों याचिकाओं का निपटारा करते हुए निर्देश दिये कि उचित वेरीफिकेशन के बाद कन्फर्मेशन की प्रक्रिया को पूरा किया जाये।
चंडीगढ़, 8 जून। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने आज हरियाणा सरकार को निर्देश दिये हैं कि वह उन मास्टरों, लेक्चररों, हैडमास्टरों और प्रिंसिपलों को कन्फर्म करने की प्रक्रिया पूरी करे जिन्होंने दो साल का प्रोबेशन पीरियड पूरा कर लिया है।
रमेश मलिक और नरेन्द्र कुमार की याचिका पर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने ये निर्देश जारी किये। खंडपीठ ने यह निर्देश जनहित में दायर इन दोनों याचिकाओं पर देते हुए कहा कि उन टीचर्स, लेक्चरर्स, हैडमास्टरों व प्रिंसिपलों को पक्का किया जाये जिन्होंने अपना प्रोबेशन पीरियड काफी पहले पूरा कर लिया है। दोनों याचिकाकर्ताओं ने भी स्वयं को कन्फर्म किये जाने की मांग की थी और कहा था कि उनका भी वैसा ही मामला और आधार है जैसा कि वर्तमान में कई लोगों ने जनहित याचिकाएं डाल रखी हैं। खंडपीठ ने कहा कि हालांकि इन दोनों याचिकाकर्ताओं का अपना हित स्पष्टï तौर पर है क्योंकि वे खुद के लिए भी चिंतित हैं मगर इनका व्यक्तिगत हित इस तरह के निर्णयों के आड़े नहीं आना चाहिए। हरियाणा के स्कूली शिक्षा विभाग के निदेशक कार्यालय की ओर से सहायक निदेशक द्वारा दिये गये जवाब का उल्लेख करते हुए खंडपीठ ने कहा कि 10 फरवरी के एक आदेश के तहत 373 प्रिंसिपलों को कन्फर्म किया गया और 24 जनवरी के एक अन्य आदेश के तहत 511 हैडमास्टरों को भी कन्फर्म किया गया है। 21 अप्रैल, 2009 के एक आदेश में 6410 लेक्चररों को कन्फर्म करने के आर्डर जारी किये गये थे और मास्टरों व सी एंड वी टीचर्स को भी कन्फर्म करने के लिए विभाग शीघ्र ही आदेश जारी कर देगा। खंडपीठ ने राज्य के इस रुख को देखते हुए दोनों याचिकाओं का निपटारा करते हुए निर्देश दिये कि उचित वेरीफिकेशन के बाद कन्फर्मेशन की प्रक्रिया को पूरा किया जाये।
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