सरकार ने आज देश के 22 लाख आंगनवाड़ी कर्मियों के मानदेय को दोगुना करने का निर्णय किया है जो ग्रामीण भारत के विभिन्न क्षेत्रों में स्वास्थ्य, पोषण और बाल सेवाओं को अमलीजामा पहनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडल समिति की बैठक में आंगनवाड़ी कर्मियों को दिए जा रहे मानदेय को 1500 रूपए प्रति माह से बढ़ा कर 3,000 हजार करने को मंजूरी दी गई। कैबिनेट की बैठक
के बाद पेट्रोलियम मंत्री एस जयपाल रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा कि अद्र्ध आंगनवाड़ी कर्मियों को समन्वित बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) के तहत अब 750 रूपए प्रतिमाह के स्थान पर 500 रूपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सीसीईए ने योजनाओं को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से जरूरी होने पर परिचालन संबंधी बदलाव करने को मंजूरी प्रदान की।
रेड्डी ने कहा कि इस पर अमल के लिए 3,479.83 करोड़ के अनुमानित अतिरिक्त राशि की जरूरत होगी। केंद्र की जवाबदेही 90 प्रतिशत बनती है जो अनुमानित 3,131.85 करोड़ रूपए होती है।
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