संस्कृत शिक्षकों को यूजीसी वेतनमान का लाभ दिए जाने के मामले राजस्थान हाईकोर्ट में दायर अवमानना याचिका की सुनवाई के तहत शुक्रवार को सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता आनंद पुरोहित ने याचिकाकर्ताओं को 20 अक्टूबर से पहले बढ़े हुए वेतन व एरियर का भुगतान कर दिए जाने का आश्वासन दिया।
अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को रखी गई है। याचिका गवर्नमेंट पीजी संस्कृत कॉलेज के प्रो. रामेश्वर प्रसाद व 17 अन्य की ओर से दायर गई। न्यायाधीश गोविंद माथुर की एकलपीठ के समक्ष इस याचिका पर सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता ने अवमानना याचिका का सामना कर रहे राज्य सरकार के शिक्षा सचिव (ग्रुप छह) तथा आरएएस अधिकारी हरिशंकर भारद्वाज को वेतन भुगतान जारी करने की मांग की।
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शिमला. सोलन. हिमाचल के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के भविष्य की नींव अब स्कूलों में ही रखी जाएगी। इसके लिए पड़ोसी राज्यों पंजाब व हरियाणा की तर्ज पर हिमाचल में भी गाइडेंस व काउंसलिंग सेल बनाया गया है।
एससीईआरटी सोलन को इसके लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है। इसके लिए एससीईआरटी सोलन ने प्रपोजल बनाकर हिमाचल प्रदेश सरकार को भेजा था, जिसे मंजूर कर लिया गया है। शीघ्र ही प्रदेश में गाइडेंस व काउंसलिंग पर कार्य आरंभ हो जाएगा। हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को सही दिशा देने के लिए गाइडेंस व काउंसलिंग सेल बनाया गया है। अभी तक बच्चे 10वीं व 12 वीं की परीक्षा पास करके इसी सोच में रहते हैं कि वह आगे क्या करें?
किस क्षेत्र को अपनाएं और किसे छोड़े। जागरूकता के अभाव में कई बार विद्यार्थी ऐसे विषयों का चयन कर लेता है, जिनमें करिअर बनाना उनके लिए मुश्किल हो जाता है। गाइडेंस व काउंसलिंग सैल स्कूली बच्चों को 10वीं व 12वीं कक्षा में ही करिअर के प्रति जागरूक करेगा। विद्यार्थी किन-किन विषयों का चयन करें, इसके लिए अध्यापक स्कूलों में ही बच्चों का मूल्यांकन करके बच्चों के करिअर को दिशा देने में सहायता करेगा। वह बच्चों को भविष्य की संभावनाओं के मद्देनजर तैयार रहने के लिए सक्षम बनाने में सहायता करेगा।
अध्यापकों को किया जाएगा दक्ष:
गाइडेंस व काउंसलिंग के लिए टीचरों को दक्ष बनाया जाएगा। इसके तहत सर्वप्रथम एक्सपर्ट कमेटी के लिए वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद अध्यापकों के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। ट्रेनिंग के लिए एक जिले से 5-5 अध्यापकों का एक बैच बनाया जाएगा। इन पांच अध्यापकों में एक अध्यापक डाइट से शामिल किया जाएगा। एक बैच में 12 जिलों के 60 अध्यापकों को शामिल किया जाएगा।
बुकलेट में मिलेगी तमाम जानकारी:
गाइडेंस व काउंसलिंग के तहत एक बुकलेट तैयार की जाएगी। इस बुकलेट में देश के सभी प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों के बारे में तमाम जानकारी स्कूली बच्चों को डोर स्टेप पर मिलेगी। कौन सा कोर्स किस विश्वविद्यालय से करें, इसके बारे में सभी जानकारी बुकलेट में उपलब्ध होगी। इसके अलावा बच्चों का एप्टीट्यूट टेस्ट भी लिया जाएगा।
गाइडेंस व काउंसलिंग सैल बच्चों के करिअर दिशा देने यह महत्वपूर्ण साबत होगा। इसके लिए एससीईआरटी को नोडल एजेंसी बनाया गया है। इसके तहत शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। शीघ्र ही एससीईआरटी में ट्रेनिंग कार्यक्रम आरंभ होंगे।
- प्रो. मीरा वालिया, प्रिंसिपल, एससीईआरटी सोलन।
अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को रखी गई है। याचिका गवर्नमेंट पीजी संस्कृत कॉलेज के प्रो. रामेश्वर प्रसाद व 17 अन्य की ओर से दायर गई। न्यायाधीश गोविंद माथुर की एकलपीठ के समक्ष इस याचिका पर सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता ने अवमानना याचिका का सामना कर रहे राज्य सरकार के शिक्षा सचिव (ग्रुप छह) तथा आरएएस अधिकारी हरिशंकर भारद्वाज को वेतन भुगतान जारी करने की मांग की।
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शिमला. सोलन. हिमाचल के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के भविष्य की नींव अब स्कूलों में ही रखी जाएगी। इसके लिए पड़ोसी राज्यों पंजाब व हरियाणा की तर्ज पर हिमाचल में भी गाइडेंस व काउंसलिंग सेल बनाया गया है।
एससीईआरटी सोलन को इसके लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है। इसके लिए एससीईआरटी सोलन ने प्रपोजल बनाकर हिमाचल प्रदेश सरकार को भेजा था, जिसे मंजूर कर लिया गया है। शीघ्र ही प्रदेश में गाइडेंस व काउंसलिंग पर कार्य आरंभ हो जाएगा। हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को सही दिशा देने के लिए गाइडेंस व काउंसलिंग सेल बनाया गया है। अभी तक बच्चे 10वीं व 12 वीं की परीक्षा पास करके इसी सोच में रहते हैं कि वह आगे क्या करें?
किस क्षेत्र को अपनाएं और किसे छोड़े। जागरूकता के अभाव में कई बार विद्यार्थी ऐसे विषयों का चयन कर लेता है, जिनमें करिअर बनाना उनके लिए मुश्किल हो जाता है। गाइडेंस व काउंसलिंग सैल स्कूली बच्चों को 10वीं व 12वीं कक्षा में ही करिअर के प्रति जागरूक करेगा। विद्यार्थी किन-किन विषयों का चयन करें, इसके लिए अध्यापक स्कूलों में ही बच्चों का मूल्यांकन करके बच्चों के करिअर को दिशा देने में सहायता करेगा। वह बच्चों को भविष्य की संभावनाओं के मद्देनजर तैयार रहने के लिए सक्षम बनाने में सहायता करेगा।
अध्यापकों को किया जाएगा दक्ष:
गाइडेंस व काउंसलिंग के लिए टीचरों को दक्ष बनाया जाएगा। इसके तहत सर्वप्रथम एक्सपर्ट कमेटी के लिए वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद अध्यापकों के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। ट्रेनिंग के लिए एक जिले से 5-5 अध्यापकों का एक बैच बनाया जाएगा। इन पांच अध्यापकों में एक अध्यापक डाइट से शामिल किया जाएगा। एक बैच में 12 जिलों के 60 अध्यापकों को शामिल किया जाएगा।
बुकलेट में मिलेगी तमाम जानकारी:
गाइडेंस व काउंसलिंग के तहत एक बुकलेट तैयार की जाएगी। इस बुकलेट में देश के सभी प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों के बारे में तमाम जानकारी स्कूली बच्चों को डोर स्टेप पर मिलेगी। कौन सा कोर्स किस विश्वविद्यालय से करें, इसके बारे में सभी जानकारी बुकलेट में उपलब्ध होगी। इसके अलावा बच्चों का एप्टीट्यूट टेस्ट भी लिया जाएगा।
गाइडेंस व काउंसलिंग सैल बच्चों के करिअर दिशा देने यह महत्वपूर्ण साबत होगा। इसके लिए एससीईआरटी को नोडल एजेंसी बनाया गया है। इसके तहत शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। शीघ्र ही एससीईआरटी में ट्रेनिंग कार्यक्रम आरंभ होंगे।
- प्रो. मीरा वालिया, प्रिंसिपल, एससीईआरटी सोलन।
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