चंडीगढ़. ट्राईसिटी के हजारों स्टूडेंट्स को वर्ष 2012 में ऑल इंडिया इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम (एआईईईई)अब ऑनलाइन ही देना होगा। ट्राईसिटी में ऑफलाइन एग्जाम के लिए कोई भी सेंटर नहीं बनाया गया है।
ऑनलाइन एग्जाम की सुविधा सीबीएसई ने वर्ष 2011 में भी दी थी। तब ट्राईसिटी से 10 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स ने ऑफलाइन एग्जाम दिया था, जिसके लिए ट्राईसिटी में 24 सेंटर बनाए गए थे। 5000 से अधिक ने ऑनलाइन एग्जाम दिया था।
सीबीएसई के रीजनल डायरेक्टर आरजे खांडेराव का कहना है कि रोजमर्रा की जिंदगी कंप्यूटर से जुड़ी है, ये नई तकनीक है इससे स्टूडेंट्स को काफी फायदा होगा। वहीं सीबीएसई की काउंसलर और डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर 15 की प्रिंसिपल डॉ. राकेश सचदेवा का कहना है कि ट्राईसिटी के स्टूडेंट्स इस तकनीक से अच्छी तरह वाकिफ हैं, इसलिए उन्हें एग्जाम के लिए कहीं जाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। जहां तक ऑफलाइन सेंटर की बात है, तो इनकी जरूरत वहीं पर (ग्रामीण क्षेत्रों) ज्यादा है जहां पर ये तकनीक पूरी तरह से नहीं उपलब्ध है।
ऑनलाइन एग्जाम की सुविधा सीबीएसई ने वर्ष 2011 में भी दी थी। तब ट्राईसिटी से 10 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स ने ऑफलाइन एग्जाम दिया था, जिसके लिए ट्राईसिटी में 24 सेंटर बनाए गए थे। 5000 से अधिक ने ऑनलाइन एग्जाम दिया था।
सीबीएसई के रीजनल डायरेक्टर आरजे खांडेराव का कहना है कि रोजमर्रा की जिंदगी कंप्यूटर से जुड़ी है, ये नई तकनीक है इससे स्टूडेंट्स को काफी फायदा होगा। वहीं सीबीएसई की काउंसलर और डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर 15 की प्रिंसिपल डॉ. राकेश सचदेवा का कहना है कि ट्राईसिटी के स्टूडेंट्स इस तकनीक से अच्छी तरह वाकिफ हैं, इसलिए उन्हें एग्जाम के लिए कहीं जाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। जहां तक ऑफलाइन सेंटर की बात है, तो इनकी जरूरत वहीं पर (ग्रामीण क्षेत्रों) ज्यादा है जहां पर ये तकनीक पूरी तरह से नहीं उपलब्ध है।
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