चंडीगढ़. दो दशक से अनुकंपा के आधार पर पंजाबी टाइप टेस्ट की शर्त पूरी किए बिना विभिन्न सरकारी विभागों में अलग-अलग पदों पर भर्ती करीब 8000 कर्मचारियों का मामला पंजाब सरकार के गले की फांस बन गया है।
योग्यता की शर्त पूरी नहीं करने पर इन कर्मचारियों को इंक्रीमेंट और प्रमोशन नहीं मिल रही है, जबकि दंगा पीड़ितों की तर्ज पर ये कर्मचारी इन सुविधाओं की मांग कर रहे हैं। हालांकि ये कर्मचारी अपना प्रोबेशन पीरियड खत्म करने के बाद रेगुलर हो चुके हैं।
क्यों नहीं पास कर सके
एसोसिएशन के नेता उमाकांत तिवारी ने बताया कि काफी समय से जिन कर्मचारियों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिली थी, वे पारिवारिक मसले या अन्य प्रॉब्लम के चलते पंजाबी टाइप टेस्ट क्लियर नहीं कर पाए थे। लेकिन उन्हें अब इससे मुक्ति दी जानी चाहिए।
योग्यता की शर्त पूरी नहीं करने पर इन कर्मचारियों को इंक्रीमेंट और प्रमोशन नहीं मिल रही है, जबकि दंगा पीड़ितों की तर्ज पर ये कर्मचारी इन सुविधाओं की मांग कर रहे हैं। हालांकि ये कर्मचारी अपना प्रोबेशन पीरियड खत्म करने के बाद रेगुलर हो चुके हैं।
क्यों नहीं पास कर सके
एसोसिएशन के नेता उमाकांत तिवारी ने बताया कि काफी समय से जिन कर्मचारियों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिली थी, वे पारिवारिक मसले या अन्य प्रॉब्लम के चलते पंजाबी टाइप टेस्ट क्लियर नहीं कर पाए थे। लेकिन उन्हें अब इससे मुक्ति दी जानी चाहिए।
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