पटना. भ्रष्ट कर्मचारी गिरीश कुमार के आलीशान बंगले में अब किशोरियों का आवासीय स्कूल खुल गया है। पिछले 35 दिनों से यह बंगला बंद था। गुरुवार को पार्क रोड स्थित गिरीश के इस 28 कमरों वाले बंगले को पिछड़ी जाति की छात्राओं के प्लस टू के आवासीय स्कूल को हस्तांतरित किया गया। इसके बाद यहां पहुंची छात्राओं ने पूरे घर का
मुआयना किया और फिर उसकी सफाई की। पहले दिन यहां वर्ग 6 से 10 तक की 70 छात्राओं को लाया गया। एडीएम रमेश प्रसाद ने सीलबंद मकान जिला कल्याण पदाधिकारी को सौंपा। इसमें कुल 140 छात्राएं रहेंगी और सभी कक्षाएं इसी भवन में होंगी। गिरीश कुमार का मकान आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में सरकार ने जब्त किया है।
दो जनवरी को बजेगी पहली घंटी
इस मकान की कीमत 48 लाख रुपए आंकी गई है। यहां स्कूल की पहली घंटी नए साल में 2 जनवरी को बजेगी। कल्याण पदाधिकारी हरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि क्रिसमस की छुट्टियां है। स्कूल खुलने से पहले नए भवन में पूरी व्यवस्था कर दी जाएगी। पहले यह आवासीय स्कूल किराए के मकान में चल रहा था।
आय से अधिक संपत्ति का मामला
गिरीश कुमार ने वर्ष 1992 से 2004 के बीच आय से 95 लाख रुपए की अधिक संपत्ति अर्जित की थी। निगरानी जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद निगरानी कोर्ट ने 15 नवंबर को जिलाधिकारी को गिरीश की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया था। अपर जिला दंडाधिकारी ने 18 नवंबर को यह बंगला जब्त कर दिया जो गिरीश की पत्नी सफलता देवी व दो बेटे रौशन कुमार व रजनीश कुमार के नाम था। इसके बाद उनकी डेढ़ कट्ठा जमीन भी जब्त कर ली गई।
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मुआयना किया और फिर उसकी सफाई की। पहले दिन यहां वर्ग 6 से 10 तक की 70 छात्राओं को लाया गया। एडीएम रमेश प्रसाद ने सीलबंद मकान जिला कल्याण पदाधिकारी को सौंपा। इसमें कुल 140 छात्राएं रहेंगी और सभी कक्षाएं इसी भवन में होंगी। गिरीश कुमार का मकान आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में सरकार ने जब्त किया है।
दो जनवरी को बजेगी पहली घंटी
इस मकान की कीमत 48 लाख रुपए आंकी गई है। यहां स्कूल की पहली घंटी नए साल में 2 जनवरी को बजेगी। कल्याण पदाधिकारी हरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि क्रिसमस की छुट्टियां है। स्कूल खुलने से पहले नए भवन में पूरी व्यवस्था कर दी जाएगी। पहले यह आवासीय स्कूल किराए के मकान में चल रहा था।
आय से अधिक संपत्ति का मामला
गिरीश कुमार ने वर्ष 1992 से 2004 के बीच आय से 95 लाख रुपए की अधिक संपत्ति अर्जित की थी। निगरानी जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद निगरानी कोर्ट ने 15 नवंबर को जिलाधिकारी को गिरीश की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया था। अपर जिला दंडाधिकारी ने 18 नवंबर को यह बंगला जब्त कर दिया जो गिरीश की पत्नी सफलता देवी व दो बेटे रौशन कुमार व रजनीश कुमार के नाम था। इसके बाद उनकी डेढ़ कट्ठा जमीन भी जब्त कर ली गई।
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आठ हजार कर्मचारियों को पंजाबी टाइप टेस्ट से छूट
चंडीगढ़. पंजाब सरकार ने करीब 8000 कर्मचारियों को पंजाबी टाइप टेस्ट की शर्त से मुक्त कर दिया गया है। ये पिछले करीब दो दशक से अनुकंपा आधार पर पंजाबी टाइप टेस्ट की शर्त पूरी किए बिना विभिन्न सरकारी विभागों काम कर रहे थे।
अकाली-भाजपा सरकार ने 23 दिसंबर को देर रात टाइप टेस्ट से छूट देने संबंधी अधिसूचना भी जारी कर दी। इस छूट देने के साथ यह भी स्पष्ट किया गया है कि इन कर्मियों को केवल 120 दिन की पंजाबी की कंप्यूटर टाइपिंग की ट्रेनिंग लेनी अनिवार्य होगी। इस ट्रेनिंग से मिलने वाले प्रमाण पत्र के आधार पर इन्हें रेगुलर कर दिया जाएगा।
राज्य सरकार ने यह कार्रवाई दैनिक भास्कर में हाल ही में प्रकाशित हुए समाचार के बाद शुरू की थी। सरकारी नौकरी के लिए जरूरी पंजाबी टाइप टेस्ट की शर्त पूरी न किए जाने के कारण इन कर्मचारियों को इंक्रीमेंट और प्रमोशन नहीं मिल रही थी, जबकि ये कर्मचारी दंगा पीड़ितों की तर्ज पर इन सुविधाओं की मांग कर रहे थे।
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अकाली-भाजपा सरकार ने 23 दिसंबर को देर रात टाइप टेस्ट से छूट देने संबंधी अधिसूचना भी जारी कर दी। इस छूट देने के साथ यह भी स्पष्ट किया गया है कि इन कर्मियों को केवल 120 दिन की पंजाबी की कंप्यूटर टाइपिंग की ट्रेनिंग लेनी अनिवार्य होगी। इस ट्रेनिंग से मिलने वाले प्रमाण पत्र के आधार पर इन्हें रेगुलर कर दिया जाएगा।
राज्य सरकार ने यह कार्रवाई दैनिक भास्कर में हाल ही में प्रकाशित हुए समाचार के बाद शुरू की थी। सरकारी नौकरी के लिए जरूरी पंजाबी टाइप टेस्ट की शर्त पूरी न किए जाने के कारण इन कर्मचारियों को इंक्रीमेंट और प्रमोशन नहीं मिल रही थी, जबकि ये कर्मचारी दंगा पीड़ितों की तर्ज पर इन सुविधाओं की मांग कर रहे थे।
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हिंदी एमए का आउट ऑफ सिलेबस पेपर देखकर भड़क गए विद्यार्थी
हिसार. हिंदी एमए के थर्ड सेमेस्टर की शुक्रवार को जाट कॉलेज में परीक्षा के दौरान पाठच्यक्रम से बाहर के प्रश्न पूछे जाने पर बवाल खड़ा हो गया। जब प्रश्नपत्र परीक्षार्थियों के हाथ में थमाया गया तो पता चला कि यह वह रिअपीयर की परीक्षा का प्रश्न पत्र था। इस पर परीक्षार्थियों ने हंगामा खड़ा कर दिया।
असल में विवि ने पेपर का नाम और टाइटल एक समान होने के चलते थर्ड सेमेस्टर की बजाय रिअपीयर का पेपर भेज दिया था। मामले का पता चलते ही कॉलेज प्रशासन ने आनन फानन में विवि से फैक्स के माध्यम से दोबारा पेपर मंगाया गया। जिसके चलते परीक्षा दो घंटे के लिए लेट शुरू हो सकी।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की ओर से सेमेस्टर एग्जाम लिए जा रहे हैं। शुक्रवार को एमए हिंदी के तीसरे सेमेस्टर का ‘मध्यकालीन एवं प्राचीन हिंदी काव्य’ नाम का पेपर होना था। जाट कॉलेज में सुबह के सत्र में एमए हिंदी अंतिम वर्ष के 25 छात्रों का एग्जाम लिया जाना था। जब छात्र पेपर देने बैठे तो उन्हें तीसरे सेमेस्टर की बजाय इसी कक्षा और विषय का रिअपीयर छात्रों वाला प्रश्न पत्र थमा दिया गया।
प्रश्नपत्र में तीसरे और चौथे सेमेस्टर के प्रश्न पूछे गए थे। चूंकि नियमित छात्र होने के कारण परीक्षार्थियों ने अभी चौथे सेमेस्टर की पढ़ाई ही नहीं की थी, इसलिए उन्हें लगा की पेपर आउट ऑफ सिलेबस है। प्राचार्य इंद्र सिंह लाखलान ने बताया कि पेपर का नाम एक जैसा होने के कारण यह समस्या पैदा हुई थी।
असल में विवि ने पेपर का नाम और टाइटल एक समान होने के चलते थर्ड सेमेस्टर की बजाय रिअपीयर का पेपर भेज दिया था। मामले का पता चलते ही कॉलेज प्रशासन ने आनन फानन में विवि से फैक्स के माध्यम से दोबारा पेपर मंगाया गया। जिसके चलते परीक्षा दो घंटे के लिए लेट शुरू हो सकी।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की ओर से सेमेस्टर एग्जाम लिए जा रहे हैं। शुक्रवार को एमए हिंदी के तीसरे सेमेस्टर का ‘मध्यकालीन एवं प्राचीन हिंदी काव्य’ नाम का पेपर होना था। जाट कॉलेज में सुबह के सत्र में एमए हिंदी अंतिम वर्ष के 25 छात्रों का एग्जाम लिया जाना था। जब छात्र पेपर देने बैठे तो उन्हें तीसरे सेमेस्टर की बजाय इसी कक्षा और विषय का रिअपीयर छात्रों वाला प्रश्न पत्र थमा दिया गया।
प्रश्नपत्र में तीसरे और चौथे सेमेस्टर के प्रश्न पूछे गए थे। चूंकि नियमित छात्र होने के कारण परीक्षार्थियों ने अभी चौथे सेमेस्टर की पढ़ाई ही नहीं की थी, इसलिए उन्हें लगा की पेपर आउट ऑफ सिलेबस है। प्राचार्य इंद्र सिंह लाखलान ने बताया कि पेपर का नाम एक जैसा होने के कारण यह समस्या पैदा हुई थी।
स्थापित होंगे मल्टी इंटेलिजेंस स्कूल
प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार नई योजनाओं को लागू करने के लिए सक्रियता बरत रही है। राजीव गांधी खेल स्टेडियमों के बाद अब प्रत्येक जिले में मल्टी इंटेलिजेंस स्कूल स्थापित करने जा रही है। नए साल से प्रत्येक जिले में पांच मल्टी इंटेलिजेंस स्कूल स्थापित होंगे। जहां पढ़ाई के साथ साथ विद्यार्थियों को खेलों में तराशा जाएगा।
प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान केंद्रित किया है। चूंकि खेल शिक्षा का अभिन्न अंग हैं। इसलिए शिक्षा के साथ साथ खेलों को प्रमुखता से लिया जाएगा। इसी उद्देश्य के तहत शुरुआत में प्रत्येक जिले में पांच हाई व सीनियर सेकंडरी स्कूलों को मल्टी इंटेलिजेंस स्कूल के रूप में स्थापित किया जाएगा। यह सभी स्कूल राजीव गांधी खेल स्टेडियमों में आसपास होंगे, ताकि स्टेडियम के खेल प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन का भी लाभ यहां अभ्यास करने वाले खिलाडिय़ों को मिल सके। आरएमएसए के स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने सभी जिला परियोजना संयोजकों को पत्र भेजकर पांच -पांच स्कूलों के नाम मांगे हैं। योजना के अनुसार जनवरी माह से मल्टी इंटेलिजेंस स्कूलों में खेल गतिविधियों को शुरू किया जाएगा। ऐसा होने से विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में खेल प्रतिभाओं को आगे बढऩा का अवसर मिलेगा, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, लेकिन साधन व अवसरों की कमी के कारण उनकी प्रतिभा वहीं दबकर रह जाती है।
इन खेलों का मिलेगा प्रशिक्षण
मल्टी इंटेलिजेंस स्कूलों में खिलाडिय़ों को विशेष रूप से खेलों में ट्रेंड किया जाएगा। इन स्कूलों में एथलेटिक्स के अलावा रेस्लिंग, कुश्ती व वॉलीबाल खेल में खिलाडिय़ों को दक्ष बनाया जाएगा। स्कूल प्रबंधन को खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने पर विशेष ध्यान देना होगा।
यह रखा गया है उद्देश्य : इन नए ढंग से संचालित किए जाने वाले स्कूलों में खेल गतिविधियों के माध्यम से खिलाडिय़ों का हर तरह से विकास करना है। क्योंकि जितना जोर पढ़ाई पर दिया जाता है, उतना ही जोर इन स्कूलों में खेलों पर भी दिया जाएगा। ताकि स्कूल स्तर से ही खिलाड़ी अच्छे खिलाड़ी के रूप में आगे आएं।
प्रत्येक स्कूल को मिलेगा 20 हजार रुपए का बजट
जिन स्कूलों को मल्टी इंटेलिजेंस स्कूल के रूप में स्थापित किया जाएगा, उन प्रत्येक स्कूल को 20 हजार रुपए का बजट मुहैया कराया जाएगा। इस पैसे से खेलों को सामान व अन्य खेल सुविधाओं को उपलब्ध कराया जाएगा। अगर किसी स्कूल के पास पहले से खेल सामान है तो उन्हें अलग से यह सामान खरीदना होगा।
प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान केंद्रित किया है। चूंकि खेल शिक्षा का अभिन्न अंग हैं। इसलिए शिक्षा के साथ साथ खेलों को प्रमुखता से लिया जाएगा। इसी उद्देश्य के तहत शुरुआत में प्रत्येक जिले में पांच हाई व सीनियर सेकंडरी स्कूलों को मल्टी इंटेलिजेंस स्कूल के रूप में स्थापित किया जाएगा। यह सभी स्कूल राजीव गांधी खेल स्टेडियमों में आसपास होंगे, ताकि स्टेडियम के खेल प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन का भी लाभ यहां अभ्यास करने वाले खिलाडिय़ों को मिल सके। आरएमएसए के स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने सभी जिला परियोजना संयोजकों को पत्र भेजकर पांच -पांच स्कूलों के नाम मांगे हैं। योजना के अनुसार जनवरी माह से मल्टी इंटेलिजेंस स्कूलों में खेल गतिविधियों को शुरू किया जाएगा। ऐसा होने से विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में खेल प्रतिभाओं को आगे बढऩा का अवसर मिलेगा, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, लेकिन साधन व अवसरों की कमी के कारण उनकी प्रतिभा वहीं दबकर रह जाती है।
इन खेलों का मिलेगा प्रशिक्षण
मल्टी इंटेलिजेंस स्कूलों में खिलाडिय़ों को विशेष रूप से खेलों में ट्रेंड किया जाएगा। इन स्कूलों में एथलेटिक्स के अलावा रेस्लिंग, कुश्ती व वॉलीबाल खेल में खिलाडिय़ों को दक्ष बनाया जाएगा। स्कूल प्रबंधन को खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने पर विशेष ध्यान देना होगा।
यह रखा गया है उद्देश्य : इन नए ढंग से संचालित किए जाने वाले स्कूलों में खेल गतिविधियों के माध्यम से खिलाडिय़ों का हर तरह से विकास करना है। क्योंकि जितना जोर पढ़ाई पर दिया जाता है, उतना ही जोर इन स्कूलों में खेलों पर भी दिया जाएगा। ताकि स्कूल स्तर से ही खिलाड़ी अच्छे खिलाड़ी के रूप में आगे आएं।
प्रत्येक स्कूल को मिलेगा 20 हजार रुपए का बजट
जिन स्कूलों को मल्टी इंटेलिजेंस स्कूल के रूप में स्थापित किया जाएगा, उन प्रत्येक स्कूल को 20 हजार रुपए का बजट मुहैया कराया जाएगा। इस पैसे से खेलों को सामान व अन्य खेल सुविधाओं को उपलब्ध कराया जाएगा। अगर किसी स्कूल के पास पहले से खेल सामान है तो उन्हें अलग से यह सामान खरीदना होगा।
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