कोलकाता, जागरण संवाददाता : वेतन तो महज कुछ हजार रुपये लेकिन बैंक खाते में जमा हो गई 50 हजार करोड़ की राशि। पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर जिले के बालुरघाट के एक स्कूल शिक्षक के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। बालुरघाट के चकराम हाईस्कूल के शिक्षक पारिजात साहा ने रविवार शाम इंटरनेट पर अपने बैंक खाते की जांच करते समय देखा कि उसमें 49 हजार 570 करोड़ रुपये जमा हैं, जबकि उसमें जमा होने थे मात्र 18 हजार रुपये। इतनी बड़ी धनराशि अपने खाते में देखकर साहा के होश उड़ गए और घबराहट में उन्होंने फौरन बैंक मैनेजर को इसकी सूचना दी। सोमवार को बैंक पहुंचकर उन्होंने अपने खाते में अतिरिक्त रुपये होने की लिखित शिकायत करते हुए उसे वापस लेने की मांग की। बैंक ने उनके खाते में आई राशि का लेन-देन रोक दिया है और उसके स्रोत का पता लगाने में जुट गई है।
शिक्षण संस्थानों को रखना होगा आय-व्यय का हिसाब
: उच्च शिक्षण संस्थानों में सरकारी धन का मनमाना खर्च सरकार को अखरने लगा है। लिहाजा सभी केंद्रीय शिक्षण संस्थानों व केंद्रीय निकायों के अधीन शिक्षण संस्थानों के खातों के लिए एक जैसा मानक तय किया जाएगा। 2013 से अमल में आने वाली यह नई व्यवस्था केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अधीन स्कूलों पर भी लागू होगी। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने बुधवार को यहां कहा, इस कदम के पीछे मुख्य मंशा शिक्षण संस्थानों के खातों को पारदर्शी बनाना है।
ऑनलाइन होंगी देश की ढाई लाख पंचायतें
कोलकाता, जासं : केंद्र सरकार ने सभी पंचायतों को आइटी से जोड़ने की योजना बनाई है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर 20,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री सचिन पायलट ने यह जानकारी दी। अगले 24 से 30 महीनों में देश की 2.5 लाख पंचायतों को फाइबर ऑप्टिक ब्राडबैंड नेटवर्क के जरिए आपस में जोड़ने की योजना है। सोशल नेटवर्किग साइट पर हालिया विवाद पर पायलट ने कहा कि केंद्र का रुख साफ है। वह सेंसरशिप के खिलाफ है, लेकिन देश में एक कानून व्यवस्था है और सभी कंपनियों को उसका पालन करना चाहिए।
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