हरियाणा सरकार ने बढ़ाई श्रमिकों की मजदूरी+++साइबर सिटी के छह हजार छात्रों के भविष्य पर लटकी तलवार

हरियाणा .चंडीगढ़. मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्य में अकुशल श्रमिकों की दैनिक न्यूनतम मजदूरी बढ़ाकर 186 रुपए और उच्च कुशल श्रमिकों की मजदूरी बढ़ाकर 211.42 रुपए करने की घोषणा की है। इससे राज्य में लगभग 11 हजार से ज्यादा छोटे और बड़े कारखानों में काम कर रहे लगभग सात लाख से ज्यादा मजदूरों को लाभ होगा। राज्य में सभी श्रेणी के श्रमिकों पर ये दरें पहली जनवरी, 2012 से प्रभावी होंगी।

दुकानों, ढाबों और छोटे प्रतिष्ठानों में चार लाख कर्मचारी हैं। इन श्रमिकों की आर्थिक एवं

सामाजिक सुरक्षा के प्रति सचेत होने के कारण सरकार ने न्यूनतम वेतन अधिनियम में एक प्रावधान किया है जिसके अंतर्गत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर 48 से अधिक घोषित अनुसूचित रोजगारों, उद्योगों व दुकानों में काम करने वाले श्रमिकों का न्यूनतम वेतन निर्धारित किया जाएगा।

हरियाणा में न्यूनतम वेतन को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि जून 2011 को अर्ध वर्ष की समाप्ति पर मूल्य सूचकांक 1603 था, जो दिसंबर, 2011 में अर्ध वर्ष की समाप्ति पर बढ़ कर 1691 हो गया था। इस प्रकार, मूल्य सूचकांक में 88 अंकों की बढ़ोतरी हुई। 2.31 रुपए प्रति अंक के निर्धारित तटस्थ दर के आधार पर न्यूनतम मासिक वेतन में 203.28 रुपए और दैनिक वेतन में 7.81 रुपए की बढ़ोतरी हुई है।
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गुड़गांव . ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) की ओर से हाल में गैर मान्यता प्राप्त कॉलेजों की सूची जारी करने के बाद साइबर सिटी के छात्रों में हड़कंप मचा हुआ है। एआईसीटीई देशभर के इंजीनियरिंग और तकनीकी कॉलेजों को मान्यता देने वाली संस्था हैं। लिस्ट में शामिल देशभर के 336 गैर मान्यता प्राप्त कॉलेजों में से 12 साइबर सिटी के हैं।

इस रिपोर्ट के आने के बाद बुधवार को सभी कॉलेजों में छात्र और उनके अभिभावकों लगातार फोन कर जानकारी लेने में जुटे रहे। एआईसीटीई की गैर मान्यता प्राप्त कॉलेजों की लिस्ट जारी होने के बाद कई कॉलेज प्रबंधन के भी होश उड़ गए हैं। कई कॉलेजों के छात्रों ने गुरुवार को कॉलेजों में जोरदार प्रदर्शन की योजना बनाई है।

इस रिपोर्ट ने गुड़गांव के 12 कॉलेजों में पढ़ने वाले करीबन छह हजार छात्रों के भविष्य पर सवाल खड़ा कर दिया है। एआईसीटीई ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि इन कॉलेजों के पास मान्यता नहीं है। ये कॉलेज तकनीकी शिक्षा का कोर्स संचालित नहीं कर सकते। इन कॉलेजों के छात्रों की सभी डिग्रियां और सर्टिफिकेट अवैध माने जाएंगे।

ये हैं गैर मान्यता प्राप्त कॉलेज

गुड़गांव के जिन 12 कॉलेजों के नाम गैर मान्यता प्राप्त कॉलेजों की सूची में हैं उनमें अंसल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी सेक्टर-55, कॉलेज ऑफ हॉस्पिटेलिटी एंड टूरिज्म 486 उद्योग विहार फेज थ्री, जीडी गोयनका वल्र्ड इंस्टीट्यूट सोहना रोड़, आईसीएफएआई बिजनेस स्कूल, आईसीएफएआई नेशनल स्कूल 308 कुतुब प्लाजा फेज वन, आईआईएलएम फॉर हायर एजूकेशन सेक्टर 53, इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी 336 उद्योग विहार फेज चार, इंस्टीट्यूट ऑफ अपैरल मैनेजमेंट हुडा मेट्रो स्टेशन के नजदीक, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूशनल एरिया सेक्टर-32, जेके बिजनेस स्कूल सेक्टर-14, एलगोल स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी हीरो होंडा चौक सेक्टर-34, स्काई लाइन बिजनेस स्कूल शामिल हैं। इसके अलावा श्री बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ कंप्यूटर सेक्टर-14 पंचकूला, एनआईएएम सेंटर फॉर एनालिटिकल एंड रिसर्च एक्सीलेंस सेक्टर-37 फरीदाबाद, आईआईपीएस जीटी रोड पानीपत को भी मान्यता प्राप्त नहीं है।

हमारे कॉलेज का नाम गलती से इस लिस्ट में आ गया है। एआईसीटीई की टीम ने मात्र एक हफ्ते पहले ही कॉलेज कैंपस का रुटीन दौरा किया है। छात्रों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम एआईसीटीई से बात कर रहे हैं। बहुत जल्दी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। -अमरजीत सिंह, प्रवक्ता, अंसल इंस्टीट्यूट ऑफ

टेक्नोलॉजी


हमने एआईसीटीई से मान्यता ली ही नहीं है। ना ही छात्रों को एडमिशन देते समय एआईसीटीई की मान्यता को दर्शाया था। ऐसे में कॉलेज प्रबंधन द्वारा छात्रों को ठगे जाने का कोई मुद्दा ही नहीं है। -संदीप गांधी, प्रिंसिपल, एलगोल

कॉलेज हमारे जिस कॉलेज को इस लिस्ट में शामिल किया गया है वह 2008 में ही बंद हो चुका है। -केएस ठाकुर, वाइस प्रेसीडेंट, जेके बिजनेस स्कूल

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