गेस्ट टीचरों को राहत
प्रदेश के करीब 16 हजार अतिथि अध्यापकों को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। राज्य सरकार द्वारा नियमित भर्ती किए जाने तक अतिथि अध्यापकों को पद से नहीं हटाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने नियमित भर्ती के लिए सरकार को समयबद्ध सीमा में बांधा है। सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी पर अतिथि अध्यापकों को यह राहत प्रदान की गई। सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती पूरा करने के 322 दिनों के शेडयूल को पूरा करने का सरकार का आग्रह मान लिया। सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जिसमें 31 मार्च तक सभी अतिथि अध्यापकों को रिलीव करने का निर्देश दिया गया था। हरियाणा ने यह अपील पिछले सप्ताह की थी। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ए कबीर और एसएस निज्जर की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया है। हरियाणा सरकार की ओर से अटार्नी जनरल नारीमन ने सुप्रीम कोर्ट में सरकार का पक्ष रखा जबकि अतिथि अध्यापकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल एस ने पैरवी की।
भर्ती होंगे 25 हजार शिक्षक
आने वाला समय लेक्चरर पद की योग्यता रखने वालों के लिए सुनहरा रहेगा। जल्द ही प्रदेश में 25450 हेडमास्टर व लेक्चरर के पदों पर भर्ती होगी। इसमें सबसे ज्यादा फायदा माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों को होगा। 15 हजार, 905 मास्टर को वरिष्ठता सूची व योग्यता के आधार पर हेडमास्टर व लेक्चरर बनाया जाएगा, जबकि 9 545 सीटों के लिए सीधी भर्ती की जाएगी। शिक्षा विभाग ने नए पदों की स्वीकृति दे दी है। इसके साथ ही अब वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में लेक्चरर के पद 12605 से बढ़कर 32281 हो गए हैं। निदेशालय की तरफ से सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजे गए पत्र के अनुसार राज्य के माध्यमिक विद्यालयों की देखरेख व कार्यभार के लिए 5548 हेडमास्टर के पद स्वीकृत किए गए हैं। मुख्याध्यापाकों को मास्टर व सीएंडवी कैडर से पदोन्नति दी जाएंगी। 10357 सीएंडवी व मास्टर कैडर शिक्षकों को योग्यता के आधार पर लेक्चरर बनाया जाएगा। इसके अलावा खाली पड़े 9545 लेक्चरार पदों के लिए सीधी भर्ती करने का प्रस्ताव है।
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