उच्चतम न्यायालय के आदेश पर रोहतक मदवि प्रशासन ने दूसरे प्रदेशों में चल रहे दूरस्थ शिक्षा सेंटरों को बंद करने की कवायद शुरू कर दी है। इस फैसले से जहां लाखों विद्यार्थियों के भविष्य पर तलवार लटक गई है, वहीं एजुकेशन सेंटर संचालकों के भी होश उड़ गए हैं। विवि ने सभी ग्लोबल व सामान्य सेंटर का नाम अपनी वेबसाइट से हटा दिया है। मदवि ने देशभर में करीब 7500 दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के तहत एजुकेशन सेंटर खोले थे। इन सेंटरों के माध्यम से देश के करीब सवा लाख विद्यार्थियों ने विभिन्न कोर्सो में एडमिशन लिया था। अब इन विद्यार्थियों को एडमिशन, परीक्षा व अन्य प्रकार के फार्मो को भरने, शिक्षा संबंधी जानकारी लेने व परीक्षा देने के लिए मदवि आना होगा। अपने रुपये डूबते देख सेंटर संचालक कोर्ट जाने की तैयारी में हैं। हो सकता है भविष्य से खिलवाड़ सेंटर बंद होने की सूचना के बाद यदि देश के किसी भी सेंटर संचालक ने विद्यार्थी की जानकारी मदवि को नहीं भेजी तो उसका सत्र खराब हो जाएगा। मदवि का कहना है कि जिन विद्यार्थियों के फार्म भरे जा चुके हैं, उनकी परीक्षा ली जाएगी प्रदेश से बाहर स्थित स्टडी सेंटर दिल्ली-973, पंजाब-1022, उत्तर प्रदेश-1255, राजस्थान-729, बिहार-502,
कर्नाटक-429, पं.बंगाल-485, महाराष्ट्र -449, गुजरात-355, हिमाचल प्रदेश-250, झारखंड-238, ओडिशा-154, उत्तराखंड-146, मध्यप्रदेश-134, जम्मू कश्मीर-111, असम-83, छत्तीस गढ़-64, आंध्रप्रदेश-34, गोवा-10, तमिलनाडु-02, चंडीगढ़-01। दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. नरेंद्र कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत प्रदेश से बाहर चल रहे सभी स्टडी सेंटरों को बंद करने का निर्णय लिया है। वहीं, ग्लोबल सेंटर संचालक विवि के नियमों को ताक पर रखकर सेंटरों का दुरुपयोग करने लगे थे। इसीलिए इन्हें बंद करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए आदेश जारी किए जा रहे हैं
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