सरकारी स्कूलों की लाइब्रेरी में रखी जायेंगी छात्रों की पसंद की पुस्तकें


भिवानी, 6 मार्च (हप्र)। अब प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है कि सरकारी स्कूलों की लाइब्रेरी में छात्रों की पसंद की ही पुस्तकें रखी जाएंगी।  बच्चों के साथ शिक्षक तो आएंगे, लेकिन वे पुस्तक मेले के बाहर ही रहेंगे और बच्चे ही वहां से पुस्तकों का चयन करेंगे तथा स्कूल में लेकर जाएंगे। जिसके लिए निर्धारित बजट भी दे दिया गया है।
शिक्षा विभाग पहली बार प्राइमरी कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के बच्चों को ज्ञानवर्धक पुस्तकों का चयन करने की छूट दी है। नयी योजना के अनुसार प्राइमरी स्कूलों की लाइब्रेरी के लिए 2 बच्चे बीईओ कार्यालय में जाएंगे। वहां पहुंचकर बच्चे अपनी मनमर्जी की पुस्तक का चयन करेंगे। इन पुस्तकों में स्लेबस की पुस्तकें नहीं होगी। सभी पुस्तकें ज्ञानवर्धक होगी। इनमें सामान्य ज्ञान की पुस्तकें भी शामिल होंगी। इसी तरह मिडल, हाई और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तक की कक्षा के 2-2 बच्चे अपने-अपने स्कूल की लाइब्रेरी के लिए पुस्तकों का चयन करेंगे। चयन के बाद विद्यार्थी वहां पर तैनात एबीआरसी को किताबों के नामों की सूची सौंपेंगे। एबीआरसी उक्त सूची को कम्प्यूटर में दर्ज करेगा। उसके बाद ही उन स्कूलों में आर्डर के हिसाब से किताबें भेजी जाएगी।
जो बच्चे स्कूल की लाइब्रेरी के लिए पुस्तकों का चयन करने के लिए आएंगे। उन बच्चों को खाने व किराए के पैसे दिए जाएंगे। सारी व्यवस्था को सही ढंग से चलाने तथा किसी प्रकार की गड़बड़ी से बचने के लिए विभाग के आला अधिकारियों की टीम भी मौके पर मौजूद रहेगी। चंडीगढ़ से पहुंचने वाले अधिकारी यह जांचेंगे कि किसी शिक्षक ने तो किताबों का चयन नहीं किया है। साथ ही वे किताबों की क्वालिटी भी देखेंगे। जिसके लिए शिखा विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है।
भिवानी में आज लगे पुस्तक मेले में कुछ ऐसा ही देखने को मिला है। मेले के पहले दिन भिवानी, बवानीखेड़ा, बहल, बाढड़ा, बौंद खंड के विद्यार्थी पुस्तकों का चयन करेंगे। इसके अलावा 7 मार्च को लोहारू, सिवानी, दादरी, कैरू और तोशाम खंड के विद्यार्थी भिवानी पहुंचकर किताबों का चयन करेंगे। इस दौरान प्राइमरी स्कूलों की लाइब्रेरी के लिए 3000 रुपए, मिडल के लिए 18 हजार, हाई के लिए 28 हजार तथा वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की लाइब्रेरी के लिए 32 हजार रुपए का बजट जारी किया है। बच्चों को इस मेले से उक्त राशि की किताबें खरीदने की अनुमति होगी।
वही इस योजना के बाद बच्चों में भी खास उत्साह है। उनका कहना है कि इस तरह के मेले में काफी उत्साह है। उनका कहना है कि आज वे खुद ही मेले में पुस्तकें खरीद रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका इस पद्धति से काफी ज्ञान बढ़ेगा।

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