फरीदाबाद सहित पलवल-मेवात के बच्चों का भविष्य उज्जवल होने वाला है। पलवल हाइवे स्थित मॉडर्न विद्या निकेतन(एमवीएन) इंस्टीटयूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी को प्रदेश सरकार ने स्टेट यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया है।
फिलहाल इस इंस्टीटयूट में बीटेक, बीबीए, एमबीए जैसे कोर्स कराए जाते हैं। लेकिन अब एमवीएन एजुकेशन सोसाइटी इसे दोबारा बनाकर इसमें विभिन्न प्रकार के कोर्स शुरू करने की तैयारी कर
रही है। यूनिवर्सिटी के तैयार होने में लगभग दो साल का समय लग सकता है।
इस यूनिवर्सिटी की खास बात यह होगी कि यह आसपास के गांव के बच्चों में भी अव्वल दर्जे की शिक्षा की अलख जलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यूनिवर्सिटी मैरिट के हिसाब से दाखिला देगी और अगर बच्चे के पास टैलेंट है, लेकिन उसके पास फीस का प्रबंध नहीं है तो भी यूनिवर्सिटी द्वारा उसकी पढ़ाई का खर्च उठाया जाएगा।
उघोग जगत से भी बुलाए जाएंगे इंस्ट्रक्टर
बच्चों के भविष्य को उज्जवल करने के लिए उद्योग जगत की बेस्ट कंपनियों से भी गठबंधन किया जाएगा। उन कंपनियों के बेस्ट इंस्ट्रक्टर जो अपने एम्पाइज को भी अपने कंपनी के बेहतर परफार्मेंस के लिए पढ़ाते रहते हैं, उनकी ट्रेनिंग कराते रहते हैं। उनको भी बच्चों को पढ़ाने के लिए बुलाया जाएगा।
ये सुविधाएं भी मिलेंगी: कंप्यूटर लैब, अत्याधुनिक हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर, प्लेसमेंट सुविधा, लाइब्रेरी, खेल संबंधी सुविधाएं सहित अन्य सुविधाएं भी स्टूडेंट्स को मुहैया कराएंगे।
मार्केट ट्रेंड्स को देखते हुए ही विद्यार्थियों को शिक्षा देने की योजना बनाई जा रही है। जिससे वह बड़े मेट्रो शहरों के किसी भी शिक्षण संस्थान के स्टूडेंट्स से कम न रहें। इस यूनिवर्सिटी में औद्योगिक क्षेत्रों की जरूरत के हिसाब से ही स्टूडेंट्स शिक्षा प्राप्त करेंगे। यहीं नहीं सरकार के आदेशों के हिसाब से खास गरीब बच्चों को यूनिवर्सिटी में कोटा भी रखा गया है। जो फीस अफोर्ड नहीं कर सकते और उनमें टैलेंट है तो उनकी भी मदद को यूनिवर्सिटी पीछे नहीं हटेगी।
- वरूण शर्मा, प्रेजिडेंट,एमवीएन
फिलहाल इस इंस्टीटयूट में बीटेक, बीबीए, एमबीए जैसे कोर्स कराए जाते हैं। लेकिन अब एमवीएन एजुकेशन सोसाइटी इसे दोबारा बनाकर इसमें विभिन्न प्रकार के कोर्स शुरू करने की तैयारी कर
रही है। यूनिवर्सिटी के तैयार होने में लगभग दो साल का समय लग सकता है।
इस यूनिवर्सिटी की खास बात यह होगी कि यह आसपास के गांव के बच्चों में भी अव्वल दर्जे की शिक्षा की अलख जलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यूनिवर्सिटी मैरिट के हिसाब से दाखिला देगी और अगर बच्चे के पास टैलेंट है, लेकिन उसके पास फीस का प्रबंध नहीं है तो भी यूनिवर्सिटी द्वारा उसकी पढ़ाई का खर्च उठाया जाएगा।
उघोग जगत से भी बुलाए जाएंगे इंस्ट्रक्टर
बच्चों के भविष्य को उज्जवल करने के लिए उद्योग जगत की बेस्ट कंपनियों से भी गठबंधन किया जाएगा। उन कंपनियों के बेस्ट इंस्ट्रक्टर जो अपने एम्पाइज को भी अपने कंपनी के बेहतर परफार्मेंस के लिए पढ़ाते रहते हैं, उनकी ट्रेनिंग कराते रहते हैं। उनको भी बच्चों को पढ़ाने के लिए बुलाया जाएगा।
ये सुविधाएं भी मिलेंगी: कंप्यूटर लैब, अत्याधुनिक हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर, प्लेसमेंट सुविधा, लाइब्रेरी, खेल संबंधी सुविधाएं सहित अन्य सुविधाएं भी स्टूडेंट्स को मुहैया कराएंगे।
मार्केट ट्रेंड्स को देखते हुए ही विद्यार्थियों को शिक्षा देने की योजना बनाई जा रही है। जिससे वह बड़े मेट्रो शहरों के किसी भी शिक्षण संस्थान के स्टूडेंट्स से कम न रहें। इस यूनिवर्सिटी में औद्योगिक क्षेत्रों की जरूरत के हिसाब से ही स्टूडेंट्स शिक्षा प्राप्त करेंगे। यहीं नहीं सरकार के आदेशों के हिसाब से खास गरीब बच्चों को यूनिवर्सिटी में कोटा भी रखा गया है। जो फीस अफोर्ड नहीं कर सकते और उनमें टैलेंट है तो उनकी भी मदद को यूनिवर्सिटी पीछे नहीं हटेगी।
- वरूण शर्मा, प्रेजिडेंट,एमवीएन
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