चंडीगढ़, जागरण संवाददाता : भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी मेवात की जिला शिक्षा अधिकारी पर मेहरबानी करना प्रदेश की शिक्षा विभाग की सचिव को भारी पड़ गया है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए शिक्षा सचिव पर दस हजार का जुर्माना लगाते हुए स्पष्ट किया कि सचिव इसका भुगतान अपने फंड से करे व निर्णय लेकर अगली सुनवाई पर कोर्ट को अवगत कराए। बुधवार को सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि शिक्षा विभाग ने मेवात की डीईओ सुमन नैन को संस्पेड करने का प्रपोजल तैयार कर लिया है लेकिन अभी निर्णय नही लिया गया है। खंडपीठ ने कहा कि कोर्ट द्वारा समय देने के बाद भी सरकार इस अधिकारी पर निर्णय क्यों नही ले रहे है। कोर्ट ने सरकारी वकील से पूछा कि इस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय किसे लेना है। सरकारी वकील ने कहा कि स्कूली शिक्षा विभाग के सचिव को। आदेश के बाद भी शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने पर कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाकर जुर्माना लगाया। जींद निवासी बिजेन्दर सिंह द्वारा पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका में मेवात की डीईओ सुमन नैन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि अतिथि शिक्षकों को नियमित किए जाने के घोटाले में कई जिलों के डीईओ और डीईईओ शामिल हैं। घोटाले के सामने आने के बाद मेवात के डीईईओ आरडी भारद्वाज को तो निलंबित किया जा चुका है जबकि जींद की तत्कालीन डीईओ सुमन नैन के खिलाफ नरम कार्रवाई करते हुए उन्हें मेवात में डीईओ के पद पर स्थानांतरित कर दिया गया। सुमन नैन झज्जर, पानीपत, पलवल और जींद में डीईओ के पद पर कार्यरत रह चुकी हैं और झज्जर में उनके कार्यकाल के दौरान की गई गैस स्टोव की खरीद में अनियमितताएं बरतने के मामले में उन्हें निलंबित किया जा चुका है और उनके खिलाफ रोहतक में 420, 120 बी के तहत एफआइआर भी दर्ज है। गरीब बच्चों की सहायता के लिए बनाए गए जूनियर रडक्रॉस फंड से निविदाएं बिना ही महंगे दामों पर दरियां और फिनायल आदि खरीदने का आरोप है।
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