यूपी में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती शैक्षणिक मेरिट के आधार पर

यूपी में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए मायावती सरकार द्वारा किए गए एक महत्वपूर्ण निर्णय को पलटने की तैयारी है। इन स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) मेरिट के आधार पर न करके शैक्षणिक मेरिट के आधार पर पूर्व की तरह ही की जाएगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली को संशोधित किया जाएगा। माया सरकार भर्ती के लिए मानक बदल दिया सचिव बेसिक शिक्षा सुशील कुमार ने मंगलवार को विभागीय अधिकारियों के साथ पहली बैठक में इस संबंध में निर्देश दे दिया है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी अनिवार्य किया है। एनसीटीई की 23 अगस्त, 2010 को जारी अधिसूचना में स्पष्ट कहा गया है कि यह पात्रता परीक्षा
होगी। इसे पास करने वाला ही शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकता है, लेकिन मायावती सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए मानक ही बदल दिया। माध्यमिक शिक्षा निदेशक गिरफ्तार किए गए उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली में शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट के आधार पर करने की व्यवस्था कर दी गई। टीईटी में पात्रता के स्थान पर अर्हता किए जाने के बाद हुई धांधली के चलते माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन गिरफ्तार भी किए जा चुके हैं। सचिव बेसिक शिक्षा ने मंगलवार को अधिकारियों के साथ बैठक में सबसे पहले समीक्षा के दौरान टीईटी और शिक्षकों की भर्ती के बारे में जानकारी प्राप्त की। इस पर उन्होंने निर्देश दिया कि पात्रता को अर्हता किया जाना गलत है। टीईटी पात्रता परीक्षा है। इसलिए शिक्षकों की भर्ती शैक्षणिक मेरिट के आधार पर ही पूर्व की तरह की जाए। इसके लिए बेसिक शिक्षा निदेशालय से नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव बनाकर भेजने को भी कहा है। शिक्षकों की भर्ती के संबंध में निर्देश दिया है कि हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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