अतिथि अध्यापकों का कार्यकाल बढ़ाए जाने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पात्र अध्यापकों में निराशा है। पात्र अध्यापकों का कहना है कि करीब 16 हजार शिक्षकों के हितों के नाम पर करीब सवा लाख पात्र अध्यापकों के हितों से खिलवाड़ किया गया है। पात्र अध्यापक संघ के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने कहा कि अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति पिछले दरवाजे से हुई है। हाई कोर्ट ने 31 मार्च 2012 तक इन्हें हटाने का आदेश दिया था। इसके बाद सरकार अतिथि अध्यापकों को विस्तार देने के लिए सुप्रीम कोर्ट चली गई।
भाषा शिक्षकों के प्रमाण पत्र रोके
एचटेट मामला
भिवानी त्नहरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने नवंबर में हुई हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा(एच टेट) कैटेगरी दो में उत्तीर्ण भाषा शिक्षकों के प्रमाण पत्र रोक लिए है। शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने एच टेट के कैटेगरी 2 में 900 से ज्यादा उत्तीर्ण परीक्षार्थियों के प्रमाण पत्र यह कहकर रोक लिए है कि इन परीक्षार्थियों द्वारा बोर्ड प्रशासन को भाषा विकल्प उपलब्ध नहीं कराए गए। बोर्ड द्वारा एच टेट के लिए जो आवेदन पत्र जारी किए थे। उनमें बोर्ड प्रशासन यह भाषा विकल्प देने संबंधी सूचना का कॉलम नहीं था, जिसके बाद भाषा शिक्षकों ने भाषा विकल्प लेने की मांग भी उठाई। फिर बोर्ड प्रशासन ने भाषा शिक्षकों से ऑनलाइन द्वारा और बोर्ड मुख्यालय में उपस्थित होकर भाषा विकल्प उपलब्ध कराने को कहा था। मगर उसके बाद भी काफी संख्या में परीक्षार्थी ऐसे थे, जिन्होंने बोर्ड प्रशासन को भाषा विकल्प उपलब्ध नहीं कराए थे।
भिवानी त्नहरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने नवंबर में हुई हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा(एच टेट) कैटेगरी दो में उत्तीर्ण भाषा शिक्षकों के प्रमाण पत्र रोक लिए है। शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने एच टेट के कैटेगरी 2 में 900 से ज्यादा उत्तीर्ण परीक्षार्थियों के प्रमाण पत्र यह कहकर रोक लिए है कि इन परीक्षार्थियों द्वारा बोर्ड प्रशासन को भाषा विकल्प उपलब्ध नहीं कराए गए। बोर्ड द्वारा एच टेट के लिए जो आवेदन पत्र जारी किए थे। उनमें बोर्ड प्रशासन यह भाषा विकल्प देने संबंधी सूचना का कॉलम नहीं था, जिसके बाद भाषा शिक्षकों ने भाषा विकल्प लेने की मांग भी उठाई। फिर बोर्ड प्रशासन ने भाषा शिक्षकों से ऑनलाइन द्वारा और बोर्ड मुख्यालय में उपस्थित होकर भाषा विकल्प उपलब्ध कराने को कहा था। मगर उसके बाद भी काफी संख्या में परीक्षार्थी ऐसे थे, जिन्होंने बोर्ड प्रशासन को भाषा विकल्प उपलब्ध नहीं कराए थे।
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