Roshan Lal Panwar RPSS ktl pradhan ji
समायोजन का संकट
हरियाणा में गेस्ट टीचर की स्थिति चौराहे पर खड़े उस यात्री जैसी हो गई है जिसे नहीं पता कि मंजिल तक पहुंचने के लिए किस रास्ते से जाए। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से दोहरा झटका खाने के बाद अब प्रदेश सरकार भी नहीं समझ पा रही कि किस ओर रुख किया जाए। गेस्ट टीचरों का कार्यकाल बढ़ाने की प्रदेश सरकार की याचिका कोर्ट में खारिज हो गई। इसके अलावा भर्ती में अनियमितता बरतने वाले स्कूल मुखिय...ाओं व अधिकारियों पर भी गाज गिरनी तय मानी जा रही है। ताज्जुब इस बात पर है कि 16 हजार से अधिक गेस्ट टीचर भर्ती करने में अत्यधिक उतावलापन दिखाते हुए किसी नियम-कानून का न अध्ययन किया गया, न दूरगामी प्रभाव पर मंथन हुआ। यह अस्थायी प्रबंध था। शिक्षा प्रभावित न हो इसलिए तात्कालिक उपायों से हुई थी भर्ती। लगता है वास्तविक उद्देश्य कहीं दूर भटक गया। उन अनियमितताओं पर शिक्षा अधिकारियों, स्कूल मुखियाओं की नजर क्यों नहीं पड़ी जो अब कोर्ट में सिलसिलेवार गिनाई जा रही हैं? भर्ती के बाद योग्यता पूरी करने की छूट किस आधार पर दी गई? समझ से बाहर है। आयु सीमा, सब्जेक्ट कंबिनेशन, प्रतिबंध के बाद नियुक्ति, बिना मेरिट लिस्ट, राशन कार्ड में हेराफेरी, पद स्वीकृत न होने पर भी नियुक्ति जैसी गंभीर अनियमितताओं पर जवाब देते अब सरकारी पक्ष की सांस फूल सकती है। प्रदेश सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती रहेगी कि 31 मार्च, 2012 के बाद 16 हजार से अधिक गेस्ट टीचरों को कहां समायोजित किया जाए। क्या इतना व्यापक समायोजन संभव है? समायोजन नहीं हुआ तो क्यों होगा? क्या नए सिरे से अस्थायी भर्ती की कवायद शुरू की जाएगी? सरकार को चाहिए कि अस्थायी प्रबंधों का सिलसिला बंद करे और केवल उसी योजना पर अमल सुनिश्चित करे जो दीर्घकालिक दृष्टिकोण व उद्देश्य पर आधारित हो। स्थायी या तदर्थ सरकारी नौकरी को अखाड़ा न बनाया जाए। इससे शिक्षा क्षेत्र को प्रत्यक्ष रूप से क्षति उठानी पड़ रही है। नौकरी में स्थायित्व न होने से शिक्षा में निरंतरता नहीं आ सकती। सरकार को यह तो स्वीकार करना ही होगा कि गेस्ट टीचर का अधिकांश समय नौकरी रहने या जाने की जद्दोजहद में ही बीत गया। ऐसे में किसी से भी पूरी ईमानदारी, समर्पण से कार्य करने की अपेक्षा कैसे की जा सकती है? समायोजन की अग्निपरीक्षा पास करके ही सरकार के प्रबंध कौशल का प्रमाण मिल पाएगा। उचित समाधान न हुआ तो हजारों गेस्ट टीचर पात्र अध्यापकों की तरह बेरोजगारों की भीड़ में नजर आएंगे।SATISHLECTURER
Haryana-
Hisar k JBT Teachers rationalization baare 24 Feb.ko jo list out ki gyi the ,usko Director ne aaj cancel kiya.PASHARYANA
Govt. ne GT ko Regular Bharti tk rakhne k liye HC order ko SCourt me chunoti di-TVNEWS
हरियाणा में गेस्ट टीचर की स्थिति चौराहे पर खड़े उस यात्री जैसी हो गई है जिसे नहीं पता कि मंजिल तक पहुंचने के लिए किस रास्ते से जाए। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से दोहरा झटका खाने के बाद अब प्रदेश सरकार भी नहीं समझ पा रही कि किस ओर रुख किया जाए। गेस्ट टीचरों का कार्यकाल बढ़ाने की प्रदेश सरकार की याचिका कोर्ट में खारिज हो गई। इसके अलावा भर्ती में अनियमितता बरतने वाले स्कूल मुखिय...ाओं व अधिकारियों पर भी गाज गिरनी तय मानी जा रही है। ताज्जुब इस बात पर है कि 16 हजार से अधिक गेस्ट टीचर भर्ती करने में अत्यधिक उतावलापन दिखाते हुए किसी नियम-कानून का न अध्ययन किया गया, न दूरगामी प्रभाव पर मंथन हुआ। यह अस्थायी प्रबंध था। शिक्षा प्रभावित न हो इसलिए तात्कालिक उपायों से हुई थी भर्ती। लगता है वास्तविक उद्देश्य कहीं दूर भटक गया। उन अनियमितताओं पर शिक्षा अधिकारियों, स्कूल मुखियाओं की नजर क्यों नहीं पड़ी जो अब कोर्ट में सिलसिलेवार गिनाई जा रही हैं? भर्ती के बाद योग्यता पूरी करने की छूट किस आधार पर दी गई? समझ से बाहर है। आयु सीमा, सब्जेक्ट कंबिनेशन, प्रतिबंध के बाद नियुक्ति, बिना मेरिट लिस्ट, राशन कार्ड में हेराफेरी, पद स्वीकृत न होने पर भी नियुक्ति जैसी गंभीर अनियमितताओं पर जवाब देते अब सरकारी पक्ष की सांस फूल सकती है। प्रदेश सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती रहेगी कि 31 मार्च, 2012 के बाद 16 हजार से अधिक गेस्ट टीचरों को कहां समायोजित किया जाए। क्या इतना व्यापक समायोजन संभव है? समायोजन नहीं हुआ तो क्यों होगा? क्या नए सिरे से अस्थायी भर्ती की कवायद शुरू की जाएगी? सरकार को चाहिए कि अस्थायी प्रबंधों का सिलसिला बंद करे और केवल उसी योजना पर अमल सुनिश्चित करे जो दीर्घकालिक दृष्टिकोण व उद्देश्य पर आधारित हो। स्थायी या तदर्थ सरकारी नौकरी को अखाड़ा न बनाया जाए। इससे शिक्षा क्षेत्र को प्रत्यक्ष रूप से क्षति उठानी पड़ रही है। नौकरी में स्थायित्व न होने से शिक्षा में निरंतरता नहीं आ सकती। सरकार को यह तो स्वीकार करना ही होगा कि गेस्ट टीचर का अधिकांश समय नौकरी रहने या जाने की जद्दोजहद में ही बीत गया। ऐसे में किसी से भी पूरी ईमानदारी, समर्पण से कार्य करने की अपेक्षा कैसे की जा सकती है? समायोजन की अग्निपरीक्षा पास करके ही सरकार के प्रबंध कौशल का प्रमाण मिल पाएगा। उचित समाधान न हुआ तो हजारों गेस्ट टीचर पात्र अध्यापकों की तरह बेरोजगारों की भीड़ में नजर आएंगे।
Haryana-
Hisar k JBT Teachers rationalization baare 24 Feb.ko jo list out ki gyi the ,usko Director ne aaj cancel kiya.
Govt. ne GT ko Regular Bharti tk rakhne k liye HC order ko SCourt me chunoti di-TVNEWS
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