पात्र अध्यापकों ने दी आत्मदाह की चेतावनी
(भिवानी), संवाद सहयोगी : चार वर्ष का शिक्षण अनुभव रखने वाले अध्यापकों को बिना पात्रता परीक्षा भर्ती का मौका देने से पात्र अध्यापक नाराज हैं। हरियाणा शिक्षक चयन बोर्ड के निर्णय से बिफरे पात्र अध्यापकों ने निर्णय को वापस न लेने की सूरत में रोहतक स्थित संविधान स्थल पर सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी दी है। साथ ही 15 अप्रैल को मंडल स्तर पर रोष प्रदर्शन करने व पात्रता प्रमाणपत्र की शव यात्रा निकालने का एलान किया है। पात्र अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने बयान जारी कर यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि सरकार का निर्णय एक लाख पात्र अध्यापकों व उनके परिवारों के साथ छल व धोखा है। स्कूलों में चार साल के शिक्षण अनुभव प्राप्त शिक्षकों के लिए पात्रता परीक्षा में पास होने की शर्त हटाने का निर्णय लिया है और वह भर्ती में शामिल हो सकेंगे। चयनित शिक्षकों को 2015 तक पात्रता परीक्षा पास करनी होगी। इस निर्णय से पात्र अध्यापक खफा हैं।
अतिथि शिक्षकों की हाजिरी लगाने से इंकार
(भिवानी), संवाद सहयोगी : अतिथि अध्यापकों का पिछला कार्यकाल 31 मार्च को समाप्त होने व समयावधि में बढ़ोतरी का शिक्षा निदेशालय का पत्र न पहुंचने से कई स्कूल मुखियाओं ने अतिथि अध्यापकों की हाजिरी लगाने से साफ इंकार कर दिया। गेस्ट टीचरों को बिना हाजिरी दर्ज कराए ही 1 से 10 अप्रैल तक का समय स्कूल में बिताना पड़ा है। प्रदेश सरकार द्वारा राजकीय विद्यालयों में कार्यरत अतिथि अध्यापकों के कार्यकाल पर 31 मार्च को 328 दिन के लिए बढ़ाया था। सुप्रीम कोर्ट से प्रदेश सरकार को समयसीमा मिलने के बाद अतिथि अध्यापकों को खुशी का ठिकाना नहीं रहा और रही सही कसर प्रदेश सरकार ने उनको पात्रता परीक्षा में छूट ने कर दी थी। अब उनकी यह खुशी काफूर होती दिख रही है। प्रदेश के शिक्षा निदेशालय द्वारा बढ़ी हुई समय सीमा का पत्र किसी स्कूल में नहीं पहुंचा और प्राचार्यो व स्कूल मुखियाओं ने उनकी उपस्थिति पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है। अतिथि अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश मुंढाल ने कहा कि संघ ने अधिकारियों से बात की तो पता चला कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी न मिलने से पत्र जारी करने में देरी हुई।
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