www.teacherharyana.blogspot.in प्रदेश के पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले भावी अध्यापक कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के दरबार में पहुंच गए हैं। पात्र अध्यापक संघ के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात कर न केवल शिक्षक भर्ती नियम में बदलाव पर आपत्ति जताई है, बल्कि पात्र अध्यापकों के साथ न्याय नहीं होने की स्थिति में आंदोलन की प्रतिबद्धता भी जाहिर कर दी है। पात्र अध्यापकों ने बृहस्पतिवार से पंचकूला स्थित शिक्षा सदन के बाहर धरना शुरू करने का एलान किया है। हरियाणा पात्र अध्यापक संघ
के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा और महिला विंग की प्रधान अर्चना सुभाषिनी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार सुबह दस बजे राहुल गांधी से मुलाकात की। कांग्रेस भवन में करीब 15 मिनट तक हुई बातचीत के दौरान पात्र अध्यापक नेताओं ने शिक्षा भर्ती नियमों में बदलाव का प्रबल विरोध किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा नियम बनाकर अध्यापकों की भर्ती के लिए पहले पात्रता परीक्षा अनिवार्य की। अब करीब एक लाख से ज्यादा अध्यापक भर्ती के लिए पात्रता परीक्षा पास कर चुके हैं तो सरकार ने इसे खत्म कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने कांग्रेस महासचिव को अतिथि अध्यापकों की वह सूची भी सौंपी, जो भर्ती के दौरान गलत पाई गई है। इस सूची में करीब 1200 नाम दर्ज बताए जाते हैं। उन्होंने पूछा कि ऐसी कौन सी मजबूरी है कि पहले राज्य सरकार ने पात्रता परीक्षा जरूरी की और बाद में उसे खत्म कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार के इस फैसले से करीब एक लाख परीक्षा पास पात्र अध्यापकों का भविष्य खराब हो जाएगा। उन्होंने उन परीक्षार्थियों का मुद्दा भी उठाया, जो परीक्षा पास करने के लिए दो से चार बार तक फेल हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने यदि पात्रता परीक्षा पास अध्यापकों को नौकरी में तरजीह नहीं दी और अतिथि अध्यापकों को नहीं हटाया तो आंदोलन किया जाएगा। मंगलवार को केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के सचिव वी उमाशंकर तथा स्कूल शिक्षा (साक्षरता) की सचिव आंशु वैश्य से भी मुलाकात हो चुकी है। प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश प्रवक्ता प्रेम अहलावत, अनिल अहलावत और अनूप दलाल भी शामिल रहे।
के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा और महिला विंग की प्रधान अर्चना सुभाषिनी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार सुबह दस बजे राहुल गांधी से मुलाकात की। कांग्रेस भवन में करीब 15 मिनट तक हुई बातचीत के दौरान पात्र अध्यापक नेताओं ने शिक्षा भर्ती नियमों में बदलाव का प्रबल विरोध किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा नियम बनाकर अध्यापकों की भर्ती के लिए पहले पात्रता परीक्षा अनिवार्य की। अब करीब एक लाख से ज्यादा अध्यापक भर्ती के लिए पात्रता परीक्षा पास कर चुके हैं तो सरकार ने इसे खत्म कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने कांग्रेस महासचिव को अतिथि अध्यापकों की वह सूची भी सौंपी, जो भर्ती के दौरान गलत पाई गई है। इस सूची में करीब 1200 नाम दर्ज बताए जाते हैं। उन्होंने पूछा कि ऐसी कौन सी मजबूरी है कि पहले राज्य सरकार ने पात्रता परीक्षा जरूरी की और बाद में उसे खत्म कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार के इस फैसले से करीब एक लाख परीक्षा पास पात्र अध्यापकों का भविष्य खराब हो जाएगा। उन्होंने उन परीक्षार्थियों का मुद्दा भी उठाया, जो परीक्षा पास करने के लिए दो से चार बार तक फेल हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने यदि पात्रता परीक्षा पास अध्यापकों को नौकरी में तरजीह नहीं दी और अतिथि अध्यापकों को नहीं हटाया तो आंदोलन किया जाएगा। मंगलवार को केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के सचिव वी उमाशंकर तथा स्कूल शिक्षा (साक्षरता) की सचिव आंशु वैश्य से भी मुलाकात हो चुकी है। प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश प्रवक्ता प्रेम अहलावत, अनिल अहलावत और अनूप दलाल भी शामिल रहे।
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