मूल्यांकन की वीडियोग्राफी बंद होनी चाहिए : हसला+++अभिभावकों की भी लगेंगी कक्षाएं

चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : हरियाणा स्कूल लेक्चरर्ज एसोसिएशन (हसला) ने हरियााणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा बारहवीं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य की वीडियोग्राफी कराए जाने पर कड़ा एतराज जताया और इसे बंद करने की मांग की है। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि यदि बोर्ड प्रशासन ने इसे बंद नहीं किया तो प्राध्यापक मूल्यांकन का कार्य नहीं करेंगे। हसला के प्रांतीय अध्यक्ष किताब सिंह मोर तथा महासचिव दलबीर पंघाल ने सोमवार को यहां कहा कि शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली से प्राध्यापकों में बेहद रोष है। बोर्ड प्रशासन का यह कदम प्राध्यापकों के प्रति अविश्र्वास व संदेह की मानसिकता का द्योतक है। प्राध्यापक पूरी ईमानदारी से मूल्यांकन कर रहे हैं तो बोर्ड को वीडियोग्राफी की जरूरत क्यों पड़ी। विश्र्वविद्यालयों तथा सीबीएसई द्वारा भी पूरे प्रदेश में स्थल मूल्यांकन की वीडियोग्राफी नहीं कराई जाती।
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अभिभावकों की भी लगेंगी कक्षाएं
 सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षा का अधिकार कानून के तहत निजी विद्यालयों में गरीब बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के फैसले पर मुहर लगाते ही अब शिक्षा विभाग ने भी सर्वशिक्षा के सपने को साकार करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। इस प्रयास के तहत शिक्षा विभाग अब बच्चों के अभिभावकों की भी कक्षाएं लगाएगा। इससे वे अधिकार की जानकारी हासिल कर सकेंगे। स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक ने प्रदेश के सभी जिला परियोजना संयोजकों, खंड संसाधन संयोजकों और सहायक खंड संसाधन संयोजकों को आदेश जारी किया है कि वह अपने जिले में विद्यालय प्रबंधन समितियों के सदस्यों को आरटीई, सर्वशिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करे। इसके लिए प्रत्येक क्लस्टर पर एसएमसी सदस्यों को एकत्रित किया जाएगा और उनकी कक्षाएं लगाई जाएंगी। मास्टर ट्रेनर हैं तैयार : एसएसए द्वारा सभी जिलों में स्कूल प्रबंधन कमेटी के सदस्यों को अधिकारों व आरटीई के बारे में जानकारी देने के लिए मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए हैं जो प्रत्येक कलस्टर पर जाकर एसएमसी सदस्यों को जानकारी देंगे। सहायक परियोजना संयोजक विनोद कड़वासरा ने बताया कि फतेहाबाद जिले में एसएसए द्वारा छह मास्टर ट्रेनर नियुक्त किए हैं, जो प्रत्येक एसएमसी टीम के छह सदस्यों को तीन दिन का प्रशिक्षण देंगे। पहले चरण में अभिभावकों को एक दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। सभी ट्रेनर 19 अप्रैल से निर्धारित क्लस्टर पर जाकर अभिभावकों को प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू करेंगे। वे दैनिक रिपोर्ट निदेशालय को भी भेजेंगे, ताकि उस पर विचार-विमर्श किया जा सके। जिला परियोजना संयोजक बलदेव गोयल ने कहा कि एसएमसी सदस्यों को आरटीई व अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए बीईओ भी भूमिका निभाएंगे। विभाग का यह एक सराहनीय कदम है।www.teacherharyana.blogspot.in

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