शिक्षा बोर्ड के नियम बने गले की हड्डी

प्रदेश में तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा बनाए गए नियम ने हजारों परिवारों की रोजी-रोटी पर तलवार लटका दी है। विद्याíथयों पर भी इसका गलत असर पड़ रहा है। नतीजन पॉलीटेक्निक कॉलेजों में विद्याíथयों के ड्रॉप आउट का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। तकनीकी शिक्षा विभाग ने यह शर्त लगा दी है कि जब तक विद्यार्थी पचास प्रतिशत पेपरों में पास नहीं होगा, उसे अगले सेमेस्टर में दाखिला नहीं मिलेगा। इस मुद्दे को लेकर रविवार को सेल्फ फाइनेंस पॉलीटेक्निक एसोसिएशन हरियाणा की बैठक प्रदेश अध्यक्ष ऋषि गहलोत की अध्यक्षता में हुई। देशभर के किसी भी राज्य में इस तरह का कानून नहीं है। हरियाणा में भी इंजीनिय¨रग एवं मैनेजमेंट कॉलेजों में इस तरह का कोई कानून नहीं है। ऋषि गहलोत के अनुसार अगर बच्चों को आगामी सेमेस्टर में दाखिला नहीं मिलेगा तो फिर कॉलेजों में न केवल बच्चों की संख्या घटेगी बल्कि बड़ी संख्या में कॉलेजों को बंद करना पड़ेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेंद्र ¨सह हुड्डा से इस मामले में सकारात्मक ढंग से कदम उठाए जाने का आग्रह किया है। बैठक में अनुसूचित जाति के बच्चों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति एवं फीस माफी का मुद्दा भी उठाया गया। सरकार द्वारा इस वर्ग के बच्चों को मुफ्त शिक्षा मुहैया कराई जा रही है और ऐसे में प्राइवेट कॉलेजों में पढ़ रहे विद्याíथयों की फीस सीधे विद्याíथयों के बैंक खातों में जमा होती है। काफी संख्या में ऐसे विद्यार्थी हैं, जिन्होंने बैंक से रुपये निकलवाने के लिए कॉलेजों में आना बंद कर दिया है। ऐसे विद्याíथयों का आंकड़ा भी काफी अधिक है, जिन्होंने अगले सेमेस्टर के पेपरों के लिए फार्म भी नहीं भरे हैं। बैठक में हाल ही में आए पहले, तीसरे एवं पांचवें सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम पर भी मंथन किया गया। इस बार इन तीनों ही सेमेस्टरों का परीक्षा परिणाम बड़ा खराब 17 प्रतिशत रहा है। कई कॉलेज ऐसे हैं, जिनका रिजल्ट पांच से दस प्रतिशत तक भी है। आठ कॉलेजों को दो प्रतिशत रिजल्ट रहने पर बोर्ड ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष ने इन आठों कालेजों का समर्थन करते हुए प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि इन्हें एक और मौका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि दूसरे राज्यों एवं कॉलेजों की तर्ज पर बहुतकनीकी संस्थानों में भी सौ नंबर के पेपर में से 70 या 80 नंबर बोर्ड के हाथ में होने चाहिए और तीस या बीस प्रतिशत नंबरों का अधिकार कॉलेजों को दिया जाना चाहिए।

No comments:

Post a Comment

thanks for your valuable comment

See Also

Calculate your age

Age Calculator Choose date of birth: OR enter birth details: / / Calculate Age