2 जून को सिर्फ तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा होगी

जोधपुर.पंचायतीराज विभाग ने राज्य के सभी निजी इंजीनियरिंग व एमबीए कॉलेजों से 2 जून को आयोजित होने वाली तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में सहयोग मांगा है। विभाग ने इन शिक्षण संस्थाओं को उनके यहां 2 जून को होने वाली विभिन्न विषयों की परीक्षाएं स्थगित कर 5 जून को कराने के निर्देश दिए हैं। 

जिला परिषद के एसीईओ सुरेश नवल ने बताया कि पंचायतीराज विभाग के उप शासन सचिव ने राज्य के सभी निजी इंजीनियरिंग व एमबीए कॉलेजों के निदेशकों एवं प्रिंसिपलों को पत्र भेजकर 2 जून को अपने कॉलेज की सभी परीक्षाएं निरस्त करने के निर्देश दिए हैं। 

उप शासन सचिव ने पत्र में लिखा है कि 2 जून को प्रस्तावित तृतीय श्रेणी अध्यापक परीक्षा में बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों के भाग लेने की संभावना है। इसके लिए कई निजी कॉलेजों को भी परीक्षा केंद्र बनाया गया है। ऐसे में इंजीनियरिंग व एमबीए कॉलेजों में 2 जून को होने वाली परीक्षा अब 5 जून को करवाई जाए।
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शिक्षक भर्ती के बाद खत्म होगा डार्क जोन

बांसवाड़ा/तलवाड़ा.तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के बाद प्रतिबंधित जिलों का डार्कजोन खत्म कर दिया जाएगा। जो लोग बरसों से गृह जिला छोड़ कर अन्य जिलों में कार्यरत हैं, वे अपने परिजनों के साथ रहकर सेवाएं दे सकेंगे। लेकिन यह तब संभव होगा, जब 41 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद अन्य जिलों में कार्यरत शिक्षकों के गृह जिलों की स्कूलों में पद रिक्त रहेंगे। यह घोषणा ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया ने शुक्रवार को त्रिपुरा सुंदरी में शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश स्तरीय अधिवेशन में की। 


सम्मेलन के उद्घाटनकर्ता पूर्व शिक्षा मंत्री व विधान सभा में विपक्ष के उपनेता घनश्याम तिवाड़ी ने जिला परिषदों से होने वाली शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने यहां तक दावा किया कि भर्ती प्रक्रिया होगी, लेकिन नियुक्तियों से पहले ही कोर्ट से रोक भी लगेगी।हालांकि, ऐसा होने के पीछे उन्होंने तर्क भी दिए। 


शुक्रवार को शिक्षक संघ राष्ट्रीय का प्रदेश स्तरीय अधिवेशन त्रिपुरा सुंदरी मंदिर परिसर में आयोजित हुआ। इसमें मुख्य अतिथि केबीनेट मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया, उद्घाटनकर्ता घनश्याम तिवाड़ी एवं मुख्य वक्ता ध्यानयोगी उत्तम स्वामी महाराज थे। अध्यक्षता संगठन के सभाध्यक्ष राजनारायण शर्माने की
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प्राध्यापकों का आंदोलन 50 दिन बाद हुआ खत्म

मुंबई. सरकार से मिले आश्वासन व विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी-कालेज टीचर्स यूनियन ने अपने आंदोलन को वापस ले लिया है। यह आंदोलन पिछले 50 दिनों से जारी था। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों ने परीक्षा की कापियां जांचने के काम का बहिष्कार किया था।

राज्यव्यापी आंदोलन के समापन की घोषणा करते हुए फेडरेशन की महासचिव तपती मुखोपाध्याय ने बताया कि सरकार नेट-सेट के प्राध्यापकों को पदोन्नति देने व बकाया वेतन का भुगतान करने के लिए तैयार हो गई है। राज्य के उच्च शिक्षा विभाग की ओर से हमें इस संबंध में लिखित जानकारी दी गई है। इसके बाद हमने विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए अपना आंदोलन वापस लेने का फैसला लिया है। 

उन्होंने कहा कि वैसे तो हमारी कई मांगें थी पर सबसे अह्म दो मांगे थी जिसके अंतर्गत नेट-सेट की अनिवार्यता के चलते बाधित हुई 10 हजार प्राध्यापकों की पदोन्नति व बकाया वेतन का भुगतान था। सरकार इन दोनों मांगों को मानने के लिए तैयार हो गई है। इसलिए हमने अपना आंदोलन खत्म कर दिया गया है पर हमारी अन्य मांगों से जुड़ा संघर्ष जारी रहेगा। 

मुखोपाध्याय ने कहा कि फेडरेशन ने सभी प्राध्यापकों को आंदोलन खत्म करके शनिवार से काम पर लौटने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि शुक्रवारको आंदोलन खत्म करने के लिए फेडरेशन के सभी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी। 

बैठक में सरकार की ओर से मिले आश्वासन के बाद पदाधिकारियों की सर्वसम्मति से आंदोलन वापस लेने का फैसला लिया गया। इससे पहले चर्चगेट स्थित विद्यार्थी भवन में आयोजित फेडरेशन की बैठक के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में जमकर प्रदर्शन किया गया। 

परीक्षा की कॉपियां जांचने के बहिष्कार पर हाईकोर्ट ने उठाए सवाल, जवाब नहीं दे सकी सरकार 

बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा है कि परीक्षा की कापियां जांचने का बहिष्कार करने वाले प्राध्यापकों के मामले में क्या कदम उठाए गए हैं? सरकार ने इस संदर्भ में विश्वविद्यालयों को क्या निर्देश दिए हैं? प्राध्यापकों की मांगों को लेकर सरकार किस निष्कर्ष पर पहुंची है? न्यायमूर्ति अभय टिप्से व न्यायमूर्ति आर.डी. धानुका की खंडपीठ ने सरकार को इस पूरे मामले पर एक सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। 
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अब पुलिस की तरह डॉक्टर साहब रोक लेंगे कोई भी गाड़ी

लुधियाना. अब पुलिस की तरह डाक्टर बाबू भी सड़कों पर गाड़ियां रोककर चेक कर सकते हैं। घबराइए मत पुलिस ने डाक्टरों को चालान काटने का ठेका नहीं दिया है बल्कि स्टेथेस्कोप से आपका चेकअप करेंगे। पूछेंगे कि आपको हैजे का कोई लक्ष्ण तो नहीं हैं।

उसके बाद आपको जाने देंगे। शहर में हैजा, गैस्ट्रो समेत अन्य बीमारियों की एंट्री रोकने के लिए एक एपिडेमिक डीजिज एक्ट में नोटिफिकेशन जारी कर सेहत विभाग को सड़कों पर गाड़ियां रोककर भी हेल्थ चेकअप करने का अधिकार दे दिया है। डीसी ने विभाग को इसके लिए मेडिकल टीमें भी बनाने को कहा है। 

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