वर्ष 2006 के चर्चित अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति के मामले की जांच पूरी हो गई है। जांच रिपोर्ट में धांधली की पुष्टि होने पर विभाग ने प्राचार्य को चार्जशीट करते हुए पंद्रह दिन में जवाब देने को कहा है। शहर की एमसी कालोनी के रहने वाले आरटीआइ कार्यकर्ता राजवीर सिंह ने इस मामले को उठाया था। ज्ञात हो कि 2010 में साहुवाला द्वितीय के प्राचार्य बूटा सिंह पर 2006 से 2007 के बीच अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति के दौरान धांधली के आरोप लगाए गए थे। प्राचार्य पर लगे आरोप में गणित विषय को आरक्षित करना, आरक्षित से सामान्य वर्ग में बदलना, बिना स्थायी प्रमाण पत्र जांचे शिक्षक को नियुक्ति पत्र देना था। इसके लिए विभाग ने 2010 में खंड शिक्षा अधिकारी हरभजन सिंह धंजू की अगुवाई में जांच
करने के आदेश दिए थे। राजबीर सिंह ने इसके लिए आरटीआइ से जानकारी मांगी थी। इसके आधार पर जांच अधिकारी ने इन सभी आरोपों को सही बताया है। गणित अध्यापक की नियुक्ति को आरक्षण नीति के खिलाफ बताया गया है। रिपोर्ट में यह कहा गया है कि प्राचार्य द्वारा आरक्षण नीति को लागू नहीं किया गया। इस प्रक्रिया में कमेटी सदस्यों ने भी दस्तावेज की सही जांच न करके वास्तविकता को छिपाने का प्रयास किया है। इसके आधार पर ही प्राचार्य को चार्जशीट किया गया है। शिक्षा विभाग के निदेशक ने साहुवाला द्वितीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य को सिविल सेवा के 1987 के नियम आठ के तहत चार्जशीट किया है। इस नियम के अनुसार प्राचार्य बूटा सिंह को पंद्रह दिनों के अंदर लिखित रूप में जबाब देने को कहा गया है।
करने के आदेश दिए थे। राजबीर सिंह ने इसके लिए आरटीआइ से जानकारी मांगी थी। इसके आधार पर जांच अधिकारी ने इन सभी आरोपों को सही बताया है। गणित अध्यापक की नियुक्ति को आरक्षण नीति के खिलाफ बताया गया है। रिपोर्ट में यह कहा गया है कि प्राचार्य द्वारा आरक्षण नीति को लागू नहीं किया गया। इस प्रक्रिया में कमेटी सदस्यों ने भी दस्तावेज की सही जांच न करके वास्तविकता को छिपाने का प्रयास किया है। इसके आधार पर ही प्राचार्य को चार्जशीट किया गया है। शिक्षा विभाग के निदेशक ने साहुवाला द्वितीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य को सिविल सेवा के 1987 के नियम आठ के तहत चार्जशीट किया है। इस नियम के अनुसार प्राचार्य बूटा सिंह को पंद्रह दिनों के अंदर लिखित रूप में जबाब देने को कहा गया है।
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