हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिएशन (हसला) ने हरियाणा स्टेट एजूकेशन स्कूल कैडर (ग्रुप-बी) सर्विस रूल्स-2011 में संशोधन की मांग की है। हसला प्रदेश अध्यक्ष किताब सिंह मोर व महासचिव दलबीर पंघाल ने नई शिक्षक भर्ती में लेक्चरर का पदनाम बदलकर पीजीटी करने तथा प्रधानाचार्य की पदोन्नति में विभागीय परीक्षा आयोजित करने के शिक्षा विभाग के फैसले की निंदा की है। हसला प्रदेश अध्यक्ष किताब सिंह मोर ने शुक्रवार को यहां बताया कि 20 अप्रैल 2011 को हसला व सरकार के मध्य समझौते में यह मांग स्पष्ट रूप से मान ली गई थी कि लेक्चरर का पदनाम किसी भी कीमत पर बदला नहीं जाएगा। यह बात भी मानी गई थी कि प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति में कोई विभागीय परीक्षा नहीं होगी। इसके बावजूद शिक्षा विभाग ने वादाखिलाफी करते हुए सर्विस रूल घोषित कर दिए। उन्होंने कहा कि 21 वर्ष के लेक्चरर के अनुभव के बाद विभागीय परीक्षा का कोई औचित्य नहीं है। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि सर्विस रूल्स-2011 में संशोधन कर प्रधानाचार्य की पदोन्नति में विभागीय परीक्षा समाप्त की जाए। पीजीटी पदनाम को समाप्त कर नई भर्ती में भी पदनाम लेक्चरर ही रखा जाए। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों का नामकरण दक्षिण के प्रांतों की तर्ज पर इंटर कॉलेज या राजकीय जूनियर कॉलेज रखा जाए। साथ ही नई शिक्षा नीति में प्रधानाचार्य व उपप्रधानाचार्य के पद पर शत प्रतिशत पदोन्नति केवल प्राध्यापकों से ही की जाए।
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