टॉपर छात्र को 100 में से महज 7 अंक मिले थे, जांच कराने पर मिले 84 अंक |
उमेश त्यागी त्न सनौली |
तकनीकी शिक्षा बोर्ड पंचकूला के चेकिंग स्टाफ की घोर लापरवाही किसी होनहार छात्र के भविष्य को अंधकार में पहुंचा सकती है, इसका उदाहरण उस समय सामने आया जब एमडी कॉलेज छाजपुर के टॉपर छात्र को 100 में से महज 7 अंक मिले थे। जब छात्र ने बोर्ड में शुल्क भरकर अपनी उत्तर पुस्तिका निकलवाई तो चेकिंग स्टाफ की लापरवाही उजागर हो गई और छात्र को 100 में से 84 अंक मिले। इसी तरह एक अन्य छात्र को भी 100 में से 35 अंक मिले थे, जो उत्तर पुस्तिका निकलवाने पर 55 पाए गए। गांव छाजपुर स्थित एमडी कॉलेज ऑफ पॉलिटेक्निक से सिविल इंजीनियरिंग कर रहे छात्र मोहित चौहान ने बताया कि उसने पांचवे सेमेस्टर की परीक्षा दी थी, जिसका परिणाम तकनीकी शिक्षा बोर्ड पंचकूला द्वारा अप्रैल 2012 में घोषित किया गया था। इसमें उसके 100 में से मात्र 7 अंक दिए गए। मोहित के अनुसार वह अपनी कक्षा में टॉपर है, लेकिन 7 अंक देखकर वह हैरान रह गया। तब उसने तकनीकी बोर्ड में एक हजार रुपए का ड्राफ्ट भरकर अपनी उत्तर पुस्तिका की जांच करवाई तो उसके अंक 84 पाए गए। इसी तरह इसी संस्थान के छात्र हाशिम अली ने भी अपनी प्रतिभा के साथ खिलवाड़ पाया और उसने अपनी उत्तर पुस्तिका निकलवाई तो उसके 35 की बजाय 55 अंक पाए गए। इस संबंध में एमडी कॉलेज ऑफ पॉलिटेक्निक के एमडी आरएन शर्मा व प्राचार्या डॉ. आबिदा हुसैन ने कहा कि उनके संस्थान में बेहतर पढ़ाई करवाई जाती है, लेकिन जब टॉपर्स छात्रों को भी फेल दिखाया गया तो उन्हें बड़ी हैरानी हुई। अब इन छात्रों की उत्तर पुस्तिका की पुन: जांच करवाने पर बोर्ड के चेकिंग स्टाफ की लापरवाही सामने आई है। अन्य छात्र भी निकलवाएं उत्तर पुस्तिका टॉपर्स छात्रों द्वारा अपनी उत्तर पुस्तिका निकलवाने पर तकनीकी बोर्ड की लापरवाही उजागर होते ही अन्य छात्र-छात्राओं ने भी अपनी-अपनी उत्तर पुस्तिकाएं निकलवाने का मन बनाया है। छात्र सोनू, प्रिंस दुबे, आशु, जयदीप व यश का कहना है कि उन्होंने भी कड़ी मेहनत करके परीक्षा दी थी, लेकिन बोर्ड द्वारा उनका खराब रिजल्ट दिया गया है। अब वे अपनी उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करवाएंगे। |
तकनीकी शिक्षा बोर्ड की लापरवाही उजागर
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