अल्पसंख्यक आरक्षण खारिज

आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को तगड़ा झटका देते हुए मजहब के आधार पर आरक्षण देने से इन्कार कर दिया है। यूपी चुनावों के दौरान केंद्र ने ओबीसी के 27 फीसद कोटे से साढ़े चार फीसद आरक्षण देने की घोषणा की थी जो सभी अल्पसंख्यक वर्गो के लिए था। इसे मुस्लिम वोट बैंक को लुभाने का प्रयास माना गया था। ऐन वक्त पर की गई घोषणा पर आयोग ने विस चुनावों तक इसके अमल पर रोक लगा दी थी। सरकार ने नतीजे घोषित होने के साथ ही इसे लागू कर दिया। मुख्य न्यायाधीश मदन बी. लॉकर और न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार की खंडपीठ ने कहा कि सरकार इसे लागू करने के ठोस आधार नहीं दे पाई है। आरक्षण के अमल में आने के बाद आइआइटी में करीब 400 छात्रों का चयन हो गया। अब केंद्र द्वारा दिए गए इस आरक्षण का विरोध होना शुरू हो गया है। पिछड़ी जाति कल्याण संगठन के अध्यक्ष आरके कृष्णन्नैया ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर केंद्र के फैसले को चुनौती दी है। संगठन के वकील केआर रेड्डी ने कहा कि कोर्ट के इस फैसले से आइआइटी के दाखिलों पर असर पड़ सकता
है। कोर्ट ने पाया कि पहले मसौदे (ओएम) में कहा गया है कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग कानून की धारा 2(सी) में परिभाषित अल्पसंख्यकों से संबंध रखने वाले शैक्षणिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग के नागरिकों के लिए साढ़े चार प्रतिशत का आरक्षण तय किया जाता है। दूसरे ओएम के जरिए अल्पसंख्यकों के लिए कोटे में कोटा बना दिया गया। खंडपीठ ने कहा कि सहायक सॉलीसिटर जनरल ने ऐसा कोई साक्ष्य पेश नहीं किया जो अल्पसंख्यकों के सजातीय समूह वाले पिछड़े वर्ग के तौर पर किए गए वर्गीकरण को जायज ठहराता हो। लिहाजा, हम यह मानते हैं कि मुस्लिम, इसाई, बौद्ध और पारसी एक सरीखे समूह नहीं हैं। पीठ ने ध्यान दिलाया कि मसौदे में इस्तेमाल किए गए अल्पसंख्यकों से संबंध रखने वाले या अल्पसंख्यकों के लिए जैसे शब्दों से संकेत मिलता है कि साढ़े चार फीसद कोटा केवल मजहब के आधार पर बनाया गया है। लिहाजा, हमारे पास साढ़े चार प्रतिशत आरक्षण को खारिज करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इससे पहले केंद्र सरकार ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि अल्पसंख्यकों को उनके पिछड़ेपन के आधार पर आरक्षण दिया गया, न कि मजहब के आधार पर। हाई कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस ने कहा कि पहले निर्णय को पढ़ा जाएगा और जरूरत महसूस होने पर ही टिप्पणी की जाएगी।http://in.jagran.yahoo.com/epaper/

No comments:

Post a Comment

thanks for your valuable comment

See Also

Education News Haryana topic wise detail.