प्रदेश भर के जेबीटी अध्यापकों ने बृहस्पतिवार को सभी 119 खंडों में जोरदार नारेबाजी व प्रदर्शन कर खंड शिक्षा अधिकारियों के मार्फत मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे। जेबीटी शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर आरपार के संघर्ष का एलान किया है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष विनोद ठाकरान ने बताया कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो 22 मई को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद 10 जुलाई से पंचकूला स्थित शिक्षा सदन को क्रमिक अनशन शुरू किया जाएगा, जो मांगे माने जाने तक जारी रहेगा। क्या है प्रमुख मांगें : मुख्य शिक्षक के पद को यथावत रखा जाए व प्रत्येक स्कूल में मुख्य शिक्षक का पद स्वीकृत किया जाए। प्राथमिक शिक्षकों को उनकी योग्यता व संख्या के आधार पर सीधे स्कूल प्रवक्ता के पद पर पदोन्नति दी जाए व इस संबंध में कोटा निर्धारित किया जाए। वर्ष में नियुक्त प्राथमिक प्राथमिक शिक्षकों को पदोन्नति व लोन आदि सभी सेवालाभ दिए जाएं। 18 अगस्त 2009 का वेतन कटौती का पत्र वापस लिया जाए व पंजाब-चंडीगढ़ की भांति 16290 बेसिक पे-स्केल दिया जाए। प्राथमिक शिक्षकों को विभागीय पदोन्नति (मुख्य शिक्षक, केंद्र अध्यक्ष, बीईईओ) दी जाए। अंतरजिला स्थानातंरण किए जाएं व मेवात के शिक्षकों को भी इसमें शामिल किया जाए। प्राथमिक स्कूलों में छोटे स्कूलों के मद्देनजर स्कूलों का समय 6 घंटे ही रखा जाए। पदोन्नति में पात्रता परीक्षा के प्रावधान को रद किया जाए और शिक्षा का अधिकार कानून के अनुसार शिक्षकों से गैरशैक्षणिण कार्य लेना बंद किया जाए और पीपीपी की अवधारणा को समाप्त किया जाए।
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