हरियाणा के सालाना दो लाख रुपये या इससे कम आमदनी वाले परिवार का बच्चा प्रदेश के मान्यता प्राप्त स्कूलों में आर्थिक पिछड़ा वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के बच्चों के लिए आरक्षित 25 फीसद सीटों पर प्रवेश का हकदार होगा। मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने यह व्यवस्था दी। कोर्ट ने यह आदेश हरियाणा सरकार द्वारा आर्थिक पिछड़े वर्ग के लिए प्रवेश देने के लिए उचित नियम न बनाने व सरकार द्वारा आर्थिक पिछड़े वर्ग की उचित परिभाषा तय न करने पर जारी किया। साथ ही सरकार को निर्देश दिया कि आरक्षित सीटों पर सही और योग्य बच्चों का प्रवेश सुनिश्चित किया जाए। कोर्ट ने इस संबंध में की गई कार्रवाई की दो सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि पहले आर्थिक पिछड़े वर्ग की सीटों पर क्रमश: बीपीएल कार्ड होल्डर, एक लाख आमदनी
व उसके बाद दो लाख आमदनी वालों को प्रवेश देने का नियम तय किया जा रहा है। इसे नकारते हुए हाई कोर्ट ने दो लाख की सीमा तय कर दी। साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह प्रवेश सीटों की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। हाई कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कहा कि ईडब्ल्यूएस की दो लाख की सीमा तब तक रहेगी जब तक सरकार ईडब्ल्यूएस की परिभाषा तय करने के लिए अपनी अधिसूचना जारी नहीं करती। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि कुछ स्कूलों में बीपीएल कार्ड होल्डर को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि वह इस बाबत जिला शिक्षा अधिकारी को शिकायत दे सकते है। कोर्ट ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया कि इस संबंध में आम जनता को संचार माध्यम व मीडिया के माध्यम से जागरूक भी किया जाए।
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व उसके बाद दो लाख आमदनी वालों को प्रवेश देने का नियम तय किया जा रहा है। इसे नकारते हुए हाई कोर्ट ने दो लाख की सीमा तय कर दी। साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह प्रवेश सीटों की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। हाई कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कहा कि ईडब्ल्यूएस की दो लाख की सीमा तब तक रहेगी जब तक सरकार ईडब्ल्यूएस की परिभाषा तय करने के लिए अपनी अधिसूचना जारी नहीं करती। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि कुछ स्कूलों में बीपीएल कार्ड होल्डर को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि वह इस बाबत जिला शिक्षा अधिकारी को शिकायत दे सकते है। कोर्ट ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया कि इस संबंध में आम जनता को संचार माध्यम व मीडिया के माध्यम से जागरूक भी किया जाए।
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