हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की नियमावली 134 ए के तहत आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के 25 फीसद कोटे को भरने के मामले में उचित कार्रवाई न करने पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है और शुक्रवार को स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। बृहस्पतिवार को कार्यकारी चीफ जस्टिस एमएम कुमार एवं जस्टिस आलोक सिंह की खंडपीठ ने कहा कि अगर सरकार शुक्रवार को स्टेटस रिपोर्ट पेश नहीं कर पाती है, तो हरियाणा शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव और सेकेंडरी व प्राइमरी स्कूल शिक्षा के निदेशक हाईकोर्ट में उपस्थित रहें। मामले की सुनवाई शुक्रवार को भी जारी रहेगी। सुनवाई के दौरान सरकार के काउंसिल ने हाईकोर्ट से आग्रह किया कि उसे रिपोर्ट पेश करने में कुछ समय की मोहलत दी जाए। उन्होंने कहा कि सभी जिलों से रिपोर्ट कंपाइल नहीं हो पाई है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि सरकार ने अभी तक आर्थिक पिछड़ा वर्ग के बच्चों को भरने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। इस पर खंडपीठ ने हरियाणा सरकार के मोहलत देने के आग्रह को खारिज कर दिया। खंडपीठ ने कहा कि सरकार हाईकोर्ट के आदेशों पर गंभीर नहीं। रही रिपोर्ट की बात तो सरकार एक दिन में इसे कंपाइल कर सकती है। रोहतक निवासी सतपाल हुड्डा की ओर से दायर याचिका पर सरकार आर्थिक पिछड़ा वर्ग की परिभाषा नहीं दे पाई थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश जारी किए थे कि सालाना दो लाख से कम आय वाले परिवारों के बच्चों को एडिड स्कूलों में प्रवेश दिया जाए और इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की जाए।http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=8&edition=2012-06-01&pageno=5
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