सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने चेतावनी दी है कि यदि राज्य सरकार ने नियमितीकरण की नीति को संशोधित कर दो वर्ष की सेवा पूरी कर चुके सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का नहीं किया और वेतन विसंगति दूर नहीं की तो राज्य के कर्मचारी संघर्ष की राह पकड़ लेंगे। संघ ने राज्य के मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कर्मचारियों की मांगों के प्रति अपनाई जा रही बेरुखी पर रोष जताते हुए आरोप लगाया है कि सरकार कर्मचारी वर्ग को संघर्ष का रास्ता अख्ति्यार करने पर मजबूर कर रही है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष धर्मबीर फौगाट, महासचिव सुभाष लांबा व उपमहासचिव जीवन सिंह ने बताया कि 29 जुलाई 2011 को कच्चे कर्मियों का पक्का करने की नीति से किसी कर्मी को लाभ न होने की ओर मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किए जाने के बाद भी संशोधित नीति जारी नहीं की गई है। कर्मचारी नेताओं के अनुसार मुख्य सचिव द्वारा 5 सितंबर 2011 को जारी आदेश को अधिकतर विभागों के प्रशासनिक सचिवों ने रद्दी की टोकरी में डाला हुआ है। संघ ने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश की अवहेलना एक गंभीर मामला है। सुभाष लांबा के अनुसार हरियाणा के कर्मचारियों और पड़ोसी राज्य के कर्मचारियों के वेतनमानों व भत्तों में भारी असमानताएं हैं।
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राजधानी में तकरीबन 14 हजार अध्यापकों की नियुक्ति होने जा रही है। जुलाई के पहले सप्ताह में गेस्ट टीचर की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाएगी। शिक्षा मंत्री अरविंदर सिंह लवली का कहना है कि सरकारी स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात को राष्ट्रीय मानक के अनुसार बनाए रखने के उद्देश्य से कुल 13,890 नियुक्तियां होंगी।
उन्होंने बताया कि उर्दू माध्यम से शिक्षा की चाहत रखने वाले छात्रों की राह आसान करने के लिए सीलमपुर में एक उर्दू स्कूल खोला जाएगा। अभी शिक्षा निदेशालय 21 उर्दू माध्यम के स्कूल संचालित कर रहा है। साथ ही, 130 स्कूल ऐसे हैं जहां पर उर्दू की शिक्षा की व्यवस्था है। स्कूलों में 100 उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जल्द ही विज्ञापन दिए जाएंगे। उर्दू अकादमी की जगह शिक्षा निदेशालय के माध्यम से भर्ती की जाएगी। यह निर्णय शिक्षा निदेशालय से संबंधित समीक्षा बैठक में लिया गया है।
इधर सर्व शिक्षा अभियान के तहत शिक्षा निदेशालय ने शारीरिक रूप से अक्षम बच्चों को स्कूली शिक्षा प्रदान करने के लिये व्यापक कार्य योजना तैयार की है। इसके तहत ऐसे बच्चों को उम्र और विवेक के हिसाब से स्कूलों में दाखिल कराया जाता है। बैठक में शिक्षा सचिव दीवान चंद, शिक्षा निदेशक अमित सिंगला के अलावा सर्व शिक्षा अभियान से जुड़े अधिकारी भी शामिल हुए
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राजधानी में तकरीबन 14 हजार अध्यापकों की नियुक्ति होने जा रही है। जुलाई के पहले सप्ताह में गेस्ट टीचर की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाएगी। शिक्षा मंत्री अरविंदर सिंह लवली का कहना है कि सरकारी स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात को राष्ट्रीय मानक के अनुसार बनाए रखने के उद्देश्य से कुल 13,890 नियुक्तियां होंगी।
उन्होंने बताया कि उर्दू माध्यम से शिक्षा की चाहत रखने वाले छात्रों की राह आसान करने के लिए सीलमपुर में एक उर्दू स्कूल खोला जाएगा। अभी शिक्षा निदेशालय 21 उर्दू माध्यम के स्कूल संचालित कर रहा है। साथ ही, 130 स्कूल ऐसे हैं जहां पर उर्दू की शिक्षा की व्यवस्था है। स्कूलों में 100 उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जल्द ही विज्ञापन दिए जाएंगे। उर्दू अकादमी की जगह शिक्षा निदेशालय के माध्यम से भर्ती की जाएगी। यह निर्णय शिक्षा निदेशालय से संबंधित समीक्षा बैठक में लिया गया है।
इधर सर्व शिक्षा अभियान के तहत शिक्षा निदेशालय ने शारीरिक रूप से अक्षम बच्चों को स्कूली शिक्षा प्रदान करने के लिये व्यापक कार्य योजना तैयार की है। इसके तहत ऐसे बच्चों को उम्र और विवेक के हिसाब से स्कूलों में दाखिल कराया जाता है। बैठक में शिक्षा सचिव दीवान चंद, शिक्षा निदेशक अमित सिंगला के अलावा सर्व शिक्षा अभियान से जुड़े अधिकारी भी शामिल हुए
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