नेट में बैठे 41 हजार

प्रदेशभर के करीब 41 हजार परीक्षार्थियों ने रविवार को राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) में भाग लिया। इनमें से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में अंतर्गत 63 केंद्रों पर 16502 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। कुवि परीक्षा नियंत्रक एवं नेट की परीक्षा के कोर्डिनेटर डॉ. हुकम सिंह ने बताया कि परीक्षा शांतिपूर्ण रही। उधर महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के अंतर्गत 60 परीक्षा केंद्रों पर 25 हजार परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। इस परीक्षा के संचालन मदवि के कंडक्ट ब्रांच के विशेष कार्य अधिकारी वीपी नांदल ने किया। इस दौरान रोहतक में पूरा दिन जाम की स्थिति बनी रही। परीक्षार्थियों को केंद्र तक पहुंचने को मशक्कत करनी पड़ी।
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खानपुर मेडिकल कॉलेज में कक्षाएं इसी सत्र से
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि सोनीपत के खानपुर कलां में स्थापित देश के दूसरे महिला मेडिकल
कॉलेज का उद्घाटन जल्द किया जाएगा। सौ सीटों की क्षमता वाले इस मेडिकल कॉलेज में कक्षाएं इसी शैक्षणिक सत्र से शुरू होंगी। दीपेंद्र हुड्डा रविवार को सोनीपत के सांसद जितेंद्र मलिक के साथ खानपुर कलां स्थित महिला मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं का जायजा ले रहे थे। सोनिया गांधी ने 1 मार्च 2009 को इस कॉलेज की आधारशिला रखी थी। मेडिकल कॉलेज में 100 छात्राएं हर वर्ष एमबीबीएस की शिक्षा प्राप्त कर सकेंगी। द्वितीय चरण में इस कॉलेज में नर्सिग कॉलेज की स्थापना की जाएगी। दीपेंद्र हुड्डा ने बताया कि मात्र तीन वर्ष की अवधि में 350 करोड़ रुपये की लागत से यह कॉलेज स्थापित किया गया है। इसके विस्तार के लिए द्वितीय चरण में 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। विवि कुलपतियों की खानपुर में बैठक आज जाब्यू,
चंडीगढ़ : उच्च शिक्षा में नेतृत्व कौशल और क्षमता-वृद्धि पर जरूरी मंथन के लिए प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय खानपुर कलां में 25 जून को बैठक होगी। बैठक में भारत में लीडरशिप डेवलपमेंट की जरूरत पर चर्चा होगी। ब्रिटेन के लीडरशिप फाउंडेशन फॉर हॉयर एजुकेशन और यूके इंडिया एजुकेशन एंड रिसर्च इनिशिएटिव की ओर से एक तीन सदस्यीय गु्रप गठित किया गया है। इसमें प्रो. निर्मला राव, डॉ. पंकज मित्तल और लीडरशिप फाउंडेशन के अंतरराष्ट्रीय परियोजना निदेशक डेविड लॉक शामिल हैं। यह गु्रप उच्चतर शिक्षा क्षेत्र में नेतृत्व विकास की संभावनाओं पर कार्य करेगा। बैठक में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक, चौ. देवीलाल विवि सिरसा, मुरथल विवि और जीजेयू हिसार के कुलपति प्रमुख रूप से हिस्सेदारी करेंगे।
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ढूंढे नहीं मिल रहे मंत्री, स्टाफ की मिन्नतें  तबादला प्रक्रिया
आजकल प्रदेश में तबादला प्रक्रिया जारी है। ऐसे में मंत्रियों के स्टाफ की चांदी कट रही है। मंत्रियों को तबादलों का यह अधिकार एक माह के लिए दिया गया है। शिक्षा विभाग के अलावा अन्य सभी महकमों में तबादलों के लिए लोग मंत्रियों के चंडीगढ़ स्थित कार्यालयों और घरों पर चक्कर काट रहे हैं। हलकों में मंत्रियों के सामने जन समस्याएं कम और तबादलों के लिए अर्जियां ज्यादा आ रही हैं। इस कारण तीन मंत्रियों ने तो अपने हलकों में जाना ही कम कर दिया है और बहाना गर्मी का बनाया जा रहा है। एक मंत्री का स्टाफ पंचकूला के आसपास की वादियों में बैठ कर तबादलों के केस निपटा रहा है तो एक मंत्री का स्टाफ पंचकूला के एक भवन के कमरे में बंद है। सबसे अधिक फजीहत मुख्य संसदीय सचिवों की हो रही है। एक मुख्य संसदीय सचिव को छोड़कर अन्य को अपने चहेतों के तबादले के लिए मंत्री से अनुरोध करना पड़ रहा है। इन मुख्य संसदीय सचिवों का कहना है कि सरकार में रुतबा होने के बावजूद उनके पास अधिकार नहीं है। पुतले फूंकने से नहीं आ पाएगा इंकलाब मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पूर्व मीडिया एडवाइजर सुंदरपाल राणा ने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद उत्तर हरियाणा के हित की लड़ाई लड़ने का एलान करने के साथ हुड्डा पर सीधा हमला बोलने से भी परहेज किया। लगे हाथ साफ कर दिया कि उन्होंने कांग्रेस छोड़ी है, मर्यादा नहीं। सुंदरपाल बोले, वह घटिया राजनीति नहीं करते। उनमें मर्यादा जिंदा है। कहा कि उत्तर हरियाणा के हित के लिए लड़ रहे हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि नेताओं के पुतले फूंकेंगे। पुतले फूंकने से इंकलाब आएगा, यह किसने कह दिया। मैं न तो हुड्डा के पुतले फूंकूंगा और न चौटाला या कुलदीप के। दक्षिण हरियाणा को भी उसके हिस्से का लाभ मिले पर हम उत्तर हरियाणा की अनदेखी नहीं होने देंगे। इसके लिए आंदोलन का तरीका उन्हें आता है। जब मंत्री जी भी एसई के घर चले गए इसे लोगों के प्रति मंत्री का समर्पण कहें या फिर अफसरशाही की हेकड़ी। मंत्री को एक एसई के घर जाकर अनुरोध करना पड़ा कि उनके इलाके की जनता प्यासी है। इसलिए नहर में पानी छोड़ दो। दरअसल, पिछले दिनों रोहतक की जवाहर लाल नेहरू नहर में एक बच्चा डूब गया था। उसे बचाने के लिए पानी रोक दिया गया। सप्लाई जब चरखी दादरी तक नहीं पहुंची तो पानी का संकट बढ़ गया। बात एक मंत्री तक पहुंची। लोग बोले, पानी नहीं मिला तो प्यासे मर जाएंगे। मंत्री जी फोन करने के बजाय, सीधे एसई के घर चले गए। बोले, भाई लोग परेशान हैं। पानी चला दो। मंत्री की इस दरियादिली के अलग-अलग मतलब निकाले जा रहे हैं। प्रस्तुति : जागरण ब्यूरो, चंडीगढ़।

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