सरकार से मांगा जवाब

चौटाला के शासनकाल में भर्ती किए गए 84 बर्खास्त सिपाहियों को हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी बहाल नहीं करने पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार, गृह सचिव व डीजीपी को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जस्टिस सूर्यकांत ने यह नोटिस जारी किया। याचिकाकर्ता सत्यनारायण व अन्य ने अवमानना याचिका दायर कर सरकार पर कोर्ट के आदेश को न मानने का आरोप लगाया है। याचिकाकर्ता की वकील अलका चतरथ ने कोर्ट को बताया कि जस्टिस एमएम कुमार ने 15 फरवरी को अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में हरियाणा पुलिस के 84 सिपाहियों के बर्खास्तगी आदेश रद करते हुए इन्हें बहाल करने का आदेश जारी किया था। कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि इन सभी सिपाहियों की ड्यूटी हटाए गए समय से लगातार मानी जाएगी। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि उक्त पुलिस कर्मी हटाए जाने से ज्वाइनिंग के
बीच के लिए किसी तरह का वित्तीय दावा पेश नही करेंगे। चौटाला के शासनकाल में भर्ती किए गए इन सिपाहियों को हुड्डा सरकार ने हटा दिया था। कोर्ट के आदेश के तीन महीने बाद भी सरकार ने इन्हें बहाल नहीं किया है। उक्त सभी पद टेली कम्युनिकेशन विंग के हैं। चतरथ ने कोर्ट को बताया कि सितंबर 2009 में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच व सुप्रीम कोर्ट ने हुड्डा सरकार द्वारा औद्योगिक सुरक्षा बल से हटाए गए 43 सब इंस्पेक्टरों को बहाल करने का आदेश दिया था। इसी को आधार बनाकर इन सिपाहियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी बर्खास्तगी को गैर कानूनी बताया था। इन सिपाहियों की याचिका के अनुसार उनकी भर्ती के विज्ञापन और चयन के दौरान यह कहीं भी स्पष्ट नहीं था कि उनका चयन औद्योगिक सुरक्षा बल के लिए किया गया है। उनका चयन टेली कम्युनिकेशन विंग के लिए ऑपरेटर सिपाही के पद पर किया गया था। इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एमएम कुमार ने इसी साल 15 फरवरी को इनकी बहाली का आदेश जारी किया था। दलीलें सुनने के बाद जस्टिस सूर्य कांत ने इस मामले में सभी प्रतिवादी पक्षों को हाई कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है।

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