गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाने के दावे फेल |
शिवकुमार गौड़ त्न जींद |
प्रदेश सरकार का निजी स्कूलों में25 फीसदी दाखिले गरीब बच्चों को देने का दावा फेल हो गया है। खुद प्रदेश सरकार ने यह बात हाईकोर्ट के सामने स्वीकार की है कि महज नौ फीसदी बच्चों को ही इस कानून के तहत निजी स्कूलों में दाखिला मिल पाया है। शिक्षा के अधिकार को प्रभावी बनाने के लिए मुहिम छेडऩे वाले रोहतक के सतबीर सिंह हुड्डा की याचिका पर जवाब देते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में डायरेक्टर सेकेंडरी एजुकेशन ने प्रदेश के सभी जिलों की स्थिति का ब्योरा दिया है। इसमें प्रदेश सरकार ने बताया है कि प्रदेश के निजी स्कूलों में महज गरीब बच्चों को महज नौ फीसदी दाखिले मिल पाए हैं। प्रदेशभर के जिलों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर तैयार इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2012-13 शिक्षासत्र में प्रदेशभर के कुल 3832 स्कूलों में 3,95,685 दाखिलों में से महज 35554 गरीब बच्चों को ही दाखिला दिया गया है। ॥न्यायालय में दी गई जानकारी से स्पष्ट है कि स्कूलों में 25 प्रतिशत गरीब बच्चों को दाखिला ही नहीं मिल पाया है। हम इसके लिए अपने संघर्ष को और तेज करेंगे। सरकार ने डीसी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी जो नियुक्तकी है, उसकी भी सार्थकता नहीं सामने आई है। इसके लिए हम सभी जिलों के डीसी से मिलकर आरटीई व 134ए को सख्ती से लागू कराने का प्रयास कर रहे हैं। -सत्यवीर सिंह एडवोकेट, संगठनकर्ता, 2प्लस5 मुद्दे जन आंदोलन |
यह क्या! २५ के बजाए सिर्फ ९ फीसदी दाखिले
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