एलटीसी राशि अलाट होने के बाद भी अधिकतर अध्यापकों के खाते में अभी भी यह रकम नहीं पहुंची है। इसके चलते हर रोज अध्यापक जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं मगर इनकी समस्याओं को सुनने के लिए न ही अधिकारी तैयार हैं और न ही संबंधित कर्मचारी। यह विभागीय लेटलतीफी का नतीजा कहा जाए या नई व्यवस्था की देन।
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लैब अटेंडेंट बनेंगे क्लर्क
फतेहाबाद : शिक्षा विभाग ने प्रयोगशाला सहायकों को पदोन्नति का तोहफा देने की योजना तैयार की है। प्रयोगशाला के सहायकों को पदोन्नत कर क्लर्क बनाया जाएगा। विद्यालय शिक्षा निदेशक ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किया है कि वे अपने-अपने जिले में कार्यरत प्रयोगशाला सहायकों से लिपिक के पद पर पदोन्नति के लिए केस मुख्यालय को भेजें। इस मामले में 9 सितंबर 2010 को जारी की गई प्रयोगशाला सहायकों की वरिष्ठता सूची के अनुसार जिले से संबंधित प्रयोगशाला सहायक से लिपिक के पद पर पदोन्नति मामले निदेशालय को भेजें। वरिष्ठ अधीक्षक वेदप्रकाश ने कहा कि फतेहाबाद में सात प्रयोगशाला सहायक कार्यरत हैं। जिनकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। निदेशालय के निर्देशानुसार समय पर उन्हें प्रयोगशाला सहायक से लिपिक के पद पर पदोन्नत मामले के बारे में रिपोर्ट भेज दी जाएगी।
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पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी) भर्ती में चार साल का अनुभव रखने वाले अध्यापकों को पात्रता परीक्षा से छूट दिए जाने का लाभ नाममात्र के गेस्ट
टीचर्स को ही मिल पाएगा। इसलिए गेस्ट टीचर भी इन नियमों के विरोध में खुलकर सामने आ गए हैं।
इस छूट के अनुसार केवल वही शिक्षक लाभान्वित होंगे जो संबंधित पोस्ट पर कार्यरत हैं। इसके चलते प्रदेश भर के 16 हजार से अधिक अतिथि अध्यापकों में से केवल ढाई हजार ही इस योजना के तहत आवेदन कर सकेंगे। उदाहरण के तौर पर पीजीटी हिंदी के लिए आवेदन करने वाले अध्यापक के पास उसी पोस्ट का चार साल का अनुभव प्रमाण पत्र होना चाहिए। इस शर्त से हजारों गेस्ट टीचर आवेदन करने से वंचित रह गए हैं।
प्रमाण पत्र हासिल करना भी आसान नहीं
हरियाणा स्कूल टीचर सेलेक्शन बोर्ड ने हाल ही में निकाली गई पीजीटी भर्ती में चार साल का अनुभव रखने वाले अध्यापकों को पात्रता परीक्षा के लिए छूट दी है। इसका लाभ केवल अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर दिया जाएगा। यह प्रमाण पत्र जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी किया जाना है, जिस पर शिक्षा निदेशक के काउंटर साइन अनिवार्य हैं। इसलिए इस नियम से केवल उन्हीं शिक्षकों को लाभ होगा, जो संबंधित विषय में अध्यापन कार्य पहले से ही कर रहे हों।
अतिथि अध्यापक शर्त के खिलाफ
छूट नहीं स्थाई नियुक्ति चाहिए : शास्त्री
अतिथि अध्यापक संघ के जिला प्रधान ईश्वर शास्त्री बताते हैं कि सरकार ने गेस्ट टीचर्स को स्थाई नियुक्ति का आश्वासन दिया था। लेकिन अब पात्रता परीक्षा में छूट देकर मात्र औपचारिकता की जा रही है। इसमें भी विभाग ने ऐसी कई कड़ी शर्तें लगा दी हैं जिससे गेस्ट टीचर्स को छूट का कोई फायदा नहीं होगा। जब तक सभी हमें स्थाई नियुक्ति नहीं दी जाती, उनका संघर्ष जारी रहेगा।
इस प्रकार की शर्त थोपना गलत : अर्चना
पात्र अध्यापक संघ की महिला विंग की प्रदेशाध्यक्ष अर्चना सुहासिनी का कहना है कि पीजीटी भर्ती में सेलेक्शन बोर्ड ने कई कड़ी शर्तें थोप दी हैं। पात्रता परीक्षा में छूट देकर जहां अतिथि अध्यापकों को प्राथमिकता देने का प्रयास किया जा रहा है, वहीं अधीनस्थ परीक्षाओं में प्रतिशतता की शर्त लगाकर पात्र अध्यापकों के साथ मजाक किया जा रहा है। इसके चलते हजारों उम्मीदवार पात्रता परीक्षा पास होने के बावजूद आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए जब तक इन शर्तो को वापस नहीं लिया जाता, उनका विरोध भी जारी रहेगा।
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लैब अटेंडेंट बनेंगे क्लर्क
फतेहाबाद : शिक्षा विभाग ने प्रयोगशाला सहायकों को पदोन्नति का तोहफा देने की योजना तैयार की है। प्रयोगशाला के सहायकों को पदोन्नत कर क्लर्क बनाया जाएगा। विद्यालय शिक्षा निदेशक ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किया है कि वे अपने-अपने जिले में कार्यरत प्रयोगशाला सहायकों से लिपिक के पद पर पदोन्नति के लिए केस मुख्यालय को भेजें। इस मामले में 9 सितंबर 2010 को जारी की गई प्रयोगशाला सहायकों की वरिष्ठता सूची के अनुसार जिले से संबंधित प्रयोगशाला सहायक से लिपिक के पद पर पदोन्नति मामले निदेशालय को भेजें। वरिष्ठ अधीक्षक वेदप्रकाश ने कहा कि फतेहाबाद में सात प्रयोगशाला सहायक कार्यरत हैं। जिनकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। निदेशालय के निर्देशानुसार समय पर उन्हें प्रयोगशाला सहायक से लिपिक के पद पर पदोन्नत मामले के बारे में रिपोर्ट भेज दी जाएगी।
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सिर्फ ढाई हजार गेस्ट टीचर ही आवेदन करने के योग्य
पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी) भर्ती में चार साल का अनुभव रखने वाले अध्यापकों को पात्रता परीक्षा से छूट दिए जाने का लाभ नाममात्र के गेस्ट
टीचर्स को ही मिल पाएगा। इसलिए गेस्ट टीचर भी इन नियमों के विरोध में खुलकर सामने आ गए हैं।
इस छूट के अनुसार केवल वही शिक्षक लाभान्वित होंगे जो संबंधित पोस्ट पर कार्यरत हैं। इसके चलते प्रदेश भर के 16 हजार से अधिक अतिथि अध्यापकों में से केवल ढाई हजार ही इस योजना के तहत आवेदन कर सकेंगे। उदाहरण के तौर पर पीजीटी हिंदी के लिए आवेदन करने वाले अध्यापक के पास उसी पोस्ट का चार साल का अनुभव प्रमाण पत्र होना चाहिए। इस शर्त से हजारों गेस्ट टीचर आवेदन करने से वंचित रह गए हैं।
प्रमाण पत्र हासिल करना भी आसान नहीं
हरियाणा स्कूल टीचर सेलेक्शन बोर्ड ने हाल ही में निकाली गई पीजीटी भर्ती में चार साल का अनुभव रखने वाले अध्यापकों को पात्रता परीक्षा के लिए छूट दी है। इसका लाभ केवल अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर दिया जाएगा। यह प्रमाण पत्र जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी किया जाना है, जिस पर शिक्षा निदेशक के काउंटर साइन अनिवार्य हैं। इसलिए इस नियम से केवल उन्हीं शिक्षकों को लाभ होगा, जो संबंधित विषय में अध्यापन कार्य पहले से ही कर रहे हों।
अतिथि अध्यापक शर्त के खिलाफ
छूट नहीं स्थाई नियुक्ति चाहिए : शास्त्री
अतिथि अध्यापक संघ के जिला प्रधान ईश्वर शास्त्री बताते हैं कि सरकार ने गेस्ट टीचर्स को स्थाई नियुक्ति का आश्वासन दिया था। लेकिन अब पात्रता परीक्षा में छूट देकर मात्र औपचारिकता की जा रही है। इसमें भी विभाग ने ऐसी कई कड़ी शर्तें लगा दी हैं जिससे गेस्ट टीचर्स को छूट का कोई फायदा नहीं होगा। जब तक सभी हमें स्थाई नियुक्ति नहीं दी जाती, उनका संघर्ष जारी रहेगा।
इस प्रकार की शर्त थोपना गलत : अर्चना
पात्र अध्यापक संघ की महिला विंग की प्रदेशाध्यक्ष अर्चना सुहासिनी का कहना है कि पीजीटी भर्ती में सेलेक्शन बोर्ड ने कई कड़ी शर्तें थोप दी हैं। पात्रता परीक्षा में छूट देकर जहां अतिथि अध्यापकों को प्राथमिकता देने का प्रयास किया जा रहा है, वहीं अधीनस्थ परीक्षाओं में प्रतिशतता की शर्त लगाकर पात्र अध्यापकों के साथ मजाक किया जा रहा है। इसके चलते हजारों उम्मीदवार पात्रता परीक्षा पास होने के बावजूद आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए जब तक इन शर्तो को वापस नहीं लिया जाता, उनका विरोध भी जारी रहेगा।
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हरियाणा ओपनः 10वीं में 85% परीक्षार्थी फेल
भिवानी.हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित ओपन स्कूल सेकंडरी के परीक्षा परिणाम में 85 फीसदी से ज्यादा परीक्षार्थी फेल हो गए। सीनियर सेकंडरी का परिणाम भी कुछ खास नहीं रहा और इसमें भी कुल परीक्षार्थियों में सिर्फ एक तिहाई के लगभग ही पास हो सके।
सेकंडरी परीक्षा में कुल 28 हजार 849 परीक्षार्थी में 25 हजार 903 परीक्षार्थी फेल हो गए, जिनकी प्रतिशतता 86.46 रही। इसके अलावा सेमेस्टर(रि-अपीयर) में कुल 2080 में से 1695 और सीटीपी/एसटीसी में कुल 6636 में से 4674 परीक्षार्थी फेल हुए हैं। अगर शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के परिणाम पर नजर डालें, तो शहरी क्षेत्रों के सिर्फ 10.04 फीसदी और ग्रामीण के 14.58 फीसदी परीक्षार्थी ही पास हो सके हैं। लड़कियों की पास प्रतिशतता 11.09 फीसदी और लड़कों की 14.49 रही।
सीनियर सेकंडरी में एक तिहाई ही हुए पास :सीनियर सेकंडरी का परिणाम दसवीं के मुकाबले कुछ संतोषजनक रहा। कुल 37 हजार 664 में से 26 हजार 739 परीक्षार्थी फेल हुए है। इनकी प्रतिशतता 62.52 रही। सेमेस्टर(रि-अपीयर) में 1258 में से 821 फेल हुए, जिनकी प्रतिशतता 65.27 रही। शहरी क्षेत्र में सिर्फ 38.19 और ग्रामीण क्षेत्र में 37.23 परीक्षार्थी ही पास हो सके। लड़के व लड़कियों के अलग अलग परिणाम देखें, तो 45.62 फीसदी लड़कियां और 33.77 फीसदी लड़के पास हुए हैं।
विज्ञान विषय में रुचि सबसे कम सेकंडरी के घोषित परिणाम में अगर विषयानुसार परिणाम पर नजर डाले, तो देखेंगे कि विज्ञान के प्रति बच्चों का रुझान सबसे कम रहा है। विज्ञान विषय में सिर्फ 23.86 फीसदी बच्चे ही पास हो सके। विज्ञान के बाद बच्चों के लिए सबसे कठिन विषय गणित रहा है, जिसमें 25.51 फीसदी बच्चों की नैया ही पार लग पाई। इसके अलावा अंग्रेजी में 47.27, सामाजिक शास्त्र में से 49.44, हिंदी में 52.10, पंजाबी में 56.41 फीसदी बच्चे पास हुए है।
सबसे ज्यादा बच्चे गृहविज्ञान में 65.17 फीसदी पास हुए है। उधर सीनियर सेकंडरी के बच्चों को पर्यावरण विज्ञान विषय से बड़ा डर लगता है। इस विषय में सिर्फ 16 फीसदी बच्चे ही पास हुए। इसके अलावा फिजिकल में 25, बायोलॉजी में 33, अकाउंट्स में 35, केमिस्ट्री में 44.42, इकोनॉमिक्स में 43 फीसदी बच्चे पास हो सके।
रिजल्ट काफी कम रहा, पर पिछले साल से अच्छा इस बार दोनों कक्षाओं का रिजल्ट काफी कम रहा है, लेकिन पिछले साल के मुकाबले रिजल्ट बढ़ा है। बोर्ड की यही कोशिश है कि परिणाम अच्छा आए। इसके लिए ओपन स्कूल के परीक्षार्थियों के लिए कक्षाएं लगाई जा रही हैं। ओपन स्कूल ने पिछले साल ही यह सिस्टम शुरू किया है। इन कक्षाओं से बच्चों को काफी फायदा होगा। आने वालो वर्षो में इन कक्षाओं का असर दिखने लगेगा।
-प्रतिभा दहिया, डिप्टी डायरेक्टर, ओपन स्कूल, भिवानी बोर्ड
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