दिल्ली में ऐसे सरकारी स्कूलों की कमी नहीं है , जहां एक क्लास में 80-100 स्टूडेंट्स पढ़ाई कररहे हैं। राइट टु एजुकेशन एक्ट में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए अहम प्रावधान किए गए हैं। जिनमें टीचर्स -स्टूडेंट रेश्यो 1:35 होने की बात भी प्रमुखता से कही गई है। वहीं सीबीएसई ने भी कई सकुर्लर जारी किए हैं।इसके अनुसार , एक क्लास में 40 से अधिक स्टूडेंट्स नहीं होने चाहिए।
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दरअसल सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट्स की संख्या लगातार बढ़ रही है , लेकिन टीचर्स के हजारों पद अभी खालीपड़े हुए हैं। शिक्षा विभाग के जुलाई के आंकड़ों को देखें तो टीचर्स के 17,313 पद खाली पड़े हुए हैं जबकिस्वीकृत पदों ( सेंक्शंड स्ट्रेंथ ) की संख्या 54459 है। यानी करीब एक तिहाई पद खाली हैं। जानकारों का कहना हैकि टीचर्स की कमी बहुत बड़ी समस्या है , साथ ही स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर में भी काफी सुधार की जरूरत है। वैसेतो काफी स्कूलों में स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा है , लेकिन संगम विहार , दयालपुर , सीमापुरी समेत कई जगहोंपर स्कूलों में एक क्लास में 100 स्टूडेंट्स तो आराम से देखने को मिल जाएंगे।
दिल्ली सरकार के करीब 926 स्कूल हैं। नियम कहते हैं कि जीरो वैकेंसी होनी चाहिए , लेकिन हजारों पद खालीपड़े हुए हैं। इसका परिणाम यह होता है कि एक क्लास में स्टूडेंट्स भरे रहते हैं और टीचर उन पर ध्यान नहीं देपाता। गवर्नमेंट स्कूल टीचर्स असोसिएशन के प्रेजिडेंट ओम सिंह और सेक्रेटरी डी . के . तिवारी का कहना है किसरकारी स्कूलों का रिजल्ट हर साल बेहतर हो रहा है और स्टूडेंट्स की संख्या भी बढ़ रही है। पिछले कुछ सालोंके आंकड़ों को देखें तो स्टूडेंट्स की संख्या 8 लाख से बढ़कर 15 लाख के पार पहंुच गई है लेकिन स्कूलों मेंटीचर्स की कमी दूर नहीं हो पाई है। शिक्षा विभाग टीचर्स की कमी को दूर करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स औरगेस्ट टीचर की भी नियुक्ति करता है , लेकिन जब तक रेग्युलर टीचर नियुक्त नहीं होंगे तब तक यह समस्या बनीरहेगी। क्वॉलिटी एजुकेशन के लिए इन्फ्रास्ट्र्क्चर में सुधार बहुत जरूरी है। टीचर्स के सभी खाली पदों को जल्द सेजल्द भरा जाना चाहिए। सरकारी स्कूलों में टीजीटी के सबसे ज्यादा 7333 पद खाली हैं , जबकि लेक्चरर के4595 पदों को भरा जाना है। प्रिंसिपल , वाइस प्रिंसिपल , असिस्टेंट टीचर , लैब असिस्टेंट के पद खाली हैं
असोसिएशन का कहना है कि टीचर नियुक्ति (1 से 8 वीं क्लास तक पढ़ाने के लिए ) की न्यूनतम योग्यता शर्तोंमें सेंट्रल टीचर एलिजबिलिटी टेस्ट ( सीटीईटी ) क्वालीफाई किया जाना जरूरी हो गया है। शिक्षा निदेशालय हरसाल गेस्ट टीचर्स की भर्ती करता है ताकि स्कूलों में टीचर्स की कमी को दूर किया जा सके लेकिन इस बार तोसीटीईटी की शर्त के कारण गेस्ट टीचर्स की संख्या भी कम है। कई स्कूलों में तो 20 से 30 टीचर्स तक की कमी है।
पोस्ट स्वीकृत पद खाली पद
प्रिंसिपल 917 406
वाइस प्रिंसिपल 1288 577
लेक्चरर 10856 4595
टीजीटी 29421 7333
असिस्टेंट टीचर ( प्राइमरी ) 3963 1426
योगा टीचर 508 94
म्यूजिक टीचर 308 45
पीईटी 1108 89
ड्रॉइंग टीचर 1033 79
वर्क एक्सपीरियंस टीचर 949 948
टीजीटी होम साइंस 611 182
लैब असिस्टेंट 2046 697
क्राफ्ट टीचर 7 6
असिस्टेंट टीचर ( नर्सरी ) 494 440
लाइब्रेरियन 950 396
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दरअसल सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट्स की संख्या लगातार बढ़ रही है , लेकिन टीचर्स के हजारों पद अभी खालीपड़े हुए हैं। शिक्षा विभाग के जुलाई के आंकड़ों को देखें तो टीचर्स के 17,313 पद खाली पड़े हुए हैं जबकिस्वीकृत पदों ( सेंक्शंड स्ट्रेंथ ) की संख्या 54459 है। यानी करीब एक तिहाई पद खाली हैं। जानकारों का कहना हैकि टीचर्स की कमी बहुत बड़ी समस्या है , साथ ही स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर में भी काफी सुधार की जरूरत है। वैसेतो काफी स्कूलों में स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा है , लेकिन संगम विहार , दयालपुर , सीमापुरी समेत कई जगहोंपर स्कूलों में एक क्लास में 100 स्टूडेंट्स तो आराम से देखने को मिल जाएंगे।
दिल्ली सरकार के करीब 926 स्कूल हैं। नियम कहते हैं कि जीरो वैकेंसी होनी चाहिए , लेकिन हजारों पद खालीपड़े हुए हैं। इसका परिणाम यह होता है कि एक क्लास में स्टूडेंट्स भरे रहते हैं और टीचर उन पर ध्यान नहीं देपाता। गवर्नमेंट स्कूल टीचर्स असोसिएशन के प्रेजिडेंट ओम सिंह और सेक्रेटरी डी . के . तिवारी का कहना है किसरकारी स्कूलों का रिजल्ट हर साल बेहतर हो रहा है और स्टूडेंट्स की संख्या भी बढ़ रही है। पिछले कुछ सालोंके आंकड़ों को देखें तो स्टूडेंट्स की संख्या 8 लाख से बढ़कर 15 लाख के पार पहंुच गई है लेकिन स्कूलों मेंटीचर्स की कमी दूर नहीं हो पाई है। शिक्षा विभाग टीचर्स की कमी को दूर करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स औरगेस्ट टीचर की भी नियुक्ति करता है , लेकिन जब तक रेग्युलर टीचर नियुक्त नहीं होंगे तब तक यह समस्या बनीरहेगी। क्वॉलिटी एजुकेशन के लिए इन्फ्रास्ट्र्क्चर में सुधार बहुत जरूरी है। टीचर्स के सभी खाली पदों को जल्द सेजल्द भरा जाना चाहिए। सरकारी स्कूलों में टीजीटी के सबसे ज्यादा 7333 पद खाली हैं , जबकि लेक्चरर के4595 पदों को भरा जाना है। प्रिंसिपल , वाइस प्रिंसिपल , असिस्टेंट टीचर , लैब असिस्टेंट के पद खाली हैं
असोसिएशन का कहना है कि टीचर नियुक्ति (1 से 8 वीं क्लास तक पढ़ाने के लिए ) की न्यूनतम योग्यता शर्तोंमें सेंट्रल टीचर एलिजबिलिटी टेस्ट ( सीटीईटी ) क्वालीफाई किया जाना जरूरी हो गया है। शिक्षा निदेशालय हरसाल गेस्ट टीचर्स की भर्ती करता है ताकि स्कूलों में टीचर्स की कमी को दूर किया जा सके लेकिन इस बार तोसीटीईटी की शर्त के कारण गेस्ट टीचर्स की संख्या भी कम है। कई स्कूलों में तो 20 से 30 टीचर्स तक की कमी है।
पोस्ट स्वीकृत पद खाली पद
प्रिंसिपल 917 406
वाइस प्रिंसिपल 1288 577
लेक्चरर 10856 4595
टीजीटी 29421 7333
असिस्टेंट टीचर ( प्राइमरी ) 3963 1426
योगा टीचर 508 94
म्यूजिक टीचर 308 45
पीईटी 1108 89
ड्रॉइंग टीचर 1033 79
वर्क एक्सपीरियंस टीचर 949 948
टीजीटी होम साइंस 611 182
लैब असिस्टेंट 2046 697
क्राफ्ट टीचर 7 6
असिस्टेंट टीचर ( नर्सरी ) 494 440
लाइब्रेरियन 950 396
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