नई दिल्ली. कांग्रेसी नेता एनडी तिवारी पितृत्व मामले में एक बार फिर दिल्ली हाईकोर्ट की शरण में हैं। उन्होंने प्रतिष्ठा के अधिकार की रक्षा के नाम पर डीएनए रिपोर्ट सार्वजनिक न करने की मांग की है।
यह रिपोर्ट शुक्रवार को खोली जाएगी। हाईकोर्ट की एकल खंडपीठ ने पिछले सप्ताह रिपोर्ट 27 जुलाई को कोर्ट में खोलने के आदेश दिए थे। तिवारी ने इसे ही चुनौती दी है। रोहित शेखर नामक युवक का दावा है कि तिवारी उसके जैविक पिता हैं।
डीएनए रिपोर्ट से इस दावे की सच्चाई पता लग सकेगी। तिवारी 87 साल के हैं। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि कोर्ट अभी तक यह निर्णय नहीं कर पाया है कि यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र में आता भी है या नहीं? ऐसे में रिपोर्ट सार्वजनिक करना उनके साथ भारी अन्याय होगा। अधिकार क्षेत्र पर निर्णय
आने तक रिपोर्ट सार्वजनिक न की जाए।
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