हरियाणा में आरटीई के तहत दाखिलों की स्थिति अब तक स्पष्ट नहीं है। दरअसल नेबरहुड स्कूल इस कानून के तहत बच्चों को दाखिला देने में रोड़ा बने हैं। जब तक नेबरहुड स्कूल तय नहीं हो जाते, दाखिलों की स्थिति स्पष्ट नहीं होगी। हालांकि निदेशक (प्राथमिक शिक्षा) अभय सिंह यादव ने दावा किया है कि नेबरहुड स्कूल इस हफ्ते तय हो जाएंगे।
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग ने धारा 134 ए के तहत निजी स्कूलों में दाखिले दे दिए हैं, लेकिन आरटीई के तहत दिए जाने वाले 25 फीसदी दाखिलों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहींं है। स्कूलों के सामने दुविधा ये है कि 134-ए और आरटीई की धारा-12 के तहत अगर दाखिले दिए जाते हैं तो यह आंकड़ा 50 फीसदी
तक पहुंच जाएगा। हाईकोर्ट ने इस पर 11 जुलाई को जवाब मांगा है। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग ने धारा 134 ए के तहत निजी स्कूलों में दाखिले दे दिए हैं, लेकिन आरटीई के तहत दिए जाने वाले 25 फीसदी दाखिलों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहींं है। स्कूलों के सामने दुविधा ये है कि 134-ए और आरटीई की धारा-12 के तहत अगर दाखिले दिए जाते हैं तो यह आंकड़ा 50 फीसदी
क्या है स्थिति: 134-ए के तहत दाखिले चल रहे हैं क्योंकि सरकार को निजी स्कूलों को इसके बदले में प्रतिपूर्ति नहीं करनी। आरटीई के तहत सरकार को निजी स्कूलों को प्रतिपूर्ति करनी होगी। यह पैसे निजी स्कूलों को कब देने हैं और किसे देने हैं? इसे लेकर विभाग ने गाइडलाइन जारी नहीं की है। साथ ही जो बच्चे धारा-12 के तहत दाखिला लेंगे, उनकी फीस की प्रतिपूर्ति तो सरकार देगी, लेकिन ये स्पष्ट नहीं है कि वर्दी, स्टेशनरी, स्कूल बैग और कापी-किताब के पैसों का क्या होगा। इससे पहले निदेशक सेकेंडरी एजुकेशन ने हाईकोर्ट में कहा था कि 21 जिलों के ३८३२ निजी स्कूलों में ३९५६८५ छात्रों को दाखिला दिया गया है। हर जिले में चार सदस्यीय कमेटी बना दी गई है जो दाखिला विवाद से जुड़े मामलों पर पीरियोडिकल मीटिंग करेगी। निदेशक (प्राथमिक शिक्षा) अभय सिंह यादव का कहना है कि नेबरहुड स्कूल तय होने के बाद ही बाकी शर्तों के बारे में कुछ कहा जा सकेगा।
मामले पर ११ जुलाई को होनी है हाईकोर्ट में सुनवाई
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