पं. भगवत दयाल स्वास्थ्य विज्ञान विवि ने हरियाणा पीएमटी का परिणाम घोषित कर दिया। संस्थान के परीक्षा नियंत्रक डॉ. संजय कुमार ने बताया कि इसके बाद अंतिम लिस्ट जारी की जाएगी। इसमें विशेष रूप से पीएच, रिजर्वेशन, स्पोर्ट्स कोटा आदि की वेटेज दी जाएगी। जल्द ही कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज करनाल और मेडिकल कॉलेज नलहड़ में भी एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए विद्यार्थी दाखिला ले सकेंगे।
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कार्यालयों मे हाजिरी लगाकर कामचोरी, मनमानी, आरामतलबी करने वाले सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के दिन अब लदने वाले हैं। जल्द ही यह सब मोबाइल ट्रैकर की जद में होंगे। जिला प्रशासन को इनकी लोकेशन का तो हर
समय पता रहेगा ही, यह जानकारी भी रहेगी कि अपनी ड्यूटी को वह ईमानदारी से निभा रहे हैं अथवा नहीं। सरकारी कार्यालयों में समय पर काम न होने से जनता परेशान होती रहती है जबकि साहब हाजिरी लगाकर व्यक्तिगत काम निपटाने बाहर चले जाते या कामचोर हो जाते हैं। इसी से निपटने के लिए झज्जर जिले में अब मोबाइल ट्रैकर की तकनीक अपनाई जा रही है। जागरण से बातचीत में जिला उपायुक्त अजित बालाजी जोशी ने बताया कि इस तकनीक और सॉफ्टवेयर से जिले के हर प्रमुख अधिकारी-कर्मचारी का मोबाइल कनेक्ट कर दिया जाएगा। इसके बाद वो डयूटी टाइम में हर पल ट्रेकर की जद में रहेंगे। न तो वे अपनी लोकेशन के बाबत किसी को गुमराह कर पाएंगे और ना ही अपनी जिम्मेदारी के निवर्हन को लेकर। उन्होंने बताया कि साथ ही इस तकनीक से उनकी कार्यशैली पर ऑनलाइन निगाह भी रखी जा सकेगी। जोशी ने बताया कि मोबाइल ट्रेकर की योजना को अमलीजामा पहनाने की दिशा में काम चल रहा है। जल्द ही योजना का क्रियान्वित रूप भी नजर आने लगेगा। ज्ञात हो कि ऐसा करने वाला प्रदेश का पहला जिला झज्जर ही होगा। यहां यह भी ध्यान रहे कि कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए अल्ट्रासाउंड क्लीनिकों पर एक्टिव ट्रेकर लगाने के मामले में भी झज्जर ने ही पूरे प्रदेश में पहल की थी।
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कार्यालयों मे हाजिरी लगाकर कामचोरी, मनमानी, आरामतलबी करने वाले सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के दिन अब लदने वाले हैं। जल्द ही यह सब मोबाइल ट्रैकर की जद में होंगे। जिला प्रशासन को इनकी लोकेशन का तो हर
समय पता रहेगा ही, यह जानकारी भी रहेगी कि अपनी ड्यूटी को वह ईमानदारी से निभा रहे हैं अथवा नहीं। सरकारी कार्यालयों में समय पर काम न होने से जनता परेशान होती रहती है जबकि साहब हाजिरी लगाकर व्यक्तिगत काम निपटाने बाहर चले जाते या कामचोर हो जाते हैं। इसी से निपटने के लिए झज्जर जिले में अब मोबाइल ट्रैकर की तकनीक अपनाई जा रही है। जागरण से बातचीत में जिला उपायुक्त अजित बालाजी जोशी ने बताया कि इस तकनीक और सॉफ्टवेयर से जिले के हर प्रमुख अधिकारी-कर्मचारी का मोबाइल कनेक्ट कर दिया जाएगा। इसके बाद वो डयूटी टाइम में हर पल ट्रेकर की जद में रहेंगे। न तो वे अपनी लोकेशन के बाबत किसी को गुमराह कर पाएंगे और ना ही अपनी जिम्मेदारी के निवर्हन को लेकर। उन्होंने बताया कि साथ ही इस तकनीक से उनकी कार्यशैली पर ऑनलाइन निगाह भी रखी जा सकेगी। जोशी ने बताया कि मोबाइल ट्रेकर की योजना को अमलीजामा पहनाने की दिशा में काम चल रहा है। जल्द ही योजना का क्रियान्वित रूप भी नजर आने लगेगा। ज्ञात हो कि ऐसा करने वाला प्रदेश का पहला जिला झज्जर ही होगा। यहां यह भी ध्यान रहे कि कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए अल्ट्रासाउंड क्लीनिकों पर एक्टिव ट्रेकर लगाने के मामले में भी झज्जर ने ही पूरे प्रदेश में पहल की थी।
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