भिवानी. दूसरे जिलों में ट्रेनिंग सेंटर के विरोध में जेबीटी विद्यार्थियों द्वारा शुरू किए गए आंदोलन के सामने बोर्ड प्रशासन को आखिरकार झुकना ही पड़ा। बोर्ड ने बुधवार को जेबीटी विद्यार्थियों की गृह जिले में ही ट्रेनिंग सेंटर देने की मांग मान ली।
बोर्ड प्रशासन के मुताबिक अब जेबीटी छात्राओं को काउंसलिंग में उनके द्वारा भरा गया सेंटर ही दिया जाएगा और छात्रों को भी गृह जिले में ट्रेनिंग सेंटर अलॉट किया जाएगा। वहीं, जेबीटी डिप्लोमे को तीन साल का करने के मामले पर बोर्ड ने कहा कि वह इस मामले को सीएम के नोटिस में लाएंगे।
ट्रेनिंग सेंटर दूसरे जिलों में देने के विरोध में प्रदेश भर के जेबीटी विद्यार्थी एसएफआई के बैनर तले सुबह नेहरू
पार्क में एकत्रित हुए। इसके बाद सभी प्रदर्शन करते हुए बोर्ड मुख्यालय पहुंचे। बोर्ड मुख्यालय के मेन गेट पर पहले से तैनात पुलिस कर्मचारियों ने उन्हें अंदर घुसने से रोका। इसी के दौरान एक बोर्ड अधिकारी भी गेट पर उनका ज्ञापन लेने के लिए पहुंचे, लेकिन विद्यार्थियों से सीधे बोर्ड सचिव से मिलने की बात कही।
इसी बीच गेट पर पहले से धरने पर बैठे बोर्ड के कच्चे कर्मचारी व कर्मचारी संगठन के कार्यकर्ता भी प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों के साथ हो गए और पुलिस पहरे को तोड़ते हुए बोर्ड परिसर में घुस गए। बोर्ड तैनात सिक्योरिटी गार्ड ने तभी बोर्ड कार्यालय को अंदर से बंद कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने बोर्ड प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। हालात गंभीर होते देख बोर्ड प्रशासन को और पुलिस बल मंगाना पड़ा। बोर्ड सचिव ने विद्यार्थियों को बुलाया और सेंटर संबंधी मांग को मान लिया।
22 को सीएम से मिलेंगे जेबीटी विद्यार्थी
जेबीटी डिप्लोमे को वापस दो साल का करने की मांग का समाधान न होने पर विद्यार्थियों ने फैसला किया कि प्रदेश भर के सभी जेबीटी विद्यार्थी 22 जुलाई को रोहतक के मानसरोवर पार्क में एकत्रित होंगे और अपनी से मांग बारे में मुख्यमंत्री को अवगत कराएंगे।
धरने पर बैठे कच्चे कर्मियों ने भी सौंपा ज्ञापन
मांगों को लेकर धरने पर बैठे कच्चे कर्मचारियों ने भी बोर्ड मुख्यालय पर प्रदर्शन किया और बोर्ड के संयुक्त सचिव को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने उपायुक्त को भी ज्ञापन सौंपा। बुधवार को सर्व कच्चा कर्मचारी संघ व सर्व कर्मचारी संघ के नेता भी उनके समर्थन में धरना स्थल पर पहुंचे। धरने की अध्यक्षता सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान जयप्रकाश परमार ने की। इस अवसर पर कर्मचारी नेता वजीर सिंह, शेर सिंह, धर्मवीर कूंगड़, दयानंद पूनिया, सतबीर शर्मा, संदीप सांगवान, संतोष देशवाल आदि ने संबोधित किया।
बोर्ड प्रशासन के मुताबिक अब जेबीटी छात्राओं को काउंसलिंग में उनके द्वारा भरा गया सेंटर ही दिया जाएगा और छात्रों को भी गृह जिले में ट्रेनिंग सेंटर अलॉट किया जाएगा। वहीं, जेबीटी डिप्लोमे को तीन साल का करने के मामले पर बोर्ड ने कहा कि वह इस मामले को सीएम के नोटिस में लाएंगे।
ट्रेनिंग सेंटर दूसरे जिलों में देने के विरोध में प्रदेश भर के जेबीटी विद्यार्थी एसएफआई के बैनर तले सुबह नेहरू
पार्क में एकत्रित हुए। इसके बाद सभी प्रदर्शन करते हुए बोर्ड मुख्यालय पहुंचे। बोर्ड मुख्यालय के मेन गेट पर पहले से तैनात पुलिस कर्मचारियों ने उन्हें अंदर घुसने से रोका। इसी के दौरान एक बोर्ड अधिकारी भी गेट पर उनका ज्ञापन लेने के लिए पहुंचे, लेकिन विद्यार्थियों से सीधे बोर्ड सचिव से मिलने की बात कही।
इसी बीच गेट पर पहले से धरने पर बैठे बोर्ड के कच्चे कर्मचारी व कर्मचारी संगठन के कार्यकर्ता भी प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों के साथ हो गए और पुलिस पहरे को तोड़ते हुए बोर्ड परिसर में घुस गए। बोर्ड तैनात सिक्योरिटी गार्ड ने तभी बोर्ड कार्यालय को अंदर से बंद कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने बोर्ड प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। हालात गंभीर होते देख बोर्ड प्रशासन को और पुलिस बल मंगाना पड़ा। बोर्ड सचिव ने विद्यार्थियों को बुलाया और सेंटर संबंधी मांग को मान लिया।
22 को सीएम से मिलेंगे जेबीटी विद्यार्थी
जेबीटी डिप्लोमे को वापस दो साल का करने की मांग का समाधान न होने पर विद्यार्थियों ने फैसला किया कि प्रदेश भर के सभी जेबीटी विद्यार्थी 22 जुलाई को रोहतक के मानसरोवर पार्क में एकत्रित होंगे और अपनी से मांग बारे में मुख्यमंत्री को अवगत कराएंगे।
धरने पर बैठे कच्चे कर्मियों ने भी सौंपा ज्ञापन
मांगों को लेकर धरने पर बैठे कच्चे कर्मचारियों ने भी बोर्ड मुख्यालय पर प्रदर्शन किया और बोर्ड के संयुक्त सचिव को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने उपायुक्त को भी ज्ञापन सौंपा। बुधवार को सर्व कच्चा कर्मचारी संघ व सर्व कर्मचारी संघ के नेता भी उनके समर्थन में धरना स्थल पर पहुंचे। धरने की अध्यक्षता सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान जयप्रकाश परमार ने की। इस अवसर पर कर्मचारी नेता वजीर सिंह, शेर सिंह, धर्मवीर कूंगड़, दयानंद पूनिया, सतबीर शर्मा, संदीप सांगवान, संतोष देशवाल आदि ने संबोधित किया।
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