एचएसएससी ने फेल को बनाया पीटीआइ+++परीक्षा में गुरुजी ही जीरो++एमडीयू : एमबीए की काउंसिलिंग 30 को +++तो क्या भिवानी बोर्ड पुनर्मूल्यांकन में कर पाता है सही मूल्यांकन

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा की जाने वाली भर्ती में अनियमितताओं संबंधी समाचार जब-तब अखबारों की सुर्खियां बनते रहते हैं। ताजा उदाहरण ऐसी अभ्यर्थी का है, जो निर्धारित शैक्षणिक योग्यताएं पूरी न किए जाने के बावजूद चयनित कर ली गई। यह खुलासा आरटीआइ से मांगी गई जानकारी में हुआ है। शिक्षिका फिलहाल शाहाबाद के सरकारी स्कूल में कार्यरत है। अप्रैल 2010 में हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन द्वारा जारी पीटीआइ शिक्षकों की चयन सूची में कई अनियमितताएं बरती गई। इनमें यमुनानगर की अनुसूचित जाति वर्ग की एक ऐसी अभ्यर्थी का
चयन कर लिया गया जो कि निर्धारित शैक्षणिक योग्यता भी पूरी नहीं करती। उक्त अभ्यर्थी सर्टिफिकेट कोर्स इन फिजिकल एजुकेशन में अनुत्तीर्ण घोषित है। रामपाल ने इस संबंध में आरटीआइ लगाई थी। उन्होंने चयन में पक्षपात संबंधी एक मामला अदालत में भी दायर कर रखा है
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परीक्षा में गुरुजी ही जीरो
 हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा विभिन्न विषयों के लिए गए स्क्रीनिंग टेस्ट में भावी शिक्षकों की पोल खुल गई। भावी शिक्षक बनने वाले अधिकतर उम्मीदवार स्क्रीनिंग टेस्ट में दस अंक तक भी नहीं ले पाए। यही नहीं कई उम्मीदवार तो जीरो पर ही अटक गए, यानी उन्होंने किसी सवाल का सही जवाब ही नहीं दिया। हरियाणा लोक सेवा आयोग ने वर्ष 2009 में स्कूल कैडर लेक्चरर की भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे। इन पदों की भर्ती के लिए आयोग द्वारा वर्ष 2010 के दौरान स्क्रीनिंग टेस्ट लिए गए थे। इसके बाद स्क्रीनिंग टेस्ट के परिणाम आने शुरू हुए तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। काफी चौकाने वाले परिणाम रहे। लेBरर बनने के लिए जिन उम्मीदवारों ने स्क्रीनिंग टेस्ट दिया, वह टेस्ट पास करना तो दूर 100 में से 10 अंक भी नहीं ले सके। अधिकतर उम्मीदवारों को शून्य ही मिले। अधिकतर नहीं हो पाए पास ¨हदी, राजनीति शास्त्र व अंग्रेजी विषयों में छह उम्मीदवारों ने शून्य अंक हासिल किया। इसका अर्थ है कि ये उम्मीदवार एक भी सवाल का जवाब सही नहीं दे पाए। इसी तरह सात उम्मीदवार ऐसे रहे, जो कुल 100 में से मात्र एक अंक ही हासिल कर पाए। पांच उम्मीदवारों का स्कोर दो से तीन तक रहा। 28 उम्मीदवारों ने चार से नौ अंक हासिल किए। जिन उम्मीदवारों के शून्य से 10 अंक आए हैं, उनमें से अधिकतर अतिथि अध्यापक हैं। अब क्या ऐसे अध्यापक बच्चों का बेड़ा पार लगा पाएंगे। गेस्ट टीचरों की बेकडोर इंट्री करने के फेर में थी तो कुछ लोग इसके खिलाफ पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में चले गए थे। सुनवाई के दौरान हाइर् कोर्ट द्वारा गेस्ट टीचरों को भर्ती में किसी तरह की छूट देने से साफ इन्कार कर दिया था
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एमडीयू : एमबीए की काउंसिलिंग 30 को 
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज एंड रिसर्च (इमसार) में दो वर्षीय एमबीए पाठ्यक्रम की चौथी प्रवेश काउंसिलिंग 30 अगस्त को सुबह 9 बजे आयोजित की जाएगी। इमसार के निदेशक प्रो. एचजे घोष राय ने बताया कि पहले यह काउंसिलिंग 21 अगस्त को निर्धारित थी, परंतु प्रशासनिक कारणों के चलते यह प्रवेश काउंसिलिंग अब 30 अगस्त को होगी। रिक्त सीटों की जानकारी इमसार कार्यालय या फिर विश्वविद्यालय की वेबसाइट से प्राप्त की जा सकती है। उधर, पीएचडी के संबंध में कुलपति डॉ. आरपी हुड्डा ने परीक्षकों के बोर्ड तथा शोध समिति की अनुशंसा पर 25 शोधार्थियों को पीएचडी उपाधि के लिए पात्र घोषित किया है
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तो क्या भिवानी बोर्ड पुनर्मूल्यांकन में कर पाता है सही मूल्यांकन 
आवेदन करने वाले ८० प्रतिशत छात्रों के नंबर जाते हैं बढ़ 
खुद आंकड़े इसके गवाह हैं। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (भिवानी बोर्ड) में पुनर्मूल्यांकन करवाने वाले ८० प्रतिशत छात्रों के अंक बढ़ जाते हैं। यही दावा है स्कूल संचालकों और प्राचार्यों का है।

ऐसे दो ताजा मामले रेवाड़ी में सामने आए हैं। यह फेल बताए गए दो छात्र दरअसल प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण निकले। ये दोनों विद्यार्थी नंगली परसापुर स्थित ज्ञानदीप विद्या मंदिर के हैं। इन दोनों को परीक्षा परिणाम में कहीं अनुपस्थित तो कहीं कम अंक दिखाकर फेल बताया गया। दसवीं कक्षा के छात्र चंचल सिंह दाधिया के हिंदी में 27 अंक दिए गए। पुनर्मूल्यांकन के बाद उसके 76 अंक आए। इसी प्रकार 12वीं कक्षा के छात्र संदीप यादव को प्रथम सेमेस्टर के गणित विषय में अनुपस्थित दिखाया गया। दूसरे सेमेस्टर में अंग्रेजी विषय में फेल कर दिया। पुनर्मूल्यांकन कराया तो गणित में 56 और अंग्रेजी में 46 अंक से उत्तीर्ण था।

बोर्ड बदलने को मजबूर स्कूल संचालक स्कूल संचालक सीबीएसई बोर्ड की ओर पलायन करने लगे हैं। हाल फिलहाल प्रदेश में सैकड़ों स्कूल सीबीएसई की मान्यता प्राप्त की है। अकेले रेवाड़ी में पिछले दो सालों में एक दर्जन से अधिक स्कूलों ने सीबीएसई की मान्यता हासिल की है। 

1 comment:

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