जींद : सर्व शिक्षा अभियान के तहत अनुबंध आधार पर लगे कर्मचारियों का तीन दिन का वेतन काटने के आदेश राज्य परियोजना निदेशालय ने जारी किए हैं। इन अनुबंधित कर्मचारियों का वेतन तीन दिन की हड़ताल करने के कारण काटने का निर्देश निदेशालय ने जारी किया है। इस आदेश के चलते पूरे प्रदेश से लगभग दो हजार अनुबंधित कर्मचारी प्रभावित होंगे। सर्व शिक्षा कर्मचारी संघ हरियाणा के बैनर तले सर्व शिक्षा अभियान के तहत अनुबंध आधार पर लगे कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर 6 से 8 अगस्त तक सामूहिक हड़ताल की थी। कर्मचारियों ने अपनी मांगों पर सभी जिलों के सर्व शिक्षा अभियान कार्यालयों व निदेशालय के बाहर धरने भी दिए थे। इन कार्यक्रमों के लिए गत 1 अगस्त को विभाग को नोटिस दिया गया था। 6 अगस्त को मुख्यालय पर धरना दिया था। इसके बाद भी अधिकारियों ने उनकी कोई भी बात नहीं मानी थी, जिससे 7 अगस्त को अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की थी और कर्मचारी आठ अगस्त तक हड़ताल पर रहे थे। अब राज्य परियोजना निदेशालय ने सभी जिला परियोजना संयोजकों को पत्र के तहत जारी किया है
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अब स्कूली स्तर पर ही मिलेगी तकनीकी शिक्षा
प्रदेश के छात्रों का स्कूल स्तर पर ही तकनीकी दक्षता हासिल करने का रास्ता साफ हो गया है। छात्रों को तकनीकी शिक्षा हासिल करने के लिए आइटीआइ में दाखिला लेने से पहले स्कूल स्तर पर ही यह सुविधा उपलब्ध होगी।
दसवीं और बारहवीं कक्षा में वोकेशनल विषय लागू करने के लिए शिक्षा बोर्ड प्रशासन भिवानी स्थित बोर्ड मुख्यालय में वोकेशनल एजुकेशन सेल गठित कर रहा है। यह सेल वोकेशनल विषयों की पाठ्य सामग्री, प्रश्न पत्र व परीक्षा प्रणाली की व्यवस्था लागू करेगा। इसके लिए प्रदेश के 8 जिलों के 40 स्कूलों में चार विषयों के शिक्षक भी नियुक्त कर दिए गए हैं, जो नौवीं से बारहवीं तक तकनीकी विषय पढ़ाएंगे। इस संबंध में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के निदेशक मंडल की बैठक हाल ही में चंडीगढ़ में हुई थी। बैठक में निदेशक मंडल ने शिक्षा बोर्ड में वोकेशनल एजुकेशन सेल गठित करने के फैसले पर मुहर लगाई है। यह सेल स्कूल स्तर पर तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कार्य करेगा। साथ ही यह सेल पाठ्यक्रम, परीक्षा प्रणाली लागू करने के साथ-साथ प्रश्न पत्र बनाने का कार्य करेगा। इस फैसले को लागू करने के लिए बोर्ड प्रशासन ने भिवानी स्थित मुख्यालय में वोकेशनल सेल के लिए जगह तलाशनी शुरू कर दी है। सेल को बोर्ड निदेशक स्तर का अधिकारी संचालित करेगा। उप निदेशक व अन्य अधिकारियों के पद भी ईजाद किए जाएंगे। शिक्षा बोर्ड के सचिव डीके बेहरा ने बताया कि सेल गठित करने का फैसला हो चुका है। गौरतलब है कि अभी तक हरियाणा में तकनीकी शिक्षा हासिल करने के लिए छात्रों को आइटीआइ या पोलीटेक्निकल कालेजों में जाना पड़ता है। इसके लिए छात्रों का कम से कम दसवीं पास होना जरूरी है। स्कूल स्तर पर ही वोकेशनल एजुकेशन लागू होने से छात्रों में तकनीकी दक्षता बढ़ेगी। शिक्षा विभाग ने वोकेशनल शिक्षा को लागू करने के लिए प्रदेश के 8 जिलों के 40 स्कूलों में प्रयोग के तौर पर शिक्षकों की नियुक्ति भी कर दी है
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राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और खेलकूद के आयोजन के अवसर पर प्लास्टिक का राष्ट्रीय ध्वज लहराने पर केंद्र सरकार ने देश भर में प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे आयोजनों में अब कागज के राष्ट्रीय ध्वज ही लहरा सकेंगे।
प्लास्टिक ध्वजों पर प्रतिबंध पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर लिया गया है। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और उनके मुख्य सचिवों को आदेश भेज दिया है। हरियाणा सरकार ने सभी अपने सभी जिला उपायुक्तों को इस बारे शासनादेश भेज दिया है। डीसी मंदीप सिंह बराड़ ने कहा कि सरकार की हिदायतों अनुसार महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय आयोजनों पर प्लास्टिक की बजाय कागज से बना राष्ट्रीय ध्वज लहराया जाएगा। उन्होंने इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों को भी आदेश दिए हैं कि वे भविष्य में इन हिदायतों की पालना सुनिश्चित कराएं। हालांकि ऐसे आयोजनों में फहराने के लिए कपड़े का ध्वज प्रयोग में लाए जाते हैं।
उन्होंने सलाह दी कि स्कूली बच्चों और आम लोगों को भी प्लास्टिक के झंडे नहीं इस्तेमाल करने चाहिए। इससे न सिर्फ पर्यावरण को खतरा है बल्कि यह ध्वज के अपमान का भी कारण बनते हैं।
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पीजी प्रवेश परीक्षा में नंबर राउंड ऑफ नहीं
नई दिल्ली
पीजी प्रवेश परीक्षा में अब किसी भी छात्र के नंबरों को राउंड ऑफ नहीं किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यह फैसला दिया है। जस्टिस एके पटनायक और रंजना प्रकाश देसाई की बेंच ने कर्नाटक के एक मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। बेंच ने साफ कहा, 'नंबरों को राउंड ऑफ कर प्रवेश दिए जाने की प्रक्रिया से कई अन्य छात्रों के साथ अन्याय होता है।'
मामला बेंगलुरू की राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस से जुड़ा हुआ है। यूनिवर्सिटी ने नर्सिंग के पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के लिए जी. हेमलता नामक छात्रा को उसके नंबर राउंड ऑफ करते हुए प्रवेश दिया था। हेमलता ने पीजी प्रवेश परीक्षा में ५४.७० फीसदी नंबर हासिल किए थे। प्रवेश के लिए कम से कम ५५ फीसदी नंबर जरूरी थे। यूनिवर्सिटी ने पहले हेमलता के नंबरों को ५५ फीसदी मानते हुए प्रवेश दिया। इसका विरोध हुआ तो उसका प्रवेश रद्द कर दिया।
इसके खिलाफ हेमलता ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका लगाई। वहां उसके पक्ष में फैसला आया। इस पर यूनिवर्सिटी ने शीर्ष कोर्ट में अपील की थी।
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अब स्कूली स्तर पर ही मिलेगी तकनीकी शिक्षा
प्रदेश के छात्रों का स्कूल स्तर पर ही तकनीकी दक्षता हासिल करने का रास्ता साफ हो गया है। छात्रों को तकनीकी शिक्षा हासिल करने के लिए आइटीआइ में दाखिला लेने से पहले स्कूल स्तर पर ही यह सुविधा उपलब्ध होगी।
दसवीं और बारहवीं कक्षा में वोकेशनल विषय लागू करने के लिए शिक्षा बोर्ड प्रशासन भिवानी स्थित बोर्ड मुख्यालय में वोकेशनल एजुकेशन सेल गठित कर रहा है। यह सेल वोकेशनल विषयों की पाठ्य सामग्री, प्रश्न पत्र व परीक्षा प्रणाली की व्यवस्था लागू करेगा। इसके लिए प्रदेश के 8 जिलों के 40 स्कूलों में चार विषयों के शिक्षक भी नियुक्त कर दिए गए हैं, जो नौवीं से बारहवीं तक तकनीकी विषय पढ़ाएंगे। इस संबंध में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के निदेशक मंडल की बैठक हाल ही में चंडीगढ़ में हुई थी। बैठक में निदेशक मंडल ने शिक्षा बोर्ड में वोकेशनल एजुकेशन सेल गठित करने के फैसले पर मुहर लगाई है। यह सेल स्कूल स्तर पर तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कार्य करेगा। साथ ही यह सेल पाठ्यक्रम, परीक्षा प्रणाली लागू करने के साथ-साथ प्रश्न पत्र बनाने का कार्य करेगा। इस फैसले को लागू करने के लिए बोर्ड प्रशासन ने भिवानी स्थित मुख्यालय में वोकेशनल सेल के लिए जगह तलाशनी शुरू कर दी है। सेल को बोर्ड निदेशक स्तर का अधिकारी संचालित करेगा। उप निदेशक व अन्य अधिकारियों के पद भी ईजाद किए जाएंगे। शिक्षा बोर्ड के सचिव डीके बेहरा ने बताया कि सेल गठित करने का फैसला हो चुका है। गौरतलब है कि अभी तक हरियाणा में तकनीकी शिक्षा हासिल करने के लिए छात्रों को आइटीआइ या पोलीटेक्निकल कालेजों में जाना पड़ता है। इसके लिए छात्रों का कम से कम दसवीं पास होना जरूरी है। स्कूल स्तर पर ही वोकेशनल एजुकेशन लागू होने से छात्रों में तकनीकी दक्षता बढ़ेगी। शिक्षा विभाग ने वोकेशनल शिक्षा को लागू करने के लिए प्रदेश के 8 जिलों के 40 स्कूलों में प्रयोग के तौर पर शिक्षकों की नियुक्ति भी कर दी है
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राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और खेलकूद के आयोजन के अवसर पर प्लास्टिक का राष्ट्रीय ध्वज लहराने पर केंद्र सरकार ने देश भर में प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे आयोजनों में अब कागज के राष्ट्रीय ध्वज ही लहरा सकेंगे।
प्लास्टिक ध्वजों पर प्रतिबंध पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर लिया गया है। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और उनके मुख्य सचिवों को आदेश भेज दिया है। हरियाणा सरकार ने सभी अपने सभी जिला उपायुक्तों को इस बारे शासनादेश भेज दिया है। डीसी मंदीप सिंह बराड़ ने कहा कि सरकार की हिदायतों अनुसार महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय आयोजनों पर प्लास्टिक की बजाय कागज से बना राष्ट्रीय ध्वज लहराया जाएगा। उन्होंने इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों को भी आदेश दिए हैं कि वे भविष्य में इन हिदायतों की पालना सुनिश्चित कराएं। हालांकि ऐसे आयोजनों में फहराने के लिए कपड़े का ध्वज प्रयोग में लाए जाते हैं।
उन्होंने सलाह दी कि स्कूली बच्चों और आम लोगों को भी प्लास्टिक के झंडे नहीं इस्तेमाल करने चाहिए। इससे न सिर्फ पर्यावरण को खतरा है बल्कि यह ध्वज के अपमान का भी कारण बनते हैं।
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पीजी प्रवेश परीक्षा में नंबर राउंड ऑफ नहीं
नई दिल्ली
पीजी प्रवेश परीक्षा में अब किसी भी छात्र के नंबरों को राउंड ऑफ नहीं किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यह फैसला दिया है। जस्टिस एके पटनायक और रंजना प्रकाश देसाई की बेंच ने कर्नाटक के एक मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। बेंच ने साफ कहा, 'नंबरों को राउंड ऑफ कर प्रवेश दिए जाने की प्रक्रिया से कई अन्य छात्रों के साथ अन्याय होता है।'
मामला बेंगलुरू की राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस से जुड़ा हुआ है। यूनिवर्सिटी ने नर्सिंग के पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के लिए जी. हेमलता नामक छात्रा को उसके नंबर राउंड ऑफ करते हुए प्रवेश दिया था। हेमलता ने पीजी प्रवेश परीक्षा में ५४.७० फीसदी नंबर हासिल किए थे। प्रवेश के लिए कम से कम ५५ फीसदी नंबर जरूरी थे। यूनिवर्सिटी ने पहले हेमलता के नंबरों को ५५ फीसदी मानते हुए प्रवेश दिया। इसका विरोध हुआ तो उसका प्रवेश रद्द कर दिया।
इसके खिलाफ हेमलता ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका लगाई। वहां उसके पक्ष में फैसला आया। इस पर यूनिवर्सिटी ने शीर्ष कोर्ट में अपील की थी।
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