मूल्यांकन का कार्य रेगुलर शिक्षकों की बजाए रिटायर्ड शिक्षकों से करवाया जाए


प्रदेश के लाखों शिक्षकों को शिक्षा बोर्ड प्रशासन उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य से निजात दिलाने जा रहा है। या यूं कहें कि बोर्ड प्रशासन ने न बजेगा बांस न रहेगी बांसुरी वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए शिक्षकों की मूल्यांकन राशि बढ़ाने की मांग को समाप्त करने का नया रास्ता निकाल लिया है। शिक्षा बोर्ड ने मूल्यांकन का कार्य अब सेवानिवृत्त शिक्षकों से करवाने का फैसला किया है। इसके लिए आन लाइन रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने बोर्ड की नई वेबसाइट पर आन लाइन रजिस्ट्रेशन के लिए प्रावधान किया है। गौरतलब है कि मार्च 2012 की परीक्षाओं के दौरान प्रदेश के शिक्षकों व प्राध्यापकों ने मूल्यांकन का कार्य काफी दिन तक नहीं किया था। उनकी मांग थी कि मूल्यांकन का मेहनताना बढ़ाया जाए। एक बार तो स्थिति यह हो गई थी कि शिक्षा बोर्ड को समय पर परीक्षा परिणाम घोषित करने की बजाए तिथि बढ़ाने पर विचार करना पड़ा था। लेकिन बाद में बोर्ड प्रशासन शिक्षकों की मांगों के सामने झुक गया और मेहनताना बढ़ाने की मांग मान ली। मांग मानने पर दसवीं तथा बारहवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम तैयार कर दिया गया और इसके बाद परिणाम समय पर घोषित कर दिया गया। लेकिन अब बोर्ड प्रशासन को शिक्षकों से निपटने का मौका मिल गया है। इसी के चलते बोर्ड प्रशासन ने फैसला किया है कि मूल्यांकन का कार्य रेगुलर शिक्षकों की बजाए रिटायर्ड शिक्षकों से करवाया जाए। क्योंकि रिटायर्ड शिक्षकों के पास समय भी होगा और वे बोर्ड के निर्धारित मेहनताने में भी कार्य करने के लिए तैयार हो जाएंगे। बोर्ड प्रशासन ने इसके लिए आन लाइन रजिस्ट्रेशन करने का फैसला किया है, ताकि कोई भी रिटायर्ड शिक्षक अपना रजिस्ट्रेशन आसानी से करवा सके। इस बारे में शिक्षा बोर्ड के सचिव डी के बेहरा ने पुष्टि की है। बढ़ाई मूल्यांकन पारिश्रमिक दरें हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने मूल्यांकन कार्य के लिए दरों में बढ़ोतरी कर दी है। दसवीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की दर 5 रुपये से बढ़ाकर 7 रुपये 50 पैसे कर दी है। इसी तरह बारहवीं कक्षा की उतर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की दर 7 रुपये से बढ़ाकर 9 रुपये कर दी गई है। बारहवीं कक्षा के मुख्य परीक्षक को तालमेल फीस 75 रुपये दिए जाएंगे, जबकि दसवीं कक्षा के मुख्य परीक्षक को 60 रुपये प्रति एसई दिए जाएंगे। शिक्षा बोर्ड की हर सेमेस्टर की परीक्षा में लाखों परीक्षार्थी बैठते हैं और हर 6 माह में लाखों उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य करवाना होता है। करीबन 30 लाख उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य हर छह माह में करवाना होता है। ऐसे में शिक्षा बोर्ड को हर सेमेस्टर की परीक्षा में तकरीबन तीन करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ता है

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