स्नातक-स्नातकोत्तर में शामिल होंगे वोकेशनल कोर्स+++देख सकेंगे एचसीएस परीक्षा की आंसरशीट +++job

नेशनल वोकेशनल एजुकेशन एंड क्वालीफिकेशन फ्रेम वर्क (एनवीईक्यूएफ) परियोजना हरियाणा के विद्यार्थियों का भविष्य सुधारने के साथ-साथ स्कूली स्तर पर भी उनके लिए अहम साबित होगी। शिक्षा विभाग ने इस संदर्भ में एक महत्वाकांक्षी योजना बनाई है। इसके अंर्तगत आइटीआइ, पॉलीटेक्निक व इंजीनियरिंग कालेजों को स्कूलों से जोड़ा जाएगा, ताकि विद्यार्थी व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में स्कूल के बाद स्नातक एवं स्नातकोत्तर शिक्षा भी ग्रहण कर सकें। देश में पहली बार हरियाणा में एनवीईक्यूएफ योजना के तहत पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत सोमवार से की गई है। प्रदेश सरकार इस प्रोजेक्ट को स्नातक एवं स्नातकोत्तर शिक्षण संस्थानों से भी जोड़ने की योजना बना रही है,
जिसके तहत स्कूलों से व्यावसायिक कोर्स करने वाले विद्यार्थियों को आइटीआइ, पॉलीटेक्निक व इंजीनियरिंग कॉलेजों में कोर्स करने की सुविधाएं उपलब्ध करवाने की योजना है। योजना सिरे चढ़ने के बाद विद्यार्थियों को इन कोर्सो से पीएचडी तक करने का मौका मिल सकता है। हरियाणा में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत को एक बहुत बडे़ अवसर के रूप में देखा जा रहा है। योजना के तहत 9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को विभिन्न 4 प्रकार के वोकेशनल कोर्स करवाये जाएंगे। शुरुआती दौर में प्रदेश के 8 जिलों के 40 स्कूलों को इसके लिए चुना गया है, जहां सिक्योरिटी, रिटेल, आइटी व ऑटोमोबाइल कोर्स करवाए जाएंगे। 9वीं व 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए ये कोर्स विषयों के रूप में होंगे और 11वीं व 12वीं कक्षा के कामर्स व साइंस वर्ग के विद्यार्थियों के लिए ये कार्स अतिरिक्त विषय के रूप में रखे गए। हैं। इसके साथ ही 11वीं व 12वीं कक्षा के कला वर्ग में पढ़ने वाले छात्रों के लिए ये कोर्स वैकल्पिक विषयों के तौर पर रखे गए हैं। इन कोर्सो के लिए परीक्षा लेने व प्रमाण पत्र जारी करने का काम हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा किया जाएगा। इन कोर्सो के लिए 60 अंक की परीक्षा होगी, जिसके तहत 20 अंक सतत एवं व्यापक मूल्यांकन प्रणाली परीक्षा और 40 अंक व्यावहारिक एवं प्रयोगात्मक परीक्षा के आधार पर दिए जाएंगे। अंक तालिका के अतिरिक्त एसएससी व हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड अलग से प्रमाण पत्र भी जारी करेगा। चयनित किए गए प्रदेश के सभी विद्यालयों में कोर्सो के विषयों का चयन उद्योगों की निकटता, नौकरी के अवसर व विद्यालयों के ढांचे के आधार पर किया जाएगा। चयनित सभी विद्यालयों के लिए 40 व्यावसायिक समन्वयक और 1-1 एमआइएस समन्वयक नियुक्त कर दिया गया है। नियुक्त किए गए सभी अध्यापकों को सभी व्यावसायिक कोर्सो के बारे में प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है और आइटी व रिटेल विषयों की कक्षाएं 1 सितंबर से चालू हो चुकी हैं
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देख सकेंगे एचसीएस परीक्षा की आंसरशीट 
हाईकोर्ट ने दी सहमति, रजिस्ट्रार ने कहा- गिन भी सकते हैं सवाल
उम्मीदवार अगर चाहें तो अब प्राथमिक न्यायिक परीक्षा में अपनी उत्तर पुस्तिका (आंसरशीट) देख सकेंगे। हरियाणा सिविल सर्विसिस (एचसीएस) परीक्षा की आंसरशीट दिखाने पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अपनी सहमति जता दी है। जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस आरपी नागरथ की बैंच ने इस संबंध में याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि याची अपनी ओएमआर आंसरशीट देख सकता है। कोर्ट ने कहा कि पारदर्शिता अपनाने के लिए जरूरी है कि कोई संदेह न रहे और अपनी आंसरशीट की पड़ताल करने में किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

रवि दहिया नामक उम्मीदवार ने अपनी याचिका में कहा कि उसने एचसीएस की प्राथमिक परीक्षा की अपनी आंसरशीट दिखाने के लिए आवेदन दिया लेकिन इसे मंजूर नहीं किया गया। आरटीआई के तहत भी उसे मांगी गई जानकारी मुहैया नहीं कराई गई। याचिका मेंं कहा गया कि उसने आठ से दस सवालों के जवाब नहीं दिए थे जबकि हाईकोर्ट की साइट पर दिए रिजल्ट के मुताबिक उसने 24 सवालों के जवाब नहीं दिए। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार (रिक्रूटमेंट) ने कोर्ट में पेश होकर कहा कि उन्हें आंसरशीट दिखाए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है। रजिस्ट्रार ने कहा कि याची चाहे तो जिन सवालों के जवाब नहीं दिए, उनकी गिनती भी कर सकता है। इस पर बैंच ने मांग स्वीकार करते हुए याचिका का निपटारा कर दिया।

तय समय में कितने स्टोन क्रशर को मिली अनुमति

चंडीगढ़त्न स्टोन क्रशर इकाइयों को तय समय सीमा में अनुमति दिए जाने के आवेदनों का फैसला करने पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है। कार्यवाहक चीफ जस्टिस जसबीर सिंह व जस्टिस राकेश कुमार जैन की खंडपीठ ने हरियाणा सरकार से पूछा कि वाटर व एयर एक्ट के तहत स्टोन क्रशर इकाई चलाने के लिए कितने आवेदन आए और उनमें से कितने आवेदन 120 दिन की तय समय सीमा में निपटाए गए। अदालत ने हरियाणा के पर्यावरण विभाग के एडीशनल प्रिंसिपल सेक्रेटी को भी पेश होने के निर्देश दिए हैं। खंडपीठ ने पंजाब सरकार को भी मामले में 18 सितंबर के लिए नोटिस जारी किया है। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि पंचकूला में वर्ष 2010 में 51 व 2011 में 52 आवेदन आए लेकिन किसी आवेदन पर फैसला नहीं लिया गया। इसका नतीजा यह रहा कि 120 दिनों की तय समय सीमा में कोई फैसला न करने पर इन इकाइयों को काम करने की डीम्ड परमिशन मिल गई। अदालत ने कहा कि सरकार की गलती से स्टोन क्रशर काम कर रहे हैं, जिन पर नियंत्रण होना जरूरी है। गुडगांव में स्टोन क्रशर बंद कराए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया कि बिना अनुमति स्टोन क्रशर इकाइयां धडल्ले से काम कर रही हैं। ऐसे में इन इकाइयों को बंद किया जाए। 

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