पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन के संयोजक सतबीर सिंह हुड्डा प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों को दाखिला नहीं मिलने का आंकड़ा जुटाने में लगे हैं। अब तक वह पांच जिलों का दौरा कर चुके हैं। हुड्डा का कहना है कि इन पांच जिलों में प्राइवेट स्कूल संचालकों ने करीब साढ़े चार हजार गरीब बच्चों व उनके अभिभावकों को अपने स्कूलों में दाखिला देने से इनकार कर दिया है। चंडीगढ़ के पंचायत भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए हुड्डा ने बताया कि हाईकोर्ट में उन्हें सात नवंबर को सभी 21 जिलों की रिपोर्ट पेश करनी है। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने उन्हें प्राइवेट स्कूलों में दाखिला नहीं मिल पाने वाले बच्चों व उनके अभिभावकों से मिलकर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। सतबीर हुड्डा ने कहा कि जिला उपायुक्त गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिला दिलाने के लिए कतई गंभीर नहीं हैं। वह अपने नेतृत्व वाली जिला कमेटियों की न तो बैठक बुलाते हैं और न ही प्राइवेट स्कूल संचालकों पर कोई दबाव बनाते हैं। यमुनानगर में दो हजार, अंबाला में 700, पानीपत में 900, पंचकूला में 600 और रोहतक में 400 अभिभावकों ने उन्हें जानकारी दी है कि वे गरीब हैं तथा निजी स्कूल संचालकों ने उनके बच्चे को स्कूल में दाखिला नहीं दिया है
एकत्र हो रहा बच्चों के दाखिले का डाटा
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन के संयोजक सतबीर सिंह हुड्डा प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों को दाखिला नहीं मिलने का आंकड़ा जुटाने में लगे हैं। अब तक वह पांच जिलों का दौरा कर चुके हैं। हुड्डा का कहना है कि इन पांच जिलों में प्राइवेट स्कूल संचालकों ने करीब साढ़े चार हजार गरीब बच्चों व उनके अभिभावकों को अपने स्कूलों में दाखिला देने से इनकार कर दिया है। चंडीगढ़ के पंचायत भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए हुड्डा ने बताया कि हाईकोर्ट में उन्हें सात नवंबर को सभी 21 जिलों की रिपोर्ट पेश करनी है। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने उन्हें प्राइवेट स्कूलों में दाखिला नहीं मिल पाने वाले बच्चों व उनके अभिभावकों से मिलकर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। सतबीर हुड्डा ने कहा कि जिला उपायुक्त गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिला दिलाने के लिए कतई गंभीर नहीं हैं। वह अपने नेतृत्व वाली जिला कमेटियों की न तो बैठक बुलाते हैं और न ही प्राइवेट स्कूल संचालकों पर कोई दबाव बनाते हैं। यमुनानगर में दो हजार, अंबाला में 700, पानीपत में 900, पंचकूला में 600 और रोहतक में 400 अभिभावकों ने उन्हें जानकारी दी है कि वे गरीब हैं तथा निजी स्कूल संचालकों ने उनके बच्चे को स्कूल में दाखिला नहीं दिया है
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